*दुर्ग* – कोरोना काल ने सच में पूरी दुनिया के भीतर परिवर्तन लाकर दिखा दिया है , दुनिया भर में जानलेवा साबित हो चुकी पर्यावरण प्रदूषण को , प्रत्येक देश की सरकार ने , अपने स्तर पर व्याप्त प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास , समुचित देश ने किया , लेकिन प्रदूषण के एक प्रतिशत को भी सरकार , नियंत्रित नहीं कर पाई ? प्रदूषण इस हद तक बढ़ चुका था कि , आने वाला भविष्य जानलेवा साबित होने वाला था ? अकेले दिल्ली में , जमीन से तीन फीट ऊपर तक , प्रदूषण स्पष्ट दिखाई देती थी , वैज्ञानिक दावा कर चुके थे कि , पूरी दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है ? इस जहरीले प्रदूषण को नियंत्रित व दूर करने के लिए , सरकार ने क्या – क्या उपाय किए , ये देशवासी अच्छी तरह से जानती है ? ऐसे प्रदूषण को कोरोना ने सिर्फ एक महीने में सुधार कर रख दिया , लोगो ने बताया कि , २०० किलोमीटर दूरी की तस्वीर साफ दिखाई देने लगी है ? कोरोना से प्रदूषण घटा है , इसे अब वैज्ञानिक भी स्वीकार करने लगे हैं ? एक तरफ पूरी दुनिया की जहरीली हवा साफ हो गई , तो वहीं अपराध और घटनाए भी कोरोना काल में कम ही दर्ज हुए है ? जबकि मनुष्यो और जानवरों के व्यवहार में काफी परिवर्तन आया है , हिंसक जानवरो और मनुष्यो को सदाचार का व्यवहार करते देखा और पाया गया है ? कोरोना काल में देश के भीतर , एक सच्चाई और देखने को मिली कि , हम सब एक है , एकता की मिसाल कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देखने को मिली , मजदूरों के मदद के लिए , देश भर के लोगो ने , एक जुट होकर , जिससे जैसे बना , वैसी मदद की , कई देशवासियों ने पैसों से मदद की , तो कईयों ने अन्नदान कर संकट के ऐसे समय में , मानवता को भूखे मरने से बचा लिया , तो कई देशवासियों ने श्रमदान कर , मजदूरों की जमकर सेवा की , जबकि कई सामाजिक संगठन और उनके कार्यकर्ता मानवता की मिसाल को जिंदा रखते हुए , राहगीर मजदूरों की , जनजोखिम में डालकर २४ घंटे दिन रात सेवा की , जबकि सब जानते थे कि , लोगो की बीच में जाना या सामना करना , सीधे कोरोना के रूप में मौत को आमन्त्रित करना था , इसके बावजूद बिना किसी खौफ के , निस्वार्थ होकर मजदूरों की दिल खोलकर सेवा की , ऐसे विकट समय में सरकार और उनका प्रशासनिक अमला भी सड़को पर उतर कर मानव धर्म की जी खोलकर सेवा और रक्षा की , कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में , देश की पुलिस – डाक्टर – स्वस्थकर्मी – सफाईकर्मी और समाजसेवकों ने , अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की सेवा , अब तक कर रहे है , तो कई योद्धा , महामारी से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए ? फिर भी लोगो की सेवा में लगा रहा अमला , ना तो झुका और ना ही टूटा , सबने डटकर मुकाबला किया और आज भी कर रहे है , इन योद्धाओं के ना तो चेहरे में कोई सिकन है और ना ही हौसलों में कोई कमी , जबकि देश की पुलिस देशवासियों के हित में रात दिन सेवा कर रही थी और है , चौतरफा जिम्मेदारी और नई – नई जिम्मेदारी के साथ पुलिस बिना किसी खौफ के सेवा कर रही है , एक तरफ अपने मूल अधिकृत फर्ज और जिम्मेदारी के तहत , देश के भीतर कानून व्यवस्था को मजबूती के साथ बनाए रखा , तो कोरोना की लड़ाई में