छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य के घने जंगल हाथियों का नया ठिकाना बन गया है. सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का गोमर्डा अभ्यारण्य (Gomarda Sanctuary) की हवा हाथियों के दल को रास आने लगी है. पिछले कई महीनों से गोमर्डा अभ्यारण्य के जंगलों में हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है. इस जंगल में पिछले करीब 3 महीने से 25 हाथियों का एक दल टहल रहा है. ये इस घने जंगल को छोड़कर जाने का नाम नहीं ले रहे हैं.
खास बात यह है कि गोमर्डा के वन विभाग अधिकारियों ने इन हाथियों को कई बार खदेड़ने की कोशिश की है, लेकिन वो इस जगह को छोड़कर जाने का नाम नहीं ले रहे हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि अब गोमर्डा के अधिकारियों ने भी हार मान लिया है और वो अब इन हाथियों पर नजर रखने के अलावा कुछ और नहीं कर पा रहे हैं.
नन्हे मेहमान का आगमन
गोमर्डा अभ्यारण्य के जंगल में हाथियों के इस दल में पिछले महीने ही एक शावक के जन्म लेने की बात कही जा रही है. इसकी वजह से हाथियों का समूह अब और अलर्ट होने के साथ आक्रामक हो गया है. हाथियों के आक्रामक तेवर में रहने के कारण विभागीय कर्मचारियों से लेकर आसपास के गांव के लोग भी झुंड के आसपास तक जाने का नाम नहीं लेते हैं.
ग्रामीणों के साथ छोटे जानवर भी रहते हैं सहमे
विभागीय जानकारी के मुताबिक 24 हाथियों के दल के डेरा डालने से किसानों की फसलों को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही हाथियों के आक्रामक अंदाज से छोटे जानवर भी डर कर छिप जा रहे है. गोमर्डा अभ्यारण्य के जंगलों में हाथियों के एक बड़े समूह के विचरण करने के कारण ग्रामीणों में एक अलग ही खौफ का महौल रहता है.
हाथियों को खदेड़ने की कोशिशें नाकाम
बताया जा रहा है कि हाथियों के डर से करीब दो महीने से ग्रामीणों को रात में भी जागना पड़ रहा है. ग्रामीणों की परेशानियों को देखते हुए वन विभाग के कर्मचारियों ने हाथियों को खदेड़ने का बहुत प्रयास किया लेकिन वे भागने का नाम नहीं ले रहे हैं. गोमर्डा अभ्यारण्य के रेंजर राजू सिदार ने बताया कि पिछले कई महीने से दो दर्जन से अधिक हाथियों का दल डेरा डाल रखा है, उन्हें खदेड़ने की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं.
वन्य जीवों के लिये घने जंगल क्षेत्र में शुमार गोमर्डा अभ्यारण्य में वन भैसा, चीतल, बरहा, जंगली सुअर के अलावा तेंदुए भी मौजूद हैं. वहीं, खास कर अब हाथियों की मौजूदगी ने लोगों को ध्यान खींचा है.