जम्मू कश्मीर से एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया. इसमें हजारों लोगों से लगभग 60 करोड़ रूपये की धांधली हुई है. मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फर्जी कंपनी ‘क्यूरेटिव सर्वे प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ संज्ञान लेते हुए पांच कार्यालयों पर छापा मारा.
श्रीनगर की रहने वाली राबिया (बदला हुआ नाम) के अनुसार उनकी मुलाकात कंपनी में काम करने वाली सोबिया और इफ्फत नाम की दो लड़कियों से हुई और उनके कहने पर ही उस ने पहले कुछ पैसे लगाए. अच्छा मुनाफा मिलने पर ना सिर्फ उसने खुद के बल्कि अपनी बहन और बाकी परिवार को पैसे भी इंवेस्ट कर दिए. अब वह पछता रही है, राबिया और उसकी बहन के करीब एक लाख रूपये लेकर कंपनी गायब हो चुकी है.
भारी रिटर्न का किया झूठा वादा
यही हाल श्रीनगर के ही रहने वाले मुनीर का है, जिसने उधार लेकर भी कंपनी से ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में पैसे इंवेस्ट किए और अब वह पछता रहे हैं. ठगों ने अक्टूबर 2022 में चेन्नई में पंजीकृत कंपनी की एक वेबसाइट बनाकर निवेशकों और कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर में निवेश पर भारी रिटर्न का झूठा वादा करके धोखा दिया.
यह घोटाला उस वक्त सामने आया जब निवेशकों ने पाया कि कंपनी का ऑफिस बंद है. साथ ही वेबसाइट और फोन ऐप भी काम नहीं कर रही हैं, जबकि मनिकम मारियाडोस और कीर्ति रमेश के नाम से दोनों निदेशक गायब हैं. फिलहाल पुलिस ने धारा 66डी आईटी एक्ट, 420 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है.
जानकारी के मुताबिक ग्राहकों को वेबसाइट पर लॉग-इन करने, एक आईडी और पासवर्ड जेनरेट करने और 4999 की ज्वाइनिंग फीस का भुगतान करने के लिए कहा गया था, जिस के बाद हर महीने 3000 रूपये मिलते थे. इसके अलावा कंपनी की ओर से उन्हें इस्तेमाल करने के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट भी मुफ्त भेजे जाते थे और ज्यादा इन्वेस्ट करने पर ज्यादा मुनाफे का वादा भी किया जाता था.
इतना ही नहीं हर नए सदस्य को जोड़ने पर लोगों को कमीशन भी दिया जाता था. कंपनी ने ग्राहकों से 15 दिनों के भीतर पैसा दोगुना होने का वादा किया था, जिसके चलते लोगों ने बड़ी रकम निवेश की.
पुलिस ने फ्रीज किए अकाउंट
फर्जी कंपनी जम्मू में कम से कम तीन बैंक अकाउंट के जरिए संचालित होती थी. पुलिस ने इन सभी अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया है. इसके अलावा श्रीनगर के करानगर इलाके में स्थित कंपनी के कार्यालय को भी सील कर दिया गया है.घाटी भर में इस कंपनी में लोगों ने कितनी राशि का निवेश किया था, इसकी जांच अभी भी चल रही है. हालांकि, घोटाले में 50 से 60 करोड़ रुपये की ठगी का अनुमान है.
कंपनी ने विज्ञापन के लिए कई सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स को नियुक्त किया था और कथित तौर पर वेबसाइट को प्रमोट करने के लिए उन्हें भारी रकम का भुगतान किया गया था. सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स ने व्यक्तिगत रूप से ऐप की विश्वसनीयता और सुरक्षा को सत्यापित करने का दावा किया था. अब कंपनी की वेबसाइट भी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, कंपनी का इंस्टाग्राम अकाउंट अभी भी एक्टिव है.
मामले की जांच शुरू
मामला सामने आने के बाद जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में क्यूरेटिव सर्वे एजेंसी की स्थापना, प्रचार और संचालन से जुड़े हर एक व्यक्ति की पहचान करने का काम शुरू कर दिया है, ताकि धोखेबाजों को पकड़ा जा सके.
इस संबंध में संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय कुमार भिदुड़ी ने कहा है कि निदेशकों और प्रमोटरों का पता लगाने और निवेशकों की गाढ़ी कमाई बरामद करने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आम जनता को भी ऐसे घोटालों के प्रति सतर्क रहना चाहिए. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले जम्मू-कश्मीर के सोशल मीडिया इंफ्लुएशंर्स की भूमिका की भी जांच की जा रही है.