प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग अपनी तैयारी तेज कर दी है जिसके तहत प्रारंभिक चरण में मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य सभी मतदान केदो में अंतिम चरण में है किंतु मतदाता सूची में अभी भी ऐसे सैकड़ों लोगों की नाम है जिनकी वर्षो पूर्व मृत्यु हो गई है किंतु उसे विलोपित नहीं किया जा रहा है इस दिशा में भाजपा प्रवक्ता व निगम के पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने जिला निर्वाचन अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग की है की ऐसे मृत लोगो की सूची में नाम काटने निर्वाचन आयोग बीएलओ के माध्यम से डोर टू डोर सर्वे कराए तथा परिजनों के जानकारी के आधार पर मृत लोगो का नाम काटा जाए पूर्व सभापति दिनेश देवांगन इस संबंध में जारी बयान में कहा है कि निर्वाचन आयोग द्वारा जुलाई 2023 में जारी आंकड़े के अनुसार अकेले दुर्ग शहर विधानसभा में 2 लाख 19 हजार से अधिक मतदाता दर्शाया गया है और वर्तमान में अभी दुर्ग शहर सहित पूरे जिले के सभी मतदान केंद्रों में मतदाता सूची नाम जोड़ने,काटने त्रुटि संशोधन जैसे कार्य 2अगस्त से प्रारंभ होकर अब अंतिम दो दिन शेष रह गए हैं और इस कार्य में राजनीतिक दलों की भूमिका के चलते भाजपा के बूथ लेबल एजेंटों के माध्यम से मिली जानकारी अनुसार प्रत्येक बूथों में औसतन 25 से अधिक नाम ऐसे लोगो का है जिनकी वर्षो पूर्व मृत्यु हो गई है इसमें से कुछ नाम ऐसा भी है जिनकी मृत्यु 10 वर्ष से अधिक हो गई फिर भी मतदाता सूची में वे सभी अभी भी जीवित वोटर है । भाजपा प्रवक्ता दिनेश देवांगन ने इस दिशा में जिला निर्वाचन अधिकारी से स्वयं संज्ञान लेकर मृत लोगो का मतदान केंद्रों में नाम काटने बीएलओ के माध्यम से विशेष अभियान चलाने की मांग करते हुए कहा की वर्ष 2020–2021कोरोना महामारी के चलते जिले में सैकड़ों लोगो की जान गई है वही अनेक लोगो का हादसों या स्वाभाविक मृत्यु हुई होगी दुर्ग शहर में भी कोविड से कईयों के मौते हुई हैं फिर भी निर्वाचन आयोग द्वारा इसे संज्ञान में नहीं रखा जाना व केवल नाम विलोपन का कार्य मृतकों के परिजनों के आवेदन के भरोसे रखा उचित नहीं है बल्कि इसके लिए बीएलओ के माध्यम से घर घर विशेष अभियान चलाकर व जानकारी के आधार पर विलोपित करने का कार्य किया जाना चाहिए लेकिन विभिन्न मतदान केंद्रों में चल रहे पुनरीक्षण कार्य में लगे टीम के भरोसे मृत लोगो का विलोपन कार्य बेहद नगण्य है कारण की इसके लिए मृतक के मृत्यु प्रमाण पत्र की कापी व परिजनों को उपस्थिति की आवश्यकता के चलते संबंधित लोग स्वयं उदासीन है और इसी हाल में मतदाता सूची कार्य को अंतिम रूप दिया गया तो पूरे जिले में नतीजा यह होगा कि चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बेहद प्रभावित होगा इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारी इस दिशा में स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही करे ताकि चुनाव के दौरान मतदान शत प्रतिशत मतदान हो।