— भाजपा की परिवर्तन यात्रा में न बस्तर में भीड़ उमड़ी, न दुर्ग में
— कांग्रेस की सभाओं में अभूतपूर्व उत्साह और भारी भीड़ से दिख रहा है दोबारा बनेगी कांग्रेस सरकार
पीसीसी महामंत्री राजेंद्र साहू ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और सांसद सरोज पांडेय पर जमकर हमला बोला है। राजेंद्र ने कहा कि आम जनता ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया है। इससे बौखलाकर रघुवरदास और सरोज पांडेय सहित अन्य भाजपा नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
राजेंद्र ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास के कुकर्मों के कारण उनकी सरकार दोबारा रिपीट नहीं हो पाई। सरकार भी चली गई और खुद रघुवर दास भी चुनाव हार गए। राजेंद्र ने तंज कसते हुए कहा कि रघुवर दास की काठ की हांडी दोबारा नहीं चढ़ी। शायद वे अपना अनुभव छत्तीसगढ़ में आकर बता रहे हैं।
सरोज पांडेय के बयान पर हमला बोलते हुए राजेंद्र ने कहा कि प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस पार्टी के पुरखों ने देश को आजाद कराने से लेकर उद्योग स्थापित कर रोजगार उपलब्ध कराने, सिंचाई के लिए बांधों का निर्माण, महंगाई काबू करने और देश को एकता के सूत्र में बांधकर रखने का काम किया। देश के लिए काम किया है, तो बताया जा रहा है। भाजपा के पुरखों ने क्या किया।
राजेंद्र ने कहा कि भाजपा के पुरखों ने देश की आजादी की लड़ाई में स्वतंत्रता सेनानियों का साथ नहीं दिया, बल्कि अंग्रेजों के मुखबिर बन गए। देश की आजादी के बाद देश में नफरत फैलाने और धर्म जाति के नाम पर लोगों को बांटने के सिवा भाजपा ने कोई काम नहीं किया। आजादी की लड़ाई और आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण में भाजपा नेताओं का कोई योगदान ही नहीं रहा। अतीत में जब कोई योगदान ही नहीं है तो सरोज व अन्य भाजपा नेता अपने पुरखों के बारे में क्या बताएंगे ?
राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश की जनता भाजपा की असलियत को पूरी तरह समझ चुकी है। इसी का नतीजा है कि कांग्रेस की सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है, जबकि भाजपा के पंडाल खाली हैं। 21 सितंबर को भिलाई में प्रियंका गांधी की सभा में भारी भीड़ मौजूद रही, जबकि दुर्ग पहुंची भाजपा की परिवर्तन यात्रा में गिने चुने लोग ही मौजूद रहे। भाजपा नेताओं को इस सच्चाई को समझ लेना चाहिए।
इससे साफ जाहिर है कि छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा से दूर हो चुकी है। महंगाई, बेरोजगारी और नफरत की भाजपाई राजनीति से जनता त्रस्त है। सच ये है कि छत्तीसगढ़ की जनता प्रदेश राज्य सरकार को नहीं बल्कि, केंद्र सरकार को हटाना चाहती है, केंद्र की सत्ता परिवर्तन करना चाहती है। जिस दिन केंद्र सरकार के खिलाफ परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी, उस दिन परिवर्तन यात्रा में भी भारी भीड़ उमड़ने लगेगी।