सबसे आगे रहकर , महामारी के हर वार को , अपने सीने में सहते रहे और लोगो के हर समस्याओं का सही समय में समाधान किया , कोरोना काल में सबसे बड़ी चुनौती भारी जिम्मेदारी पुलिस की रही , जिसे बड़ी ईमानदारी के साथ अब तक निभाया और आगे भी निभाते रहेंगे , सरकार का यही प्रशासनिक अमला , आज है तो देश है , वर्ना कोरोना ने तो कोई कसर नहीं छोड़ी थी , अपने साथ ले जाने के लिए , एक तरफ प्रशासनिक अमला , अपनी जिम्मेदारी को निभाने के लिए २४ घंटे सतर्क था , तो वहीं छत्तीसगढ़ सरकार भी , अपने – अपने जिम्मेदारी को कठोरता पूर्वक मनन कर निर्वहन कर रहे थे , कोरोना काल में भूपेश सरकार के फैसले , इतने सटीक थे कि , अन्य राज्यो की तरह कोरोना को छत्तीसगढ़ में पांव पसारने और जमाने का कोई मौका ही नहीं मिला और आज परिणाम सबके सामने है , ये प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का ही कमाल है , जो आज सही समय में , सही फैसला कर , जनहित में जीवटता पूर्वक निर्णय लिया और राज्य को महामारी से दूर रखा है ।
*दूसरे राज्य के मजदूरों की भी जरूरत को पूरा कर रही है , छत्तीसगढ़ सरकार ।*
देश भर से घर वापसी कर रहे मजदूरों की सेवा और उनकी जरूरतों को , छत्तीसगढ़ की सरकार और जनता दिल खोलकर सेवा कर रही है , ऐसी स्थिति में , जब केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों ने , मजदूरों को सड़को पर जीने मरने के लिए छोड़ दिया , तब लाचार – मजबुर – बेबस – बेसाहरा मजदूरों को छत्तीसगढ़ सरकार ने मानवता धर्म का पालन करते हुए , अपनी जिम्मेदारी के तहत , दिल्ली , मुंबई , गुजरात , राजस्थान , जम्मू कश्मीर , यू पी , बिहार , सहित अन्य राज्यो से घर वापसी कर रहे मजदूरों को , जो छत्तीसगढ़ को पार कर उड़ीसा , बंगाल , झारखंड की तरफ जा रहे थे , जो पैदल घर वापसी कर रहे थे , उन्हें भी अपना समझकर , छत्तीसगढ़ सरकार ने खाना खिलाया , रहने की व्यवस्था की , घर तक जाने के लिए , बस का प्रबन्ध कर , उन्हें उनके घर तक पहुंचाया , यहां तक जिन मजदूरों के पैर में चप्पल नहीं थे , उन्हें चप्पल पहनाया और उनका स्वास्थ परीक्षण कर , उनका इलाज भी सरकार के द्वारा किया गया है , मजदूरों के दयनीय स्थिति और उनकी बदहाली देखते हुए प्रदेश के मुखिया होने के नाते और सबको अपना परिवार समझकर , प्रत्येक जिलाधीश और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को , यह आदेश दिया कि , राज्य से गुजरने वाले प्रत्येक मजदूरों की अच्छी से देखभाल किया जाए और उनकी जरूरतों को , अपनी जिम्मेदारी समझकर पूरा करे , प्रदेश के मुखिया के बातो और आदेशो में , इतना सम्मोहन था कि , जिले भर के कलेक्टर , एस पी , आईं जी , अपने अपने मातहत अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सड़को पर उतर आए और भूखे प्यासे मजदूरों की खुले मन से सेवा करने में जुट गए है , कोई अधिकारी मजदूरों को खाना खिला रहा है , तो कोई मजदूरों को चप्पल पहना रहा है , तो कोई मजदूरों अस्पताल पहुंचकर , उनका इलाज करवा रहा है , तो कोई अधिकारी , मजदूरों को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर , उनको , उनके घर तक पहुंचा रहा है , छत्तीसगढ़ सरकार और उनका प्रशासनिक अमला , आज अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी निर्वहन के लिए , देश के भीतर , एक छाप , एक पहचान स्थापित कर ली है , जो एक मिसाल है , ऐसी एक जुटता और मजदूरों के प्रति सेवा भाव , किसी और अन्य राज्यो में देखने को , अब तक नहीं मिली है ।
