*दुर्ग* (DNH) :- कोरोना मरीजों का आंकड़ा देश के भीतर लगातार बढ़ता ही जा रहा है , अब तो उसकी रफ़्तार इतनी तेज है कि , प्रतिदिन ६००० के पार का आंकड़ा देश के सामने अा रहा है , कोरोना के इसी रफ्तार के कारण , आज देश के भीतर , एक लाख , तीस हजार से अधिक के मरीज देश के भीतर पाए जा चुके है , देश में सबसे गंभीर स्थिति महाराष्ट्र की है , जहां दो – चार दिन के भीतर अकेले महाराष्ट्र में , मरीजों की संख्या ५० हजार को पार कर जाएगी ? उसके बाद दिल्ली , पंजाब , राजस्थान , गुजरात , मध्यप्रदेश का है , जहां कोरोना प्रतिदिन दर्जनों व्यक्तियों को मौत के मुंह में लेकर जा रही है , कोरोना का बकासुर स्वरूप रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है , और ऐसे देश के भीतर राजनेताओं की गन्दी सोच के साथ राजनीति शुरू हो गई है , जो बेहद ही शर्मनाक है ? जब देश की सत्ता पर , लोगो के द्वारा चुन कर आए जनप्रतिनिधि ही , अपनी सत्ता बचाने के लिए , जनता की सेवा करने के बजाय , राजनीति शुरू कर दे , तो फिर उस देश की जनता की हाल का मनन किया जा सकता है कि , जनता का हाल कैसा होगा ? कही मजदूरों को , अपने गृह राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है , तो कहीं बस और रेल गाड़ी चलाने व ना चलाने की हठधर्मिता दिखाई जा रही है ? तो कहीं अपनी वोट की राजनीति को आगामी चुनाव को देखते हुए , झूठे नियमो को राज्यो पर थोपने और स्वीकार करने का प्रयास किया जा रहा है , कही सरकार मजदूरों के हित में दावा और वादा कर , मजदूरों को अपने आप में छोड़ दिया गया है , जीने मरने के लिए , ना तो खाने की पूछ परख हो रही हैं और नाही रहने की , जब चुनाव का समय आता है , तब इन्हीं मजदूरों के तलवे चाट कर खुशामद खोरी की जाती है , वोट पाने के लिए ? इस विषम परिस्थितियों में राजनीति करना , राजनेताओं को शोभा नहीं देता , ये समय देश के सभी जिम्मेदार को , एक होकर , अपना अपना फर्ज और धर्म निभाना चाहिए ना कि , राजनीति करनी चाहिए , क्योंकि , देश और देशवासियों की उम्मीद , अपने चुने हुए प्रतिनिधियों से होती है , उन्हें आसरा होती है कि , उनकी सभी समस्याओं का समाधान उनके अपने नेताओ के पास है ? तो फिर नेता क्यों राजनीति कर रहे है ? जनता अच्छे और बुरे को पहचानती है , इसलिए देश के नेता लोगो की हित में सिर्फ अच्छा ही सोचे ? गन्दी राजनीति को और उसकी परिभाषा को जनता समझती और जानती है , कोरोना का कहर देश और देशवासियों पर जारी है , लोगो को कोरोना से बचाने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोचे सरकार ? क्योंकि , आने वाले वर्षों में चुनाव होने वाले है , और अभी की सेवा ही , आने वाली चुनाव के परिणाम घोषित करेंगे ?
*छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार , घर वापसी कर रहे मजदूरों के कारण ?*
लाख जतन करने के बावजूद छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार खतरनाक स्थितियों में दौड़ रही है , लगातार की बढ़ती हुई रफ्तार ने , सरकार को थोड़ा सा परेशान जरूर कर दिया है , लेकिन स्थिति सरकार और उनके कोरोना योद्धाओं के काबू में है ? शनिवार रात नौ बजे तक मरीजों की संख्या ४२ नए मरीजों के साथ २१६ हो गई है , एक ही दिन में ४२ मरीजों के सामने आने से सरकार जरा चौकी जरूर , क्योंकि , यह एक अब तक का बड़ा आंकड़ा है , सप्ताह भर के भीतर ९९ मरीज कोरोना के सामने आए है , प्रदेश के भीतर कुल १५० मरीज जिनकी जांच अभी जारी है , तो वहीं २१६ केस , अब छत्तीसगढ़ के भीतर हो चुकी है , कोरोना का यह आंकड़ा घर वापसी कर रहे मजदूरों के कारण बढ़ी है और आज सभी मजदूर , छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कोनो के गांव में , अपने घर पहुंच गए हैं ? अा रहे नए मरीजों का अवलोकन करें तो , ये वहीं मजदूर है जो देश के खतरनाक राज्यो से होकर आए है , जहां कोरोना शुरुवाती दौर में ही भयावह रूप ले चुका था और यही मजदूर आज छत्तीसगढ़ को कोरोना की आग में झोंक दिए है ? हालांकि , छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा , मजदूरों की घर वापसी , बड़ी सावधानी पूर्वक करवाई है , लेकिन कई मजदूरों ने अपनी घर वापसी को छुपाया और कोरोना को आमंत्रित कर दिया है ? जबकि , मजदूर सहित लोगो ने लॉक डाउन के नियमो को खुलेआम तोड़ा है ? और इसी का परिणाम है कि , आज कोरोना , अपने दानवी रूप को धीरे – धीरे बढ़ा रही है ? कोरोना का यूं बढ़ना , सरकार के लिए , एक चुनौती जरूर है , लेकिन सरकार के , अब तक के व्यवस्था को देखकर उम्मीद है कि , लड़ाई सरकार और उनके योद्धा ही जीतेंगे ? नए मरीज के आते ही सरकार सतर्क हो गई है और अपने इलाज करने के दायरे व संसाधन को तुरन्त बढ़ा दिया है ? संभवतः आने वाले दिनों में कोरोना काबू में होगी ?
