दुर्ग। धान खरीदने के लिए इस बार प्रदेश में थोड़े बदलाव किए गए हैं । धान की बिक्री के समय जमीन के मालिक अथवा उसके नॉमिनी को स्थल पर मौजूद रहना पड़ेगा। इसके लिए पंजीयन का कार्य किया जा रहा है। किंतु कई सोसाइटी वाले किसानों से जबरन ही बहुत सारे पेपर मांग रहे हैं। जबकि सरकारी निर्देश के मुताबिक सिर्फ किसान का आधार कार्ड और उसके नॉमिनी का आधार कार्ड के साथ पंजीयन के लिए निर्धारित प्रपत्र ही भर कर देना है । साथ में फोटो भी चस्पा करना है।
किंतु दुर्ग जिले के कई सोसाइटियों में किसानों से समस्त पेपर मांगे जा रहे हैं। जैसे b1, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र , राशन कार्ड समेत अन्य कई प्रमाण पत्र की छाया प्रति मांगी जा रही है । जबकि शासन ने क्लियर कर दिया है कि किसान या उसके नॉमिनी को निर्धारित फार्म के अलावा आधार कार्ड एवं फोटो ही देना है । अनेक सोसाइटियों के मनमानी पूर्ण आचरण से किसानों में परेशानी पैदा हो गई है । ऐसे कई किसान है जो शहरों में रहते हैं या बुजुर्ग हो चले हैं, वे सोसाइटी में जाकर पंजीयन करने में सक्षम नहीं है। उन किसानों को राहत देने के लिए भी समिति के जिम्मेदार लोग कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दे रहे हैं। किसानों ने मांग किया है कि उच्च अधिकारी इस विषय में संज्ञान लेकर स्थिति स्पष्ट करें , और किसानों को राहत दे। क्योंकि किसान पहले ही अपना पंजीयन कर लिए होते हैं। इस पंजीयन के आधार पर कृषि अनुदान, धान का बीज, कृषि औषधि , खाद आदि विक्रय करते हैं। लिहाजा फिर से वही वही प्रमाण पत्र मांगने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। एक तरफ प्रशासन पेपर लेस की दुनिया में जा रहा है तो दूसरी ओर सहकारी समितियां बार-बार वही वही कागजात मांग कर किसानों को परेशान करते हैं। किसान अपना कामकाज छोड़कर आखिर कितने बार सोसाइटियों का चक्कर लगाते रहे । सोसाइटी में कामकाज की गति वैसे भी ढीली होती है और दूर से आने वाले किसानों को इससे तकलीफ होती है। किसानों ने निवेदन किया है कि शासन मसले का सरलीकरण कर उन्हें सुविधा प्रदान करें।