दुर्ग (DNH) – लॉक डाउन देश के भीतर लागू होते ही , जहां जनजीवन प्रभावित हुआ , तो वहीं सरकारी व्यवस्था भी डगमगा गई , इस अव्यवस्था और लॉक डाउन के दौरान आने वाली परेशानी को भांपकर , केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा , समस्त व्यापारियों को सख्त हिदायत दी गई थी , कि , सरकार और देशवासियों की मज़बूरी का फायदा व्यापारी उठाने की कोशिश ना करे ? किसी भी समान को , दोगुना कीमत पर बेचने का प्रयास ना करे ? यदि कालाबाजारी , जमाखोरी , मुफ्तखोरी व्यापारियों के द्वारा , करते हुए पाया गया तो, व्यापारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी ? सरकार के , इस कड़े आदेशों को देशवासी तो समझ गए , लेकिन व्यापारी कुत्ते की दुम साबित हुए ? और उन्होंने सरकार के सभी आदेशों को ताक में रखकर , लॉक डाउन के नियमो का उलंघन करते हुए , अपने समानो दोगुना – दस गुना तक बेचा और देशवासियों को कंगाल करते हुए , जमकर धन कमाया ? सबसे पहले जहां , मेडिकल स्टोर वालो ने , दवा को दोगुना कीमतों पर बेचा , तो वहीं साधारण मास्क को , जो ५ – १० रुपए की थी , उसे ५० से १०० – २०० रुपए तक में बेचा गया , हाथ धोने वाली सभी आवश्यक दवाइयों और केमिकल को सौ – पचास से लेकर हजारों रुपए में बेचे गए ? जबकि बुखार नापने वाले थर्मामीटर को , जिसकी वास्तविक कीमत पांच सौ से लेकर सात सौ तक की है ? उस थर्मामीटर को आठ हजार रूपए तक में बेचा गया है ? और लोगो ने , उसे खरीदा भी है ? इसी तरह सब्जियों के दाम आसमान को छूते हुए पाए गए , फ़ल वालो ने भी जमकर कालाबाजारी की ? तब ऐसे में किराना व्यापारी कहां पीछे रहने वाले हैं , प्रत्येक सामानों को कई गुना में बेचा और आज भी लगातार – खुलेआम – बिना किसी खौफ के बेच रहे है ? और लोग इतने मजबुर है कि , सब कुछ जानते हुए भी , सामानों को उचित कीमत पर खरीद रहे हैं ? मसलन १२० – १३० रुपए का , ५ किलो के आटा पैकेट को २५० रूपए में बेचा गया है , इसी तरह सभी सामानों की कीमतों को बढ़ाकर बेचा गया है , जबकि लॉक डाउन होते ही सरकार के आदेशों पर , समस्त जिला कलेक्टर छत्तीसगढ़ के द्वारा , किराना सामानों की , कीमतों सहित सूची जारी की गई थी , लेकिन सरकारी आदेशों का कहीं भी , किसी भी व्यापारी ने पालन नहीं किया ? जो भी किया , अपनी मर्जी से मनमानी के तहत किया ? व्यापारियों का कहना था कि , सामानों की आवक बंद हो गई है , समान नहीं आ रहे है , उपर से ही कीमतों को बढ़ाकर भेज रहे हैं ? ऐसे कई जवाब व्यापारियों के मौजूद थे , जिसे लोगो को स्वीकार करना ही था और आज भी , यही सब कर रहे है ? पिछले दिनों नमक की कालाबाजारी और जमाखोरी ने , राज्य के लोगो सहित छत्तीसगढ़ सरकार को चौकाकर रख दिया था , इस काला बाजारी की भनक जैसे ही भूपेश सरकार को लगी , वे सतर्क हो गए और उन्होंने स्वयं सामने आकर , राज्य की जनता को समझाया और जमाखोर व्यापारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए , अगली बार कार्यवाही करने की बात कही गई , प्रदेश के मुखिया के ऐसे तेवर देखकर , जिला अधिकारी सतर्क हुए और छत्तीसगढ़ के भीतर ताबड़तोड़ छापामार कार्यवाही कर , लाखो रुपए के नमक और व्यापारियों का भंडाफोड़ किया ? लेकिन अभी भी दस रूपए के नमक को बीस रुपए में बेचा जा रहा है ?
सरकार को चाहिए कि , अपने जारी किए गए आदेशों और नियमो का पालन हो रहा है या नहीं कि बीच – बीच में जांच और अवलोकन करते रहना चाहिए ।
क्योंकि , कई बार शासन के आदेशों को जानबूझकर नजरंदाज करते रहते हैं , परिणाम स्वरूप व्यापारी बेखौफ हो जाते है और मनमानी करने में जुट जाते है , जिसका खामियाजा देश की जनता को भुगतना पड़ता है और फिर बदनाम होती हैं सरकार ? इसलिए सरकार को चाहिए कि , वे स्वयं अपने जारी किए गए आदेशों की समय – समय पर जांच करते रहे , ताकि मुनाफाखोर और भ्रष्ट अधिकारी समाज और देश को बर्बाद ना कर सके ?
छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है , जमाखोरों के खिलाफ तगड़ी कार्यवाही ?
जबसे देश के भीतर लॉक डाउन लागू हुआ है , तब से केंद्र और राज्य सरकार , जनहित में मुनाफाखोर और जमाखोरों के खिलाफ काफी सतर्क है और शिकायत मिलते ही , तत्काल कार्यवाही की जा रही है , क्योंकि सरकार को अच्छी तरह से मालूम होता है कि , देश भर के व्यापारी , संकट के समय में , देश और सरकार को बदनाम करते हुए , जनता की खून पसीने की कमाई को जमकर – खुलकर लूटने का प्रयास करेंगे ? इसलिए सरकार ऐसे समय में , किसी के भी खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने में जरा भी नहीं हिचकती ? क्योंकि यही मौका होता है देशभक्ति और जनसेवा करने का , और अपनी छबि को सुधारने का ? छत्तीसगढ़ सरकार इस समय अपने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के साथ मिलकर , जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर रही है ? पूरे दुर्ग जिले के जमाखोर दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही जारी है , लाखो के समान जब्त कर , दुकानदारों को सीधे , न्यायलय के चौखट तक भेजा जा रहा है ? जमाखोरों के बीच हड़कंप मची हुई है , वे आनन फानन में , अपने समान को कही और नहीं छुपा पा रहे हैं , अब तक शासन प्रशासन सभी स्तर के जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर रही है ?
नमक की कमी का अफवाह फैला रहे है , स्वयं व्यापारी ?
छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण के संकट और लॉकडाउन के बीच नमक को लेकर हाहाकार मच गया. आलम ये था कि 4 गुना ज्यादा दाम पर नमक बेचा गया. बीते 10 मई को नमक को लेकर एक अफवाह उड़ी कि प्रदेश में नमक का स्टॉक समाप्त हो गया है. सिर्फ दुकानों में ही नमक बचा है. लॉकडाउन के कारण नमक की सप्लाई रूक गई है. इस अफवाह से लोगों में हड़कंप मच गया और नमक खरीदने लोगों की भीड़ दुकानों में इकट्ठा होने लगी. राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर में स्थिति ज्यादा खराब रही । नमक को लेकर मचे हाकाकार को लेकर सरकार ने आनन फानन में छापेमार कार्रवाई शुरू कर दी. प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया कि राज्य शासन के नापतौल विभाग द्वारा 11 मई को राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और अम्बिकापुर जिले की 276 संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया. नापतौल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दुर्ग के दो संस्थानों में नमक के पैकेट में उल्लेखित मूल्य के अधिक कीमत पर नमक बेचने वाले दो संस्थानों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है ।
छत्तीसगढ़ में नमक कि नहीं है कमी ?
नमक को लेकर मचे हाहाकर के बाद राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. इसमें बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 56 लाख राशनकार्डधारियों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से नमक की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. लॉकडाउन की परिस्थितियों में प्रदेश में खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति के साथ-साथ इनके बाजार मूल्योें की भी प्राईस मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से सतत् निगरानी की जा रही है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य में नमक और अन्य सभी आवश्यक खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में एवं समूचित दरों पर खुले बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए सहज रूप से उपलब्ध हैं । राज्य में खुले बाजार में लगभग 8 हजार टन से 10 हजार टन के बीच नमक की मासिक आवक होती है. लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों में भी खुले बाजार में नमक की उक्त आवक समान रूप से बनी हुई है. इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा नमक व अन्य खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी न हो, इसके लिए नाप-तौल विभाग, खाद्य विभाग व जिला प्रशासन के मैदानी अमले के माध्यम से आकस्मिक निरीक्षण कर निरंतर कार्यवाही की जा रही है ।
कांग्रेस का आरोप – भाजपा व्यापारी फैला रहे है , नमक की कमी ?
नमक की कमी की खबरों के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नमक पर्याप्त मात्रा में है। जबकि भाजपा से जुड़े लोग इसकी अफवाह फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, भाजपा से जुड़े हुए लोगों के द्वारा नमक की जमाखोरी और मुनाफाखोरी के लिए कालाबाजारी की सूचना मिलते ही कड़ी कार्यवाही कर भाजपा प्रायोजित नमक की कमी का पर्दाफाश किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार 56 लाख राशन कार्डधारी परिवार को निशुल्क नमक दे रही है। बीते 18 महीने के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने अनेक जनकल्याणकारी कार्य कर छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता के दिलों में जो स्थान बनाया है विश्वास प्राप्त किया है इससे भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है। भाजपा लगातार साजिश षड्यंत्र अफवाह की राजनीति कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही है।
देवकर में भी मिला नमक का जमाखोर व्यापारी ?
