भोपाल (DNH):- नवाबगंज के एक गांव में 12 साल की बच्ची को खेत में खींचकर सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसके साथ निर्भया जैसी दरिंदगी कर हत्या कर देने वाले दोनों युवकों को अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने साफ कहा कि दोनों अभियुक्तों को फांसी पर तब तक लटकाया जाए जब तक उनकी मौत न हो जाए। चार साल पहले हुई इस घटना के बाद अदालत में सुनवाई के दौरान कुछ गवाह अपने बयान से मुकर गए, लेकिन पुलिस की ओर से पेश किए तमाम दूसरे साक्ष्यों का अदालत ने गंभीरता से परीक्षण किया और दोनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुना दी। दिल दहला देने वाली यह घटना नवाबगंज के एक गांव में 29 जनवरी 2016 को हुई थी जिसकी एफआईआर दुष्कर्म के बाद कत्ल की गई बच्ची के पिता की ओर से दर्ज कराई गई थी।
पीड़िता के पिता के मुताबिक उस दिन वह एक शादी में पड़ोस के गांव गए हुए थे। उनकी पत्नी दोपहर करीब 12 साल की बेटी के साथ खेतों पर गन्ने की पताई लेने निकली। पत्नी ने एक चादर में पताई बांधकर बेटी को वापस भेज दिया और उसे घर में रखकर दोबारा खेत पर आने को कहा, लेकिन वह वापस खेत नहीं पहुंची। पत्नी ने घर आकर बच्ची की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। शाम चार बजे गांव के कुछ बच्चों ने बताया कि उनकी बेटी सरसों के खेत में पड़ी है। गांव के लोगों के साथ घर वाले वहां पहुंचे तो बेटी को अर्धनग्न अवस्था में खेत में मृत पड़ा पाया।
एफआईआर के मुताबिक बच्ची के नाजुक अंग पर लकड़ी से चोटें पहुंचाई गई थी और वह दूर से ही लहूलुहान दिखाई दे रही थी। जांच में बच्ची के नाजुक अंग से भी लकड़ी निकली थी। घटना के तीसरे दिन इस मामले में गांव के ही 32 वर्षीय युवक मुरारीलाल और उसके साथी उमाकांत को गिरफ्तार किया गया। अदालत में सरकारी वकील रीतराम राजपूत ने पीड़िता के मां-बाप, दादी समेत कुल 11 गवाह पेश किए। बचाव पक्ष की ओर से भी एक गवाह पेश किया गया। शुक्रवार को अभियुक्त मुरारी लाल और उमाकांत को दोषी करार देते हुए अदालत ने मौत की सजा सुनाई। दोनों पर 2.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और इसमें से 2.20 लाख रुपये पीड़िता के माता पिता को बतौर पुनर्वास देने का आदेश दिया।
तीन मिनट में किया सजा का एलान
बच्ची से दरिंदगी के मामले में अदालत ने महज तीन मिनट के अंदर मुरालीलाल और उमाकांत को मौत की सजा देने का एलान कर दिया। दोनों को अदालत ने दो दिन पहले ही सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की वहशियाना ढंग से हत्या करने के मामले में दोषी करार दे दिया था। सजा सुनाने के लिए विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार यादव शुक्रवार को दोपहर 1:07 बजे अदालत में पहुंचे और सिर्फ तीन मिनट के अंदर सजा का एलान कर दिया।