70 हजार किराए वाली दुकान फ्री में ली और बेचने लगे मल्टीनेशनल कंपनी के प्रोडक्ट
छत्तीसगढ़ के देसी सुपर बाजार सी-मार्ट में ताले लगने शुरू हो गए हैं। एनआईटी गेट के सामने खोला गया सी-मार्ट शो रूम में हफ्तों पहले बंद हो चुका है। समता कॉलोनी में निगम की बिल्डिंग में चल रहा सी-मार्ट शो रूम भी बंद होने की कगार पर है। यहां सी-मार्ट का एक भी प्रोडक्ट नहीं बेचा जा रहा। सामान्य जनरल स्टोर में बिकने वाले ब्यूटी कास्मेटिक आइटम बेचे जा रहे हैं। जबकि सामान्य प्रोडक्ट बेचना पूरी तरह बैन है।
मोतीबाग के सामने नेताजी सुभाष स्टेडियम का सी मार्ट शो रूम की स्थिति भी अब पहले जैसी नहीं है।हालांकि कांग्रेस की सरकार ने सी मार्ट का कांसेप्ट लाने के साथ ही इसे सफल बनाने के लिए कई सुविधाएं भी उपलब्ध करवायीं थीं। सी मार्ट शो रूम के लिए शहर की प्राइम लोकेशन की जगह तय की गई। आम लोग आसानी से पहुंच सकें, इसका ध्यान रखने के अलावा पार्किंग की सुविधा का भी ध्यान रखा गया था। इतना ही नहीं सी मार्ट शो रूम बड़े बड़े हॉल में खोले गए, लेकिन उसका किराया बिलकुल फ्री रखा गया, जिससे उसका संचालन करने वालों को मदद मिल सके।
भास्कर ने पड़ताल की है कि जिन जगहों पर सी मार्ट शो रूम खोले गए हैं, उस इलाके में इतने बड़े हॉल का किराया 60 से 70 हजार तक का है। आस-पास के दुकान वाले तगड़ा किराया देकर भी फायदे का बिजनेस कर रहे हैं। बिजली के खर्चे से भी सी मार्ट शो रूम को मुक्त रखा गया, ताकि इसका भार भी न पड़े।
220 प्रोडक्ट में केवल 160 ही बचे
नेताजी सुभाष स्टेडिम का सी-मार्ट शो रूम। साेमवार की दोपहर 12 बजे। शो-रूम के मैनेजर ओम प्रकाश यादव वहां बैठे मिले। उनके साथ चार स्टाफ थे। इसे शहर के तीनों सी-मार्ट शो रूम में सबसे टॉप माना जाता है। जगह भी शहर के बीचोबीच है, लेकिन यहां के ज्यादातर रैक खाली-खाली नजर आए।
छानबीन करने पर पता चला शो रूम में मापदंडों के अनुसार तकरीबन 220 तरह प्रोडक्ट होने चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ 160 ही हैं। बिक्री कम लगातार कम हो रही है। किसी जमाने में 15 से 20 हजार तक की बिक्री होती थी अब ये घटकर 8 हजार हो गई। इसी में सभी खर्च निकालना मुश्किल हो रहा है।
सरकार बदली, इसलिए प्रोडक्ट नहीं
समता कॉलोनी जोन कार्यालय के भीड़ भरे कमर्शियल इलाके के सी-मार्ट के शो रुम में अजीबोगरीब नजारा दिखा। यहां के शो रूम की रैक में सी मार्ट का एक भी प्रोडक्ट नहीं था। यहां के रैक में सामान्य जनरल स्टोर में बिकने वाले प्रोडक्ट जैसे पॉड्स का शैंपू, टाइड कंपनी का साबुन, पीयर्स साेप के अलावा दूसरे कास्मेटिक प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं।
दुकान के संचालक विजय कुमार से सी- मार्ट के प्रोडक्ट नहीं होने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा प्रदेश में सरकार बदल गई है। नई सरकार योजना को चलाएगी या बंद करेगी, पता नहीं। इसीलिए सी-मार्ट का सामान बेचना बंद कर दिए हैं।
एनआईटी गेट शो रूम में ताला
एनआईटी गेट के पास जीई रोड जैसी शहर की प्रमुख सड़क का सी मार्ट शो रूम हफ्तों से बंद है। आस-पास वालों ने बताया कि शुभारंभ के कुछ माह बाद से दुकान में उपलब्ध प्रोडक्ट की संख्या कम होने लगी। इसका असर बिक्री पर पड़ा और एक दिन अचानक शो रूम में ताला लगा दिया गया।
इसे खोलने का क्या था मकसद
सी-मार्ट का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और महिला स्व सहायता समूहों, कुम्हारों, अन्य पारंपरिक कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही सी-मार्ट के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार और क्वालिटी पूर्ण सामग्री उचित दाम में उपलब्ध करवाना है। सी-मार्ट के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिये अच्छी मार्केटिंग की जानी थी।
जानिए सी-मार्ट के प्रमुख प्रोडक्ट के नाम
सी-मार्ट को गांव के देसी उत्पादों की बिक्री करने के उद्देश्य से खोला गया है। इसमें प्रमुख रूप से महुए से बनी कुकीज, महुए के स्क्वैश, बेल का शरबत, आयुर्वेदिक जड़ी-बुटियों से लेकर हर्बल साबुन, बड़ी, पापड़ मसाला और महिला समूहों द्वारा बनाए गए हर्बल साबुन, अचार, मसाले, मुर्रा, दोना-पत्तल, काजू आदि शामिल है।
कई प्रकार के शरबत और देवभोग के डेयरी प्रोडक्ट, कोरिया की हर्बल चाय, लेमन ग्रास चाय, टायलेट-फ्लोर क्लीनर, मशरूम पाउडर, शहद, तेल-गुड़। हैण्डलूम के बने गमछे, देसी चना, लाल चावल का पोहा, चावल का आटा, बेसन तिखुर, साबुन, दोना पत्तल, सरसों तेल, महुआ सैनिटाइजर, मास्क और दूसरी स्थानीय खाद्य सामग्रियां भी यहां से बेची जानी है।