Bastar News: नक्सलवाद की वजह से आज भी बस्तर के सैकड़ों गांव विकास से अछूते हैं. गांव में मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंचने की वजह से इसका प्रभाव यहां के रहने वाले ग्रामीणों के जीवन पर पड़ रहा है.
बस्तर जिले के आखिरी छोर में बसा गांव करलाकोंटा विकास से पूरी तरह से अछूता है. इस गांव में ना ही आज तक कोई प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि यहां पहुंचा है, गांव तक सड़क नहीं होने के चलते कोई भी इस गांव में आना नहीं चाहता है.
सबसे बुरी स्थिति यहां के युवकों की है क्योंकि इस गांव के युवकों से कोई भी लड़की शादी नहीं करना चाहती है और कुछ युवकों की शादी भी हुई है तो उन्हें भी अपनी दुल्हनियां को झूठ बोलकर इस गांव में लाना पड़ा है.
मारडूम पंचायत के कई गांव के ग्रामीण मूलभूत सुविधा नहीं पहुंचने से कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैंय इन्हीं गांवों में से मारडूम पंचायत का आश्रित गांव करलाकोंटा है.
कुछ साल पहले यहां प्राथमिक शाला तो खुला लेकिन यहां एक भी शिक्षक नहीं हैं जिसके चलते इस गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. गांव में बिजली भी नहीं पहुंची है.
विकास कार्य नहीं पहुंचने के चलते दूसरे गांव के ग्रामीण अपनी बेटी का विवाह इस गांव में नहीं करना चाहते हैं. गांव के युवक शिवराम ने बताया कि 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई है और उन्होंने झूठ बोलकर शादी की थी.
शिवराम की पत्नी समलो ऐसे गांव से आई हैं जहां सड़क, बिजली, पानी और स्कूल यहां तक की आश्रम की भी सुविधा है. वहीं, जब जब वह शादी करके इस गांव में पहुंचीं तो उसे अपने ससुराल तक पहुंचने के लिए मारडूम पंचायत से एक से डेढ़ घंटे तक पहाड़ से नीचे पैदल उतरना पड़ा.