देवकर नगर की होलसेल किराना व्यवसायी लेखचंद जैन पिता पारस मल जैन द्वारा लॉकडाऊन की स्थिति में नमक की कालाबाजारी करते तथा चार बजने के बावजूद दुकान संचालित करते पाये जाने पर प्रशासन ने किराना दुकान को सील कर दिया है। जिससे नगर के किराना व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है। उल्लेखनीय है कि देवकर नगर के लगभग सभी बड़े किराना दुकानों में सामानों को ज्यादा दामों पर बेचने की शिकायत प्रशासन को मिल रही थी। जिसके बाद प्रशासन के अधिकारी पूरी प्लानिंग के साथ दुकान में दबिश दी तथा कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथ पकड़ा। इस दौरान नमक खरीदने पहुंचे ग्राहकों के अनुसार दुकानदार ने अधिक कीमत पर नमक बिक्री कर रहे थे। रोशन अग्रवाल ऐल्डरमेन नपं देवकर, दिनेश मिश्रा ग्राम कांचरी तथा अन्य लोगों ने बताया कि उक्त दुकानदार द्वारा 125 रुपये की नमक की बोरी को 500 से 600 रुपये बोरी में खुलेआम बेच रहा था।
तहसीलदार ने छापा मार कर किया नमक को जप्त ?
मौके पर पहुंचे तहसीलदार साजा नीलम सिंग पिसदा,चंद्रशेखर चंद्राकर के पहुंचने से कुछ देर पहले ही दुकादार द्वारा पिकअप से नमक की बोरियों को 500-600 रुपये कीमत मे बिक्री कर दिया था, जिसके बाद ग्राहकों के बयान के आधार कार्यवाही करते हुये दुकान को अधिकारियों ने सील किया। उसके बाद नौकेशा रोड स्थित बाड़ीनुमा उनके गोदाम की पड़ताल करने पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार को 96 बोरी नमक मिला। इस कार्रवाई मेंअनुविभागीय अधिकारी साजा आशुतोष चतुर्वेदी, नायब तहसीलदार नीलम सिंग पिसदा, चंद्राकर, चंद्रशेखर चंद्राकर, एसडीएम रीडर बिरेन्द्र कुमार,एवं समस्त स्टाफ ,नगर पंचायत सब इंजीनियर बिसनाथ ठाकुर, सहायक राजस्व नीरीक्षक आबिद कुरैशी, प्रदीप सोनी, पटवारी आदि मौजूद थे।
खाद्य विभाग का दावा पर्याप्त नमक है प्रदेश में ?
राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और इसके बचाव के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अनेक प्रभावी कदम उठाए जा रहे है। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 56 लाख राशनकार्डधारियों को शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से नमक की निशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। लॉकडाउन की परिस्थितियों में प्रदेश में खाद्य पदार्थों और आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता और आपूर्ति के साथ-साथ इनके बाजार मूल्यों की भी प्राइस मॉनिटरिंग सेल के माध्यम से सतत निगरानी की जा रही है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य में नमक और अन्य सभी आवश्यक खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में एवं समूचित दरों पर खुले बाजार में आम उपभोक्ताओं के लिए सहज रूप से उपलब्ध है। राज्य में खुले बाजार में लगभग 8 हजार टन से 10 हजार टन के माध्य नमक की मासिक आवक होती है। लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों में भी खुले बाजार में नमक की उक्त आवक समान रूप से बनी हुई है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा नमक व अन्य खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी न हो, इसके लिए नाप-तौल विभाग, खाद्य विभाग व जिला प्रशासन के मैदानी अमले के माध्यम से आकस्मिक निरीक्षण कर निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
पूरे प्रदेश के भीतर छापा मार कार्यवाही , व्यपारियो में हड़कम ?
नमक की जमाखोरी को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा पूरे प्रदेश के भीतर छापा मार कार्यवाही कि जा रही है , जहां अब तक करोड़ रुपए के नमक – गुटका – गुड़ाखू जप्त किए जा चुके है , इधर दुर्ग , रायपुर , राजनांदगांव , भिलाई , पाटन , रनिताराई , बसना , मुंगेली जैसे जगह में भी प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा ताबड़ – तोड़ कार्यवाही कर सामानों को जप्त कर व्यापारियों से अर्थ दंड भी वसूला जा रहा है , प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने दावा किया है कि , वे अपने राज्य की जनता के हर समस्या के सामने खड़े होंगे , और उनकी समस्याओं का समाधान तत्काल करेंगे ? नमक सहित अन्य सामानों की छत्तीसगढ़ में कोई कमी नहीं है , इसलिए व्यापारी भी सही रहते में सामान को बेचे वरना उनके खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही कर दंडित किया जाएगा , अब तक प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा रायपुर जिला में 138 जगह छापा मारे गए है , दुर्ग में 51 , बिलासपुर में 84 , जगदलपुर में 33 , अंबिकापुर में 48 और रायगढ़ के 8 दुकानों का निरीक्षण कर 6 दुकानों और गोदाम को सील किया गया है ।