भारत और मालदीव के बीच ये विवाद तब शुरू हुआ, जब पीएम मोदी की लक्षद्वीप यात्रा को लेकर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने भारत और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
प्रधानमंत्री पर अपमानजनक बयान को लेकर जारी विवाद के बीच भारत ने सोमवार (08 जनवरी 2024) को मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब को तलब किया. इसके बाद इब्राहिम शाहीब दिल्ली में विदेश मंत्रालय के दक्षिणी ब्लॉक में पहुंचे. इस दौरान दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद को लेकर चर्चा हुई. इससे पहले मालदीव की सरकार ने रविवार को तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया था. इन मंत्रियों ने लक्षद्वीप यात्रा को लेकर पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. भारतीय उच्चायोग ने इन टिप्पणियों को लेकर मालदीव सरकार के सामने आपत्ति दर्ज कराई थी.
दरअसल, पीएम मोदी ने पिछले दिनों लक्षद्वीप की यात्रा की थी. इस दौरान पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें शेयर की थीं और भारतीयों से इस केंद्रशासित राज्य को अपने टूरिस्ट डेस्टिनेशन लिस्ट में शामिल करने की अपील की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया था कि यह मालदीव के लिए झटका होगा.
सोशल मीडिया पर भारतीयों द्वारा इस दावे से भड़के मालदीव के कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की यात्रा का मजाक उड़ाया था और उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड करने लगा. कई बड़ी हस्तियों और यूजर्स ने दावा किया कि उन्होंने अपनी मालदीव यात्रा रद्द कर दी है.
मालदीव सरकार ने क्या कहा?
लक्षद्वीप यात्रा को लेकर पीएम मोदी पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मालदीव सरकार ने रविवार को अपने तीन मंत्रियों मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महजूम माजिद को निलंबित कर दिया. इतना ही नहीं सरकार ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है. मालदीव सरकार ने मंत्रियों के बयान को निजी बताया.
भारत और पीएम मोदी के खिलाफ बयानबाजी के बाद ये नेता अपने घर में ही घिर गए हैं. मालदीव के अन्य नेताओं ने इनकी आलोचना की है. पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ बयान की निंदा की. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणास्पद भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं. भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों के जरिये हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालने देना चाहिए.