raipur / पासपोर्ट के लिए पुलिस वेरिफिकेशन में लगने वाले समय और अन्य प्रक्रियाओं से हो रही परेशानियों को देखते हुए इस प्रोसेस को सरल किया जा रहा है। चीफ सेक्रेटरी ने गुरुवार को गृह विभाग के अफसरों की मीटिंग लेकर तय किया कि पासपोर्ट की पूरी प्रक्रिया अब एम-पासपोर्ट एप के जरिए पूरी होगी।
इस पूरी प्रक्रिया को राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। एप से किस तरह काम होता है, यह देखने के लिए गृह विभाग की एक टीम महाराष्ट्र भेजी गई है।
इसके चलते पासपोर्ट जारी करने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन और अन्य प्रक्रियाओं के कारण होने वाली देरी-परेशानियों से राहत मिलेगी। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंत्रालय में गृह विभाग की बैठक ली। इसमें पासपोर्ट प्रक्रिया को सरल बनाने पर बात हुई। डीजीपी अशोक जुनेजा ने बताया कि महाराष्ट्र, राजस्थान और ओडिशा में एम-पासपोर्ट एप से पासपोर्ट जारी हो रहा है। इसी एप का उपयोग छत्तीसगढ़ में किया जाना है। प्रक्रिया के अध्ययन एवं तकनीकी जानकारी के लिए अधिकारियों का दल महाराष्ट्र गया है। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल श्री सुब्रत साहू एवं पासपोर्ट कार्यालय के भी अधिकारी उपस्थित थे।
राहत देंगे ये फैसले
- राज्य के छह ऐसे जिलों में एप का इस्तेमाल होगा, जहां से नए पासपोर्ट बनाने या नवीनीकरण के आवेदन अधिक संख्या में प्राप्त होते हैं। इनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और सरगुजा शामिल हैं।
- संबंधित थाने से आवेदक के पास दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सूचना भेजी जाएगी। तय तिथि में संबंधित थाने के कर्मी आवेदक के निवास का भौतिक सत्यापन करेंगे।
- इसके बाद की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी। आवेदक को पासपोर्ट 21 दिनों में पासपोर्ट मिल जाएगा।