Jwala

Express News

मध्य प्रदेश जनसंपर्क

शिकारा में बैठे CM मोहन यादव- साड़ी और जैकेट खरीदी:भोपाल के बड़ा तालाब में 20 शिकारे लॉन्च

शिकारा में बैठे CM मोहन यादव- साड़ी और जैकेट खरीदी:भोपाल के बड़ा तालाब में 20 शिकारे लॉन्च

28504122025150234cover14-2_1764830185.webp

भोपाल के बड़े तालाब में आज से 20 शिकारे तैर रहे हैं, जो श्रीनगर की डल झील जैसे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाई और खुद शिकारे में बैठकर सैर की।

उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी भी मौजूद रहे। अब आम लोग भी इन शिकारों का लुत्फ उठा सकेंगे।

सीएम ने शिकारों की सुविधाओं की सराहना की। सैर के दौरान उन्होंने शिकारा-बोट रेस्टॉरेंट से चाय, पोहा, समोसे और फलों का नाश्ता किया और फ्लोटिंग बोट मार्केट से साड़ी और जैकेट भी खरीदी।

बोट क्लब पर हुए कार्यक्रम में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

देखिए तस्वीरें...

अब बड़े तालाब में चलेंगे 20 शिकारे।

अब बड़े तालाब में चलेंगे 20 शिकारे।

सीएम ने शिकारा-बोट रेस्टॉरेंट से चाय, पोहा, समोसे और फलों का नाश्ता किया।

सीएम ने शिकारा-बोट रेस्टॉरेंट से चाय, पोहा, समोसे और फलों का नाश्ता किया।

मुख्यमंत्री ने फ्लोटिंग बोट मार्केट से साड़ी और जैकेट भी खरीदी।

मुख्यमंत्री ने फ्लोटिंग बोट मार्केट से साड़ी और जैकेट भी खरीदी।

यहां जानिए कितना लगेगा किराया हर शिकारे में चार से छह लोग बैठ सकेंगे, अगर चार लोग 20 मिनट सैर करेंगे तो उन्हें 300 रुपए चुकाने होंगे, वहीं छह लोगों को 20 मिनट के लिए 450 रुपए देने होंगे। इसका लुत्फ सुबह 9 बजे से सूर्यास्त तक उठाया जा सकता है। हर एक शिकारा करीब 2.40 लाख रुपए में तैयार हुआ है। सैर के दौरान नाविक पर्यटकों को बड़े तालाब और भोपाल की विरासत से जुड़ी जानकारी भी देंगे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर शिकारे का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर शिकारे का उद्घाटन किया।

कांग्रेस की तरफ से सिर्फ सिंघार आए सरकार की ओर से बीजेपी और कांग्रेस के सभी विधायकों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष सिंघार के अलावा कोई अन्य कांग्रेसी विधायक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। सिंघार ने कहा कि अच्छा काम होता है तो सरकार की सराहना करेंगे।

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि इन शिकारों को कश्मीर की डल झील की तर्ज पर तैयार किया गया है। इससे वॉटर टूरिज्म और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। इन शिकारों का संचालन मध्यप्रदेश पर्यटन निगम करेगा। प्रदूषण रहित तकनीक से निर्माण इन सभी 20 शिकारों का निर्माण आधुनिक और प्रदूषण रहित तकनीक से किया गया है। इनका निर्माण 'फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीयूरिथेन' (FRP) और उच्च गुणवत्ता वाली नॉन-रिएक्टिव सामग्री से किया गया है, जो जल के साथ किसी भी प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं करती। इससे तालाब की पारिस्थितिकी और जल की शुद्धता पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।

ये शिकारे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था द्वारा तैयार किए गए हैं, जिन्होंने केरल, बंगाल और असम में भी पर्यटकों के लिए शिकारे बनाए थे।

उद्घाटन समारोह में सीएम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी मौजूद थे।

उद्घाटन समारोह में सीएम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी मौजूद थे।

शिकारे से हैंडीक्राफ्ट, फल-सब्जियां खरीद सकेंगे पर्यटक इन शिकारों का आनंद लेने के साथ-साथ बर्ड वॉचिंग भी कर सकेंगे। शिकारे में हैंडीक्राफ्ट उत्पाद, स्थानीय व्यंजन, ऑर्गेनिक सब्जियां और फल खरीदने की भी व्यवस्था की गई है। राइड के दौरान पर्यटक दूरबीन से तालाब और उसके आसपास के पक्षियों को देख सकेंगे और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी ले सकेंगे।

