balod/ जिले के पांच ब्लॉक में 8 लाख 85 हजार 760 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके अनुरूप अब तक 7 लाख 83 हजार 481 लोगों का कार्ड बन चुका हैं। जो निर्धारित लक्ष्य का 88.2% है। इसी आधार पर प्रदेश में बालोद जिला तीसरे नंबर पर है। जिसकी पुष्टि सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने की है। हालांकि अब तक 11.8% यानी एक लाख 2 हजार लोगों ने आयुष्मान कार्ड बनाने पंजीयन ही नहीं कराया है।
विभागीय अफसर कह रहे हैं कि जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी सहित संकल्प यात्रा में कई लोग पंजीयन करवाने जरूरी प्रक्रिया कर रहे है। आंकड़े बढ़ने का अनुमान है। अस्पताल में पहुंचकर ज्यादा लोग कार्ड बनवाने पंजीयन करवा रहे हैं। अधिकांश लोग कार्ड बना सकें। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शिविर लगा रही है। सीएमएचओ डॉ. जेएल उइके ने बताया कि अधिकांश लोग पंजीयन करवा चुके हैं। कार्ड भी मिल चुका है। प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति में यहां स्थिति बेहतर है। जो लोग अब तक पंजीयन नहीं करवाए हैं, उन्हें सूचना दे रहे हैं।
गांवों में कार्ड बनवाने के लिए मुनादी करवा रहे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का तर्क है कि कोरोनाकाल के दौरान मार्च 2020 से 2022 तक अधिकांश दिन शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कार्ड बनाने वार्डवार शिविर नहीं लगा था। इस वजह से लक्ष्य अधूरा है। हालांकि अब गांवों में मुनादी कराई जा रही है कि जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है, वे ग्राम पंचायत में संपर्क करें और नजदीकी अस्पताल में जरूरी दस्तावेज लेकर पहुंचे। इसके अलावा शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शिविर की सूचना देकर लोगों को पंजीयन कराने बुला रहे है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बालोद ब्लॉक में एक लाख 32 हजार 393 कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। गुंडरदेही ब्लॉक में सबसे ज्यादा 2 लाख 27 हजार 265 कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। डौंडी ब्लॉक में एक लाख 56 हजार 600, डौंडीलोहारा ब्लॉक में 2 लाख 12 हजार 534, गुरूर ब्लॉक में एक लाख 50 हजार 387 कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
डेढ़ साल से लगा रहे शिविर फिर भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ विभागीय अफसर पहले कह रहे थे कि एक लाख से ज्यादा लोगों का कार्ड नहीं बन पाया है। इसकी वजह कोरोनाकाल में शिविर नहीं लगना है। लेकिन पिछले डेढ़ साल से शिविर, स्वास्थ्य मेला का आयोजन हो रहा है बावजूद लक्ष्य अधूरा ही है। लक्ष्य पूरा कराने कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने सीएमएचओ सहित सभी बीएमओ को निर्देश दिए है। पहले प्लानिंग बनाई गई थी कि शिविर या स्वास्थ्य मेला में जो लोग नहीं आएंगे, उनके घर कर्मचारी जाएंगे। इसके लिए मितानिनों व स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी की मदद लेंगे।
सरकारी व पंजीकृत निजी अस्पतालों में मिलगी सुविधा आयुष्मान कार्ड बनवाकर पात्र परिवार के सदस्य सरकारी या निजी अस्पताल में हर साल 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज करवा सकता है। यह कार्ड नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर के अलावा सरकारी या पंजीकृत अस्पताल में बनवाया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिले के दो ब्लॉक में 90%से ज्यादा लोगों का कार्ड तैयार हो चुका है। जबकि तीन ब्लॉक ऐसे है, जहां 90% से कम लोगों का कार्ड तैयार हो पाया है। इस साल के सिर्फ 12 दिन बचे है।