छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने वह कमाल कर दिखाया जो कई बार प्राइवेट अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच कर पाना मुश्किल होता है.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग (Dugr) जिला सरकारी अस्पताल अब किसी भी बड़े प्राइवेट अस्पताल में होने वाले इलाजों में पीछे नहीं है. दुर्ग जिला अस्पताल के डॉक्टर और एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे करना लगभग नामुमकिन था. दुर्ग जिला सरकारी अस्पताल में पहली बार टी.एम.जे. एनकाइलोसिस (Temporomandibular Joint Ankylosis) बीमारी का सफल ऑपरेशन हुआ है. यह ऑपरेशन करीब 3 घंटा चला है जिसमें 10 साल के बच्चे का सफल ऑपरेशन किया गया है.
कचान्दुर का 10 साल का बच्चा राहुल गायकवाड़ अब अपने खाना खाने में सक्षम है. वह पिछले एक साल से ठीक से कुछ खा नहीं पा रहा था. राहुल टी.एम.जे. एनकाइलोसिस नामक बीमारी से ग्रसित था. इस बीमारी में निचला जबड़ा खोपड़ी की हड्डी से जुड़ जाता है जिससे मुंह खुल नहीं पाता. मुंह न खुलने की वजह से एनेस्थीशिया देना भी काफी जटिल प्रक्रिया थी. राहुल को फाइबर ऑपटिक के द्वारा सांस की नली डाली गई. एनकाइलोसिस से पीड़ित होने की वजह उसके दाहिने कान में 2 साल पहले पस भर जाना था. जिसकी वजह से इन्फेक्शन टी.एम.जे. ज्वाइन्ट में फैल गया और पिछले एक साल से उसका मुंह खुलना बंद हो गया.
जानिए इस खतरनाक बीमारी के बारे में
यह सर्जरी काफी जटिल है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान चेहरे की नसों में चोट लग सकती है जिससे चेहरा पैरालाइज भी हो सकता है. चेहरे की नसों को बचाते हुए एन्काइलोटिक मास (हड्डी का टुकड़ा) निकालना पड़ता है. दुबारा जबड़े की हड्डी खोपड़ी से जुड़ न जाए उसके लिए पेट से चर्बी निकालकर डाली गई. राहुल अभी एकदम ठीक है और उसे निगरानी के लिए कुछ दिन अस्पताल में रखा जाएगा. यह सर्जरी ओरल एवं मैक्सिलो फेशियल सर्जन डॉ. कमिनी इड्सेना ने की. डेन्टल सर्जन डॉ. शिवांशी अग्निहोत्री व ई.न.टी पीजी डॉ. अविनाश गुप्ता ने सर्जरी में सहयोग दिया.