मध्यप्रदेश पर्यटन निगम का उद्देश्य भोपाल में डल झील जैसी फीलिंग देता है, जिससे राजधानी भोपाल एक वॉटर-टूरिज्म हब के रूप में विकसित होगी।

बता दें कि इससे पहले नगर निगम ने 13 जून 2024 को प्रायोगिक रूप से एक शिकारा चलाया था। अब एक साथ 20 शिकारे बड़े तालाब में उतारे गए हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने करीब 10 महीने पहले, 12 सितंबर को क्रूज और मोटर बोट पर रोक लगा दी थी, इसलिए अब केवल सामान्य शिकारे ही चलाए जा रहे हैं।

क्या होता है शिकारा? शिकारा एक प्रकार की लकड़ी की नाव है, जो डल झील समेत अन्य झीलों में पाई जाती है। शिकारे अलग-अलग आकार के होते हैं और लोगों के परिवहन सहित कई उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। एक सामान्य शिकारा आधा दर्जन लोगों को बैठाता है, जिसमें चालक पीछे की तरफ से ये शिकारा चलाता है। डल झील में पर्यटकों की पहली पसंद होता है। इन्हें आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।

पिछले साल जून में नगर निगम ने एक शिकारा को प्रयोग के तौर पर चलाया था।

पिछले साल जून में नगर निगम ने एक शिकारा को प्रयोग के तौर पर चलाया था।

देशभर से आते हैं पर्यटक श्रीनगर की डल झील में ऐसे ही शिकारे चलते हैं। चूंकि, भोपाल में मध्य प्रदेश-देश के कई हिस्सों से पर्यटक आते हैं। वहीं स्थानीय स्तर पर भी हजारों लोग बोट क्लब में घूमने जाते हैं, इसलिए शिकारा चलाने की पहल की गई है।

NGT ने यह दिए थे आदेश दो साल पहले भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब), नर्मदा समेत प्रदेश के किसी भी वॉटर बॉडीज में क्रूज और मोटर बोट के संचालन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी थी। एनजीटी ने इसे अवैध गतिविधि ठहराते हुए बड़ा तालाब में क्रूज का संचालन बंद करने के आदेश दिए थे।

आदेश में कहा गया था कि डीजल और डीजल इंजन से निकलने वाले उत्सर्जन को इंसानों समेत जलीय जीवों के लिए खतरा है, क्योंकि इससे उत्सर्जित सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड पानी को एसिडिक बना देता है। यह इंसानों और जलीय जीवों दोनों के लिए कैंसर कारी है। भोज वेटलैंड के लिए जारी यह आदेश नर्मदा नदी समेत प्रदेश की सभी प्रकार की वेटलैंड पर लागू हो गया था।


RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38
RO. NO 13404/ 38

एक टिप्पणी छोड़ें

Data has beed successfully submit

629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 38
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg

Related News

Advertisement

RO. NO 13404/ 38
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 38
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg

Popular Post

This Week
This Month
All Time

Advertisement

RO. NO 13404/ 38
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
629151020250338041002855468.jpg
RO. NO 13404/ 38
74809102025230106banner_1.jpg
RO. NO 13404/ 38
98404082025022451whatsappimage2025-08-04at07.53.55_42b36cfa.jpg

स्वामी

संपादक- पवन देवांगन 

पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)

ई - मेल :  dakshinapath@gmail.com

मो.- 9425242182, 7746042182

हमारे बारे में

हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।

सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।

स्वामी / संपादक : ज्वाला प्रसाद अग्रवाल

सिंधी कॉलोनी, सिंधी गुरुद्वारा के पीछे, दुर्ग, छत्तीसगढ़, पिनकोड - 491001

मो.- 9993590905

विज्ञापन एवं सहयोग के लिए इस पर भुगतान करें

बैंक का नाम : IDBI BANK

खाता नं. : 525104000006026

IFS CODE: IBKL0000525

Address : Dani building, Polsaipara, station road, Durg, C.G. - 490001

SCAN QR
qr-paytm
SCAN QR
Googlepay

Copyright 2025-26 JwalaExpress - All Rights Reserved

Designed By - Global Infotech.