बालोद/ दुर्ग जिले के पुलगांव से लेकर बालोद जिले के खप्परवाड़ा तक फोरलेन बनाने और झलमला तिराहा तक की सड़क को 14 मीटर करने की प्लानिंग बनी है, लेकिन राज्य सरकार के 2013-14 के बजट में शामिल होने के बावजूद यह फाइलों में ही कैद रह गई है। वजह जिम्मेदार अफसरों व जनप्रतिनिधियों ने ध्यान ही नहीं दिया। ऐसा कहना जायज होगा क्योंकि फोरलेन बना तो रहे है लेकिन पुलगांव से अंडा तक ही। जबकि फोरलेन बनाने की प्लानिंग खप्परवाड़ा तक बनी है।
पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के पूर्व मंत्री दुर्ग जिले के है इसलिए उन्होंने अपने गृह जिले की सड़क को संवारने में दिलचस्पी दिखाई लेकिन बालोद जिले की सड़क को संवारने ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा जिलेवासियों को भुगतना पड़ रहा है। जिले के शिक्षक संघ नेता मधुकांत यदु ने मांग की है, अंडा के आगे बालोद तक इसे फोरलेन किया जाए, जिससे आम लोगों की परेशानी दूर हो सके।
स्टेट हाईवे-7 के अधीन दुर्ग जिले के ग्राम अंडा से बालोद जिले के झलमला तिराहा तक 38 किमी सड़क को एनएच में शामिल कर 14 मीटर चौड़ीकरण करने की प्लानिंग बनी है। लेकिन फिलहाल फाइलों में ही कैद है।
विभागीय अफसरों के अनुसार सड़क को संवारने 250 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। वर्ष 2016 में पुलगांव से झलमला तक 51 किमी सड़क का चौड़ीकरण करने की प्लानिंग बनी थी। जिसे नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बजट में शामिल किया था। लेकिन पीडब्ल्यूडी मंत्री के हस्तक्षेप के बाद राज्य प्राधिकरण मद से पुलगांव से अंडा तक फोरलेन निर्माण कार्य को स्वीकृति दी गई। लिहाजा अंडा से आगे जिले की सड़क को संवारने किसी ने ध्यान नहीं दिया।
फाइलों में कैद रह गया प्लान एनएच विभाग की डीपीआर अनुसार बालोद जिले के दो विस क्षेत्र गुंडरदेही और बालोद की सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट में शामिल है। झलमला तिराहा से अरौद सांकरी तक अनुमानित 65 करोड़ रुपए की लागत से और सांकरी से गुंडरदेही ब्लाक के अंतिम छोर तक करीब 85 करोड़ रुपए की लागत से सड़क चौड़ीकरण व डामरीकरण कार्य होना प्रस्तावित है। लेकिन इसके लिए राशि की स्वीकृति नहीं मिल पाई है। यूं कहे कि प्लान फाइलों में कैद रह गई है।