दुर्ग जिला शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण को दिया न्यौता?
पत्राचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के परीक्षा फार्म लेने व उत्तरपुस्तिका जमा करने पहुंचने से उमड़ी भीड़
जिले में रविवार को लॉकडाउन व शा. अवकाश होने की शिक्षा विभाग ने नहीं की परवाह
दुर्ग। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए दुर्ग जिला प्रशासन सोशल डिस्टेसिंग एवं शासन के अन्य निर्देशों का पालन करवाने पूरी तरह सतर्कता बरत रही है, लेकिन उन्ही के अधिनस्थ आने वाली शासकीय विभाग इन निर्देशों का खुलकर धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रही है। ऐसा ही एक मामला जिला शिक्षा विभाग का सामने आया है। जिला शिक्षा विभाग के निर्देश पर कक्षा 10वीं व 12वीं के पत्राचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म दिए व उत्तरपुस्तिका जमा लिए जा रहे है।
जिसके लिए उतई रोड गौरव पथ स्थित शासकीय कन्या आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सेंटर बनाया गया है। जहां रविवार को परीक्षा फार्म लेने एवं उत्तरपुस्तिका जमा करने हजारों की संख्या में एक साथ छात्र-छात्राएं जुटे। इस दौरान विद्यालय में अव्यवस्था के चलते सोशल डिस्टेसिंग एवं शासन-प्रशासन के सुरक्षा के अन्य निर्देशों की खुलकर धज्जियां उड़ी। विद्यार्थियों के साथ उनके पालक भी विद्यालय पहुंचे थे।
जितने विद्यार्थी विद्यालय के भीतर थे, उतनी ही संख्या में उनके पालक विद्यालय के बाहर खड़े हुए थे। फलस्वरुप उतई रोड में रुक-रुक
कर चक्काजाम जैसी स्थिति निर्मित होते रही। अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने पुलिस की भी मदद लेनी पड़ी थी। दुर्ग जिले को कड़े शर्तो के साथ अनलॉक किया गया है, लेकिन हफ्ते में एक दिन रविवार को लॉकडाउन की घोषणा भी की गई है। इसके बावजूद दुर्ग जिला शिक्षा विभाग द्वारा रविवार को अवकाश का दिन होने और लॉकडाउन प्रभावी होने के बाद भी पत्राचार पाठ्यक्रम
के विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म देने व उत्तरपुस्तिका जमा करने क्यों तिथि निर्धारित की यह समझ से परे है। एक साथ विद्यार्थियों व उनके पालकों की उमड़ी भीड़ से सोशल डिस्टेसिंग का भी उल्लंघन हुआ है।
अगर यह भीड़ कोरोना संक्रमण के खतरे का कारण बनता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। यह बड़ा सवाल बना हुआ है। मालूम हो कि जिला शिक्षा विभाग द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को परीक्षा फार्म देने के लिए 7 अगस्त को
सूचना जारी की गई थी। अब फार्म लेने और उत्तरपुस्तिका जमा करने के लिए मात्र दो दिन का ही समय ही शेष बचा हुआ है। परीक्षा प्रक्रिया के लिए कम समय मिलने से रविवार को विद्यार्थियों की एक साथ भीड़ उमड़ी। जिससे सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां तो उड़ी ही साथ ही अव्यवस्था के चलते विद्यार्थियों व उनके पालकों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा। वह भी ऐसे
समय में जब पूरे देश में कोरोना संकट की वजह से शासन- प्रशासन ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर जिला शिक्षा विभाग अब भी पुराने ढर्रे में चलते नजर आ रही है। शिक्षा विभाग की यह लापरवाही कोरोना सुरक्षा के लिहाज से बड़ी संकट का कारण बन सकती है।