दुर्ग (DNH) :- कोविड संकट में बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के प्रवासी नागरिक अपने घरों को वापिस आ रहे हैं।इस संकट में उनको दो वक्त का भोजन मिल सके इसलिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनके लिए निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिश है कि किसी को भी भूख न रहना पड़े।अन्य राज्यों से वापस आये छ.ग. के प्रवासी व्यक्तियों जो राज्यध्केन्द्र की किसी भी योजना के अंर्तत राशनकार्डधारी नहीं है, उन्हें माह मई एवं जून 2020 में प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न निःशुल्क प्रदाय किया जाएगा । श्रम विभाग के समन्वय से प्रवासी श्रमिकों की पहचान की जाएगी। इसके लिए डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। सार्वभौम पीडीएस के तहत एपीएल राशनकार्ड की डाटा एंट्री किये जाने का कार्य जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किया है उनको ही प्रवासी व्यक्तियों के परिवार की डाटा एंट्री करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। खाद्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार प्रत्येक प्रवासी व्यक्तियों की डाटा एंट्री में उनका नाम, पिताध्पति का नाम, प्रवास से आए सभी सदस्यों का नाम, आधार एवं मोबाईल नंबर की एंट्री कराई जाएगी। यदि एक परिवार में एक से अधिक सदस्य प्रवास से वापस लौटे है तो उन सभी के नामों की एंट्री एक साथ की जाएगी। परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर की एंट्री अनिवार्यतः की जानी है तथा प्रत्येक परिवार की एंट्री में एक सदस्य के मोबाईल नंबर की एंट्री अनिवार्य रूप से की जाएगी ताकि खाद्यान्न वितरण की पावती संबंधित परिवार को उनके द्वारा दर्ज मोबाईल नंबर पर एसएमएस के द्वारा दी जा सके।
प्रवासी मजदूर जो अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं, उनके लिए नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा श्रमिक सहायता केंद्र बनाया गया है जहां पर ऐसे मजदूर और श्रमिकों के लिए पानी और सूखा नाश्ता, सत्तु एवं दानदाताओं से प्राप्त फल प्रदान किया जा रहा है। नाश्ता के पश्चात ऐसे प्रवासी मजदूरों को थोड़ी देर आराम करने छांव देने हेतु टेंट व कुर्सी व्यवस्था की गई है ताकि वे कुछ देर आराम करके अपने गंतव्य की ओर पुनः रवाना हो सके। नेहरू नगर गुरुद्वारा के पास श्रमिक सहायता केंद्र की स्थापना प्रवासी मजदूरों के आवागमन के साथ ही कर दी गई है ताकि अपने गंतव्य की ओर रवाना होने वाले श्रमिकों व मजदूरों को राहत प्रदान किया जा सके। आज 4 प्रवासी मजदूरों को सहायता केंद्र में बुलाकर उनके हाथों को सैनिटाइज कर सूखा नाश्ता चना, मुर्रा, मिक्सचर, फल, सत्तु का पैकेट और पानी पिलाया गया तथा जिनके पास मास्क उपलब्ध नहीं था उन्हें मास्क भी उपलब्ध कराया गया। इनके बैठने के लिए कुर्सियों की व्यवस्था की गई है तथा छाया प्रदान करने टेंट लगाया गया है। नेशनल हाइवे से गुजरने वाले श्रमिक व मजदूर जो अन्य जिलों व राज्यों से अपने घरों की ओर जा रहे हैं, उनकी मदद के लिए सहायता केंद्र को हाईवे के समीप बनाया गया है ताकि मजदूर एवं श्रमिकों को दूर से ही यह केंद्र दिखाई दे इस केंद्र में कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। ऐसे लोगों की मदद करने दानदाता भी आ रहे हैं आज एक दान दाता ने 10 दर्जन केला फल इनको सहायता देने के लिए प्रदान किया। सहायता केंद्र की स्थापना होने से प्रवासी मजदूरों को इस केंद्र में राहत मिल रही है।