चंद्रयान-3 का लैंडर चांद पर जिस जगह पर उतरा उसे शिवशक्ति प्वाइंट नाम दिया गया है. इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है
चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो (ISRO) चीफ एस सोमनाथ रविवार (27 अगस्त) को तिरुवनंतपुरम में पूर्णमिकवु भद्रकाली मंदिर पहुंचे. यहां पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने कहा कि विज्ञान और आध्यात्मिकता दो अलग-अलग चीजें हैं और दोनों को मिलाने की कोई जरूरत नहीं है.
एस सोमनाथ ने कहा कि मैं एक खोजकर्ता हूं. मैं चंद्रमा के बारे में खोज करता हूं. विज्ञान और आध्यात्मिकता दोनों की खोज करना मेरे जीवन की यात्रा का एक हिस्सा है. मैं कई मंदिरों में जाता हूं. कई धर्मग्रंथ पढ़ता हूं और इस ब्रह्मांड में हमारे अस्तित्व के बारे में खोज करने का प्रयास करता हूं.
चंद्रयान-3 पर क्या बोले इसरो चीफ?
चंद्रयान-3 को लेकर इसरो के चेयरमैन ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि सब कुछ बहुत अच्छे से काम कर रहा है. इसके लैंडर, रोवर अच्छी स्थिति में हैं और सभी पांच उपकरण चालू कर दिए गए हैं. ये अब शानदार डेटा दे रहा है.
शिवशक्ति नाम रखने पर क्या कहा?
चांद पर चंद्रयान-3 के लैंडिंग प्वाइंट को ‘शिवशक्ति’ कहे जाने पर इसरो चेयरमैन ने कहा कि पीएम ने इसका अर्थ उस तरीके से बताया जो हम सभी के लिए उपयुक्त है. मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
“पीएम को नाम रखने का विशेषाधिकार”
इसरो चीफ ने कहा कि उन्होंने (पीएम) चांद पर जिस जगह चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे तिरंगा प्वाइंट नाम दिया और इसका मतलब भी बताया. दोनों भारतीय नाम हैं. हम जो कर रहे हैं उसका एक महत्व होना चाहिए और देश के प्रधानमंत्री होने के नाते ये नाम रखने का उनका विशेषाधिकार है.