कटनी. शहर व जिलेभर में संचालित होने वाले प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का बड़ा भंडाफोड़ हुआ है, जिस पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। निजी विद्यालयों के विरूद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस, संबंधित विषयों का विनियमन नियम का पालन नही करने पर जिले के 420 निजी विद्यालयों की जांच संस्थित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन निजी स्कूलों द्वारा वेबसाइट पोर्टल में स्कूल की सामान्य जानकारी सहित फीस संरचना का ब्यौरा अपलोड नहीं किया गया है। जिला समिति की शुक्रवार को आयोजित बैठक मे ऐसे स्कूलों के विरूद्ध कार्यवाही करने का निर्णय लिया है।
कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला समिति द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों को जारी कारण बताओ नोटिस में एक सप्ताह के भीतर निजी स्कूलों से स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा है। नहीं करने पर एकपक्षीय वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में आयोजित जिला समिति की बैठक में चर्चा के बाद डीईओ द्वारा निजी स्कूलों को वांछित जानकारी की प्रविष्टि और अपलोड करने के लिए 30 मार्च तक का समय दिया गया था। लेकिन निर्धारित समय पर पोर्टल मे 420 निजी स्कूलों ने जानकारी और फीस संरचना का विवरण नहीं अपलोड किया गया।
ये प्रविष्टि करनी थी
नियमों के तहत विद्यालयों को पोर्टल पर स्कूल की सामान्य जानकारी अद्यतन और अपडेट करना जरूरी था। साथ ही सभी निजी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र के लिए नियत की गई फीस संरचना कक्षावार एवं संवर्गवार की जानकारी भी पोर्टल पर अपलोड करनी थी। इसके अलावा विगत तीन वर्षो के संपरीक्षित ऑडिटेड लेखों, बैलैन्स शीट, प्राप्ति एवं भुगतान पत्रक, आय-व्यय शेड्यूल आदि का विवरण भी वेबसाइट व पोर्टल में प्रविष्ट और अपलोड करना था लेकिन नहीं किया गया।
कटनी ब्लॉक के हैं 164 स्कूल
मध्यप्रदेश निजी विद्यालय नियम का पालन नहीं करने वाले और पोर्टल में प्रविष्टि नहीं करने पर जिले के 420 निजी विद्यालयों की जांच संस्थित करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसमें विकासखंड के 164 निजी स्कूल, विकासखंड रीठी के 31 निजी स्कूल, बड़वारा के 68 निजी स्कूल, विजयराघवगढ़ के 56 निजी स्कूल, बहोरीबंद के 61 स्कूल और ढीमरखेड़ा के 40 निजी स्कूल शामिल हैं।
30 मार्च तक करनी थी पोर्टल पर प्रविष्टि
कलेक्टर की अध्यक्षता मे जिला समिति की पूर्व मे आयोजित बैठक मे मध्यप्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित नियमों का विनियमन नियम के तहत लिये गए निर्णय के पालन मे जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी स्कूलों को 22 मार्च को पत्र लिखकर 30 मार्च तक स्कूल की सामान्य जानकारी और फीस संरचना का विवरण पोर्टल में अपलोड करने निर्देशित किया था, लेकिन 4 निजी स्कूलों के अलावा शेष 420 निजी स्कूलों द्वारा पोर्टल में वांछित प्रविष्टि नहीं की गई।
यह भी प्रावधान
जिला समिति ने निजी स्कूलों को नियमानुसार एक बैंक खाता खोलने निर्देशित किया था जिसमें निजी स्कूल द्वारा फीस के लिए निक्षेप किया जाएगा। निजी स्कूल प्रवेश के समय छात्रों और पालकों अथवा अभिभावकों को बैंक खाते का विवरण एवं फीस जमा करने की प्रक्रिया की जानकारी विद्यालय के सूचना पटल एवं अधिकारिक वेबसाईट में प्रदर्शित करने के निर्देश है। कई निजी स्कूलों ने इसका भी पालन नही किया।
सुरक्षा, सुविधा व व्यवस्था की अनदेखी
जिलेभर में संचालित होने वाले निजी स्कूलों में सुरक्षा, सुविधा व व्यवस्था की भी अनदेखी हो रही है। कई स्कूल तो ऐसे हैं कि दो से तीन कमरों ही लग रहे हैं। पर्याप्त कक्ष हैं और ना ही खेल मैदान, सीसीटीवी कैमरे लगे और ना ही पर्याप्त प्रसाधन। खेल मैदान का तो दूर-दूर तक पता नहीं है। शिक्षा विभाग इन स्कूलों की मनानी पर कार्रवाई करने की बजाय कुंडली मारकर बैठा हुआ है। अधिकारी यहां पर जांच करने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं।
बुक सेलरों की नहीं हो रही जांच
शहर सहित जिलेभर में बुक सेलर मनमाने दाम पर पुस्तकें बेंच रहे हैं। कॉपी व स्टेशनी में भी मनमानी की जा रही है, इसके बाद भी शिक्षा विभाग व प्रशासन इनकी जांच नहीं करा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी को अभिभावकों से लिखित शिकायत का इंतजार है।