*घर वापसी कर चुके मजदूर , अपनी बीमारी को छुपाए ना , बल्कि जनहित में सामने आए ?*
ये सच है कि , कोरोना का , छत्तीसगढ़ में बढ़ता हुआ क्रम मजदूरों की देन है , जो जाने अनजाने में , अपना और बीमारी को छुपा लिए है और अब यही छत्तीसगढ़ और राज्य की जनता के लिए घातक साबित हो रहा है , जबकि , छत्तीसगढ़ में अब तक १५ दिनों , पहले तक कोरोना का आस्तित्व नहीं के बराबर था , और ना ही कोरोना की पैदाइश , छत्तीसगढ़ के मूल निवासी के शरीर में पाई गई थी , पहला केस भी युवती के साथ लंदन से आया था तो दूसरा केस दिल्ली तब्लीगी जमात से आया था ? स्थानीय निवासी के शरीर में कोरोना नहीं पाया गया था ? अब तक जितने भी मरीज कोरोना के सामने आए है , वे सभी अन्य देश और राज्यो से आए व्यक्तियों से संक्रमित होकर , कोरोना के मरीज बने है ? छत्तीसगढ़ के भीतर , अब नए मामलों को देखते हुए , छत्तीसगढ़ आए सभी मजदूरों को चाहिए कि , वे स्वयं होकर सामने आए और अपना इलाज स्वयं के हित व जनहित में आवश्यक रूप से करवाए , बीमारी को बढ़ाने से , छुपाने से खुद की जान तो जाएगी ही , लेकिन परिवार और अन्य लोगो के संपर्क में आने से , उनकी भी जान जाएगी , सच यह भी है कि , अभी इलाज सरकार मुफ्त में कर रही है , यदि यही इलाज बाद में किया या करवाया जाता है , तो इस बीमारी का इलाज लाखो में होगा ? जो कई बड़े राहिशो के बस की बात नहीं होगी ? तो फिर आम आदमी की क्या औकात होगी ? जबकि , बीमारी को छुपाने और अन्य लोगो की जान को खतरे में डालने के आरोप में पुलिस मामला दर्ज कर , जेल भी भेजेगी ? बेहतर यही है कि , जनहित में रोगग्रस्त व्यक्ति निडर होकर सामने आए और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देकर , अपना और अपने परिवार की जान बचाए तथा जेल जाने बचे ?
*घबराए ना सरकार आपके साथ है ।*
कोरोना महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में , छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार , अपने राज्य के प्रत्येक लोगो के साथ है , लोगो की हर समस्याओं के निराकरण के लिए , सरकार का हर अमला मुस्तैदी के साथ तैयार है , देश का पहला राज्य है , जो महामारी के इस दौर , में कोरोना से लड़ भी रहा है और राज्य के लोगो के लिए रोजगार भी मुहैया कर रहा है , जबकि किसानों और राज्य के गरीबों के लिए खजाना ही खोलकर रख दिया है , राज्य सरकार की , वह दरियादिली भी सामने आई , जहां भूपेश सरकार ने , अपने राज्य के लोगो की , अपने बजट में घर वापसी करवाई , तो वहीं छात्रों को भी घर वापसी में भर पुर मदद की , खाना पीना से लेकर रास्ते का खर्च सहित बस किराया भी भूपेश सरकार ने वहन किया , जबकि कई राज्यो में छात्रों से लाखो में पैसे वसूले गए ? भूपेश सरकार मानवता को जिंदा रखते हुए , अन्य राज्यो के मजदूरों को , अपने संरक्षण में बस के माध्यम से , उनके अपने गृह राज्यो तक भेजा , सिर्फ यही उनके खाने पीने , रहने और इलाज की भी भूपेश सरकार ने की , सिर्फ इतना ही नहीं , जिन मजदूरों के पैरो में चप्पल नहीं थे , उन्हें चप्पल भी पहनाया और दिया , बल्कि चप्पल के लिए , सरकार के द्वारा , अपने राज्य के प्रत्येक जिलाधीशों को सख्त आदेश दिया गया कि , मजदूरों के चप्पल और खाने पीने की व्यवस्था कर , मजदूरों की मदद करे , और ऐसा हुआ भी , राज्य के प्रत्येक जिलाधीश सड़को पर उतर कर मजदूरों को , चाय – नाश्ता – खाना से लेकर , चप्पल तक पहनाते हुए नजर आए , गौरतलब है कि , अन्य राज्यो से लौट रहे मजदूर , छत्तीसगढ़ की सीमा से या मुख्य मार्गो से गुजर रहे थे , उनकी हालत काफी दयनीय थी , उनकी इसी परिस्थिति को देखकर , अपने राज्य के भीतर , मजदूरों के लिए व्यवस्था की , जो सराहनीय रहा , आज अन्य राज्य के मजदूर भी भूपेश सरकार के गुणगान करते हुए नहीं थक रहे , इसलिए राज्य की जनता भी , सरकार का साथ दे और सहयोग ले ।