दुर्ग। शहर में अस्थाई ढंग से स्ट्रीट वेंडर सरकारी सहायता व सहमति के अपना काम और बेहतर कर सकेंगे। दुर्ग निगम के इस निर्णय से स्थानीय स्तर के लोगो को फायदा पहुंचेगा।
यह संभव हुआ है, नगर पालिक निगम के वेंडर जोन स्थापित करने से अब वेंडर शासन की योजनाओ से लाभ व सब्सिडी प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन स्वयम की दुकान के मालिक बन योजना का लाभ उठा रहे है ।
इस योजना के तहत स्थानीय सरकार द्वारा वेंडिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है। वेंडर जोन बनने पर उन्हे जगहों पर दुकानें मिलेंगी।
अभी वर्तमान में करीब 40 वेंडरो को दुकाने बना व्यवस्थित किया गया जिनमे अधिकाश गौरव पथ व जिला हास्पिटल के सडको पर अस्थाई रूप से व्यवसाय करते थे ! इसी तरह दुर्ग में पुराना बस स्टेण्ड, सिकोला बस्ती , साइंस कालेज, पुलगाव , कपड़ा मार्केट, बोरसी ,गंज मंडी के सामने . पोटिया, उरला में स्थान चिन्हित कर लगभग 201 वेंडरो को दुकान बना वेंडर जोन में स्थापित किया जाएगा !
वेंडर जोन के निर्माण की योजना अहम है। इससे छोटे मंझले और फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों को वेंडर जोन बनने दुकान आवंटित करेगा। ताकी वे फुटपाथ से स्थायी दुकानदार बन सके।
मुख्य रुप से इस योजना के द्वारा जो अस्थाई तौर पर फुटपाथ में छोटे छोटे अस्थाई दुकान लगाकर अपना परिवार चलाने वाले दुकानदारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है, ताकी वे सुदृढ़ हो सके और अपना बेहतर जीवन यापन कर सके।
इसमें ठेला वाले, सड़क किनारे फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले, फेरी करने वाले सभी दुकानदार शामिल है जिनका स्थाई बसेरा नही होता है। चिह्नित वेंडर को राष्टिकृत किसी भी बैंक से लोन की सुविधा मिलती है । जिससे वह बेहतर रूप से रोजगार कर सके !इस तरह की योजनाए सरकार समय समय पर संचालित करती है जिससे छोटे मंझले और फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले दुकाने बना व्यवस्थित किया जा सके पूर्व में मुख्यमंत्री स्वालम्बन योजना के तहत नया बस स्टेण्ड, स्टेट बैंक के पीछे गंज पारा, धमधा नाका, बोरसी व अन्य जगहों पर स्थानीय लोगो को रोजगार के लिए दुकान बना उपलब्ध कराया था जो आज एक सफल व्यवसाईक बाजार बन चूका है !
*दुर्ग भिलाई व पाटन में ऐसी योजनाएं जरूरी*
दुर्ग और भिलाई के बड़े हिस्से का विकास महानगर की तर्ज पर हो रहा है। साय सरकार के लिए भी दुर्ग व भिलाई के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनी प्राथमिक क्रम में रखे।
सरकार इस बात से वाकिफ है, लिहाजा जनहित के ऐसे फैसले लेकर समाज ने सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाने का प्रयास किया है।
भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो भिलाई, दुर्ग, पाटन रायपुर से जुड़ ही गए है। भले ही पूर्ववर्ती सरकारों ने विलंब से कनेक्टिविटी डेवलप की हो मगर सामाजिक और आर्थिक संबंध पहले से ही प्रगाढ़ रहे हैं। पर यह भी याद रखने वाली बात है कि राज्य बनने के 23 सालो में छत्तीसगढ़, खासकर भिलाई–दुर्ग की भूमिका अहम रही है।
मगर स्व. अजीत जोगी, डॉक्टर रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में दुर्ग भिलाई का सामान्य ही विकास हुआ। भूपेश सरकार के पिछले पांच सालों में दुर्ग–भिलाई, पाटन व रायपुर की कनेक्टिविटी में तेजी आई।