*जनसेवक की मिसाल बन गए है, चौकी प्रभारी देवशरण तिवारी ।*
दुर्ग जिला के अंजोरा चौकी प्रभारी देवशरण तिवारी , कोरोना काल में इंसानियत के देवता बन गए है , जब कोरोना के कारण , पूरे देश सहित जिला के भीतर लोग दहशत भारी जिंदगी जीने पर मजबुर हो गए है , चारो तरफ जनजीवन के बीच अफरा तफरी मची हुई है , तब इस महामारी के दौर में देवशरण तिवारी , अन्य राज्यो से अा रहे , मजदूरों को रोककर उन्हें खाना खिला रहे है , नाश्ता करा रहे है , जो लोग नंगे पैर दिखाई दे रहे है , उनके पैरों में चप्पल पहना रहे है , लोगो को मास्क पहनने और घर पर ही रहने की विनम्रता पूर्वक सलाह दे रहे है , गौरतलब है कि , अंजोरा पुलिस चौकी दुर्ग और राजनांदगांव जिला पर स्थित है , इसी चौकी की सीमा पर , बायपास रोड निकली हुई है , जो भिलाई को जोड़ते हुए सीधे रायपुर चली जाती है , महाराष्ट्र , गुजरात , राजस्थान सहित अन्य राज्यो से घर वापसी कर रहे मजदूर , जिन्हें रायपुर की तरफ जाना है , वो सभी मजदूर , इसी बायपास से जा रहे है और इसी मुख्य मार्ग पर , देवशरण तिवारी अपने मानवता धर्म का पालन कर रहे है , तिवारी के इस मानव धर्म से विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी खुश है ।
*यातायात विभाग के प्रधान आरक्षक मजदूरों के लिए , देवदूत से कम नहीं ।*
अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए , यातायात विभाग दुर्ग में पदस्थ प्रधान आरक्षक ज्ञानेश्वर देवांगन कोरोना काल के शुरुवाती दौर से भूखे प्यासे – बेसाहारा मजदूरों के लिए , सड़को पर देवदूत साबित हो है , राह चल रहे मजदूरों को भोजन करा रहे है , तो वहीं उनका बीमार होने पर , इलाज भी करवा रहे हैं , मजदूरों का हाल चाल पूछकर , उनकी जरूरतों को , जहां पूरा कर रहे हैं , तो वहीं उनको घर तक पहुंचवा भी रहे है , मजदूर को जिस मार्ग में जाना होता है , उस रास्ते की ट्रक या किसी भी वाहन को रोककर , विनम्रता पूर्वक निवेदन कर , मजदूरों को यूंही ज्ञानेश्वर देवांगन के द्वारा , घर भिजवाया जा रहा है , वाहन मालिक भी प्रधान आरक्षक के ऐसे मानव धर्म को देखकर , वो भी मजदूर को , उनकी मंजिल तक पहुंचाकर , अपना धर्म पूरा करता है , प्रधान आरक्षक ज्ञानेश्वर , अपने मानव धर्म को , यहीं पर पूरा नहीं मानते , वो पिछले ५५ – ६० दिनों से , घर से निकले समय , १५ – २० लोगो का खाना लेकर निकलते है , राह में जो भी भुखा मिल गया , उसे खाना देकर खिलाते है , ज्ञानेश्वर का कहना है कि , ऐसा सब कुछ करने से , उसे काफी संतुष्टि मिलती है , कोरोना का यह दौर सेवा करने का और मानव धर्म निभाने का , एक अच्छा अवसर दिया है , बस मै उसी का अपने अधिकारों के तहत , मानव सेवा करने के अवसर का निस्वार्थ भाव से लाभ उठा रहा हूं ।
*दुर्ग पुलिस ने मजदूरों को बांटा गमछा और चप्पल ।*
