मड़ियादो (DNH):- पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में शामिल मड़ियादो वन परिक्षेत्र टीम के द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 2 तस्करो को पकड़ा , आरोपी सपेरों के रूप में ग्रामीण अंचलों में दुर्लभ प्रजाति के सांपों सहित अन्य जीवों को पकड़कर इनका शिकार करते थे और इनके अवशेषों को इकट्ठा कर ग्रामीण अंचलों में विभिन्न रोगों के उपचार का दावा करके दवाएं बनाकर बेचते थे। बताया जा रहा है कि मड़ियादो पुलिस ने तीन सपेरों के संबंध में बफर जोन वन विभाग टीम को सूचना दी थी। जिसपर मड़ियादो वन परिक्षेत्र अधिकारी ह्रदेश हरि भार्गव ने वन अमले के साथ इनके पास से कोबरा प्रजाति के 6 सांप, नाग-नागिन का जोड़ा बरामद किया। आरोपियों से सांप की हडि्डयां, दांत सहित कई जानवरों के अवशेष और शिकार करने के औजार आदि बरामद किए हैं। सभी आरोपी तेजगढ़ थाना क्षेत्र के हैं जो ग्रामीण अंचलों में सपेरों के भेष में सांप पकड़ते और इनकी हड्डी, दांत आदि के मिश्रण से दवाएं तैयार कर लोगों को जड़ी-बूटियों के इलाज से ठीक करने व अंधविश्वास को भी बढ़ावा देने का काम कर रहे थे। वन विभाग द्वारा गिरफ्तार किए दोनों आरोपियों के अलावा एक अन्य फरार आरोपी के विरूद्ध वन्य जीव अपराध प्रकरण दर्ज कर वन विभाग की टीम ने न्यायालय में पेश किया गया है। इस कार्रवाई में वन परिक्षेत्र अधिकारी ह्रदेश हरि भार्गव, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बाबू सिंह चंदेल, जितेंद्र कुमार, दिनेश चक्रवर्ती, सचिन तिवारी, बड्डा लोधी सहित मड़ियादो वन परिक्षेत्र का अमला शामिल रहा जहां वन परिक्षेत्र अधिकारी भार्गव ने लोगों से अपील की थी कि , विभिन्न रोगों को ठीक करने का दवा करने वाले इन कथित नीम हकीमों से दूर रहें और वन्य जीवों के संबंध में वन विभाग को सूचना देकर सहयोग करें ताकि अंधविश्वास न फैले , वन क्षेत्रों में इस तरह के नियम हकीम के रूप में तस्कर सक्रिय है , और जिससे पैसा बन सके उन जीवो को जिंदा या मुर्दा तस्करी कर पैसा कमा रहे है ।
हरियाणा – यूपी तक है तस्करो का बोल बाला ।
सहारनपुर :-पुलिस और वन विभाग ने अंतरराज्यीय वन्य जीव तस्करों को यमुना खादर क्षेत्र से गिरफ्तार कर जेल भेजा। वन तस्कर हरियाणा राज्य के करनाल के रहने वाले थे। इनके पास से वन्य जीवों को फंदे में फंसाने वाला उपकरण और जाल आदि बरामद किया गया था । छह बाइकें भी वन्य जीव तस्करों से बरामद की गई थी। वन विभाग को करीब एक माह से वन्य जीवों के सहारनपुर जनपद के वनों में सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी। सहारनपुर से लगते वन क्षेत्रों में वन विभाग सक्रिय रहा है । पुलिस को भी इस बाबत वन विभाग की ओर से सूचना दी गई थी । मुखबिर से मिली की कि सूचना पर यमुना नदी के किनारे से दुर्लभ जीव जंतुओं को जिंदा पकड़ कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच रहे थे , लेकिन कई बार दबिश के बाद भी वन्य तस्कर फरार हो जाते थे। दरोगा वीर सिंह को सूचना मिली कि कुछ लोग यमुना खादर क्षेत्र में प्रतिबंधित वन्य जीव के शिकार की तैयारी में है। रात में ही वन रक्षक चंद्रवीर, बीट सहायक सादा, संजीव त्यागी आदि को साथ लेकर वह गांव बुड्ढा खेड़ा के पास के यमुना क्षेत्र में पहुंचे, पुलिस को भी सूचित किया गया था । संयुक्त रूप से घेराबंदी कर वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया गया । पुलिस एसआई राधेश्याम ने गिरफ्तार होने वाले शिकारी और तस्कर कछुआ आदि प्रतिबंधित वन्य जीवों की बेच कर मोटा मुनाफा कमाते हैं। पुलिस ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1976 व भारतीय वन अधिनियम 1927 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को जेल भेजा। जेल भेजे आरोपितों में हरियाणा के थाना इंद्री के गांव बीबीपुर हलवाना निवासी जगजीत, कर्म सिंह, जग सिंह, शिव राज, जरनैल व पाल सिंह बताए हैं। पुलिस ने बताया कि यह तस्कर हैं पर उनके ऊपर गंगोह में कोई मुकदमा दर्ज नहीं है। हालांकि हरियाणा में कोई मुकदमा दर्ज है या नहीं इसके बारे में छानबीन की जा रही है। इन तस्करों के तार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय तस्करों से भी जुड़े हैं। गंगोह कोतवाली इंचार्ज एसएसआई राधेश्याम ने बताया कि पूछताछ के दौरान ये बात फिलहाल सामने आई है कि यह तस्कर प्रतिबंधित वन्य जीव जैसे कछुआ, गीदड़, जंगली सूअर, दुर्लभ प्रजाति के सांप आदि जैसे वन्य जीवों के अंगों को राष्ट्रीय बाजार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुंहमांगी कीमत तक बेचते हैं। यह तस्कर वन्य जीवों के अंगों की तस्करी हरियाणा के होटलों में भी सप्लाई करते हैं।