भिलाई । भिलाई के बीएमवाई चरोदा के स्टेशन के थोड़ी दूर उस वक्त हड़कंप मच गया जब ट्रेन की एक बोगी डीरेल हो गई। बोगी के अंदर से चीख पूकार मच गई, लेकिन चंद मिनट में ही रिलिफ ट्रेन वहां पहुंची और एक-एक कर सभी यात्री को बाहर निकाला। यह नजारा था आज की उस मार्क ड्रील का जो रेलवे और एनडीआऱएफ की टीम ने मिलकर किया। हर दो साल में होने वाली इस मार्कड्रील में रेलवे, एनडीआरएफ, आरपीएफ, सिविल डिफेंस की टीम ने हिस्सा लिया। टीम ने बम डिडेक्टर से लेकर फायर सेफ्टी, कैजुअल्टी रेस्क्यू सहित गैस कटर से बोगी को काटने का काम तेजी से किया।
विओ इस दौरान एक्सीडेंट के दौरान मिलने वाले क्विक रिस्पांस और घायलों को बाहर निकालने के साथ ही बोगी को गैस कटर के जरिए काटने का डेमोस्ट्रेशन शानदार रहा। स्काउट-गाइड के बच्चों को यात्री बनाकर रेस्कयू टीम ने खिड़की, दरवाजे और बोगी की छत को काटकर निकाला। एडीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो हमेशा रेस्क्यू टीम तैयार रहती है, लेकिन दो साल में यह मार्क ड्रील पूरी तैयारी और सभी टेक्नीकल इक्यूमेंट के साथ की जाती है। इधर एनडीआरएफ थर्ड बटालियन के डिप्टी कमांडेंट कन्हैया योगी ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम अपने निर्धारित स्टेशन में हमेशा अलर्ट मूड में रहती है, लेकिन जब तक लोकेशन पर टीम पहुंचती है उससे पहले रेलवे और सिविल डिफेंस की टीम जो सबसे पहले पहुंचती है वह रेस्क्यू शुरू करती है। लेकिन एनडीआरएफ के आने के बाद पूरी तरह वे रेस्क्यू को अपने हाथ में लेती है। उन्होंने बताया कि सालभर एनडीआरएफ रेलवे और लोकल टीम को रेस्क्यू की सारी ट्रेनिंग भी देती है।