रायपुर एम्स में आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही हैं। पहले दिन आउटसोर्स कर्मचारी अस्पताल के गेट नंबर 4 पर एक साथ हड़ताल पर बैठ गए। जिससे ओपीडी और आईपीडी की सेवाएं ठप हो गई हैं। मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नौकरी से हटाए जाने को लेकर 700 कर्मचारी विरोध कर रहे हैं।
ये सारे ठेका कर्मचारी रायपुर एम्स प्रबंधन पर रेगुलर स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ हैं। इसके साथ ही उनका कहना है कि, उन्हें बिना कारण हटाने की तैयारी की जा रही है।
इसलिए हड़ताल पर कर्मचारी
कर्मचारियों का कहना है कि इन्हें हटाकर एम्स प्रबंधन भर्ती प्रक्रिया शुरू कर रेगुलर स्टाफ की भर्ती करने वाली है। इसके कारण लगभग 700 ठेका कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है। हम बेरोजगार हो जाएंगे तो परिवार की रोजी-रोटी भी प्रभावित होगी। कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल एम्स के डायरेक्टर से मुलाकात करने भी गया था लेकिन एम्स के डायरेक्टर ने कर्मचारियों से मुलाकात करना भी मुनासिब नहीं समझा।
कर्मचारियों का कहना है कि कोविड काल के दौरान अपने घर परिवार को छोड़कर एम्स हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दी हैं। बावजूद इसके एम्स प्रबंधन हमें नौकरी से निकालने के लिए तैयार है। ठेका आउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारी रायपुर एम्स हॉस्पिटल में कई पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
हॉस्पिटल में सेवाएं हो रही प्रभावित
ठेका आउटसोर्स के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारी एम्स हॉस्पिटल में पिछले 10-12 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एम्स हॉस्पिटल में एलडीसी, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टोर कीपर, वायरमैन, इलेक्ट्रिकल, लैब टेक्नीशियन, लिफ्टमैन, फार्मासिस्ट, ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन जैसे तमाम विभागों में ठेका कर्मचारी काम कर रहे हैं।
रेगुलर स्टाफ की भर्ती होने से इनको अपने काम से निकाले जाने का डर भी सताने लगा है। जिसके कारण मंगलवार को एम्स हॉस्पिटल के गेट नंबर 4 पर इन कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया और काम बंद कर प्रदर्शन करने लगे। जिससे एम्स में कई तरह की सेवाएं भी प्रभावित हो रही है।