घर वापसी कर रहे मजदूरों की चिंता , आज हर स्वाभिमानी व्यक्ति को है , जो इंसान और इंसानियत को अच्छी तरह से समझता है और जानता है , महामारी के इस माहौल में , जब मजदूरों को उनकी राज्य सरकार और कम्पनी मालिकों ने , अपनी साख को बचाने के लिए , जहां इन्हे बेदखल कर दिया गया , अब वहीं मजदूर , मजबुर होकर घर वापसी कर रहे हैं , मजदूरों को इस बात की परवाह नहीं कि , उन्हें घर वापसी करते समय किन – किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और उनकी मंजिल कितनी दूर है ? इन सब बातों की परवाह किए बिना मजदूर घर वापसी के लिए निकल पड़े हैं , रास्ते में पिछले दिनों सड़को और रेल की पटरियों पर , अब तक लगभग ८० – ९० मजदूरों की मौत हो चुकी है , भूखे प्यासे मजदूर बस चल रहे है चल है , घर वापसी कर रहे , हजारों मजदूर छत्तीसगढ़ को पार कर , आगे का रास्ता तय कर रहे है , ऐसे ही मजदूरों की सेवा में जुटी हुई दुर्ग की पुलिस , अपने अधिकारों के तहत मजदूरों की सेवा करने के लिए , जिले के वरिष्ठ पुलिस का एक दल पिछले दिनों अंजोरा बायपास रोड में जाकर मजदूरों को गमछा और चप्पल बांटा , उनके भोजन और उनके लिए वाहनों की व्यवस्था की , ताकि सही सलामत , अपने घर पहुंच सके , पुलिस की इस टीम के साथ जिला पुलिस अधीक्षक अजय यादव का साथ दे रहे थे , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित कुमार झा , नगर पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ।
*विनोद का अंतिमसंसकर कर जिला पुलिस ने दिखाई इंसानियत की एक नई राह ।*
कोरोना महामारी ने कई लोगो की जिंदगी को बर्बाद कर के रख दिया है , जिसका खामियाजा खास कर मजदूर वर्ग को ही भुगतना पड़ा है , मालिकों की स्वार्थ पूर्ण नीतियों का शिकार हो चुके मजदूरों को राज्य सरकारों के द्वारा भी नकार दिया गया , अन्य राज्यो से कमाने खाने गए मजदूर परदेश में अनाथ हो गए , जब उनकी पूछ परख किसी ने भी नहीं की तो वे पैदल घर वापसी करने लगे , उनकी यह यात्रा इतनी दर्दनाक थी कि , मौत भी आस पास मंडराने लगी , सड़क दुर्घटनाओं में , जहां अब तक सैकड़ों की संख्या में मौजूद अपनी जान गवां चुके है , तो वहीं हजारों किलोमीटर की दूरी तय करने वाले मजदूरों की जिंदगी का बीच रास्ते में कोई ठिकाना नहीं है , मजदूर घर वापसी कर रहे है , लेकिन जिन राज्यो की सरकारों को और कम्पनी मालिकों को , इन मजदूरों ने करोड़ों – अरबों रुपए कमाई कर जहां दिए , वहीं देश के भीतर इनकी साख भी बचाई , लेकिन महामारी को देखते हुए सरकार और मालिकों ने दूध की मक्खी की तरह मजदूरों को निकाल फेका ? इनमे से एक यही मजदूर 18 वर्षीय झारखण्ड जिला गिरिडीह ग्राम करंग निवासी विनोद कुमार हेंब्रोम भी अपने मजदूर साथियों के साथ मुंबई से घर वापसी के लिए पैदल लौट रहा था , लेकिन रास्ते में ट्रक मिल जाने के कारण सभी मजदूर ट्रक में बैठ गए और छत्तीसगढ़ होते हुए झारखंड जाने की योजना थी , लेकिन अचानक विनोद की मौत हो गई , साथ में मौजूद दोस्तो ने समझा की विनोद कोरोना के कारण मार गया है , इसलिए उसके शव को बाफना टोल प्लाजा के पास चलती हुई ट्रक से विनोद की लाश को फेक दिया गया , रविवार 17 मई को जब जिला पुलिस को मिली तो वे सकते में आ गए , और उन्होंने लाश को कब्जे में लेकर तत्काल कार्यवाही शुरू कर दी ,जांच में पता चला की , साथ में लखन और निर्मल नाम के दोस्त भी थे , पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विनोद की मौत का खुलासा नहीं हो पाया है , और जिस कोरोना की संका कि आधार पर विनोद की लाश की फेका गया था , उसकी रिपोर्ट नेगेटिव अाई है , जिला पुलिस के सामने अब विनोद के लाश के अंतिम क्रियाकर्म की थी , तब जिला अधिकारियों ने वीडियो कॉलिंग कर विनोद के परिजनों से बात की , जहां विनोद के माता – पिता , भाई – बहन के साथ पूरा गांव मौजूद था , लेकिन कोरोना के डर में गांव वालो ने विनोद के शव को लेने से इंकार कर दिया तब जिला पुलिस के द्वारा विनोद का अंतिम संस्कार , रायपुर नाका दुर्ग मुक्तिधाम में , परिवार के बताए हुए रीति रिवाज के साथ पूरा किया , इस तरह के कार्य कर जिला पुलिस जहां मानवता का संदेश दिया है , वहीं पुलिस अधिकारियों ने विनोद के परिवार को आर्थिक मदद करने की बात भी करी है ।
*पुलिस के मोबाइल एप से मिलेगी लोगो को राहत ?*
छत्तीसगढ़ पुलिस के मोबाइल एप्लीकेशन सीजी-कॉप से थाने से लेकर सीनियर अफसरों को मोबाइल से ही शिकायत कर सकेंगे। खास बात यह है कि कोई भी व्यक्ति मुसीबत में होने या किसी अपराध का शिकार होने पर पुलिस से सलाह भी ले सकेगा। मोबाइल एप्लीकेशन को यूजर फ्रेंडली बनाने के लिए अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी लांच किया जाएगा। सीजी-कॉप का ट्रायल वर्जन प्ले स्टोर और एप स्टोर में अपलोड कर दिया गया है। सिक्योरिटी ऑडिट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसे जल्द ही लांच कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि मोबाइल एप्लीकेशन में जो सेवाएं हैं, उसके बारे में बताने के लिए भी एक सेक्शन है, जिससे कोई भी आसानी से एप्लीकेशन में मौजूद सभी तरह की सेवाओं को समझ सके। इसके अलावा सभी जिलों के एसपी से लेकर थानेदार तक के मोबाइल नंबर भी दिए गए हैं। इसकी मदद से संबंधित अधिकारी को सूचना या शिकायत बताई जा सकेगी।
ये सुविधाएं मिलेंगी एप में :- एफआईआर , केस स्टेटस , गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी , ऑनलाइन शिकायत , पुलिस टेलीफोन डायरेक्टरी , पास का थाना खोजें , चोरी-गुम वाहन , चोरी-गुम मोबाइल , गुमशुदा व्यक्ति , अज्ञात शव , हेल्पलाइन नंबर , लोगों के सुझाव । डीजीपी डीएम अवस्थी के निर्देश पर ‘‘मे आई हेल्प यू’’ सेवा को शामिल किया गया है। इस सेवा के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पुलिस को अपनी समस्या बताकर मदद मांग सकेगा। पुलिस अधिकारी जरूरी सलाह देंगे। लोग अपने पास के थाने या पुलिस को किसी भी विषय पर अपने सुझाव भी दे सकेंगे।
इससे पहले गुम हुए मोबाइल की सूचना एप्लीकेशन की मदद से दी जाती थी। अब मोबाइल चोरी होने या गुमने के बाद किसी अपराध में तो इस्तेमाल नहीं हुआ है, यह भी पता चल जाएगा। इसके लिए आरोपियों से जो मोबाइल जब्त होंगे, उसकी सूचना उपलब्ध रहेगी, जिसका मिलान किया जा सकेगा। मोबाइल एप्लीकेशन में किसी भी जिले या थाने में दर्ज एफआईआर का विवरण देखा जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक 72 घंटे में यह उपलब्ध होगा। इसके अलावा किसी भी केस का केस स्टेटस भी देखा जा सकेगा कि किसी थाने में दर्ज केस में गिरफ्तारी या चालान पेश हुआ है या नहीं। सीजी-कॉप मोबाइल एप में नए फीचर्स जोड़े गए हैं, जिससे लोगों के ज्यादा से ज्यादा काम आ सकें। इसमें लोग एफआईआर देखने के अलावा केस स्टेटस देख सकेंगे। अपनी शिकायतों के अलावा पुलिस थाने या अधिकारियों को सुझाव भी दे सकेंगे।