2029 तक चालू होने वाली इस परियोजना की कुल लागत 12,200 करोड़ रुपये है
रिंग कॉरिडोर की कुल लंबाई 29 किमी (26 किमी ऊंचाई पर और 3 किमी भूमिगत) है और इसमें 22 स्टेशन शामिल हैं
ये कॉरिडोर नौपाड़ा, वागले एस्टेट, डोंगरीपाड़ा, हीरानंदानी एस्टेट, कोलशेत, साकेत जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है
ये कनेक्टिविटी परिवहन का एक स्थायी और कुशल तरीका प्रदान करेगी, जिससे शहर अपनी आर्थिक संभावनाओं को बढ़ा सकेगा और सड़कों पर यातायात की भीड़ भी कम होगी। इस परियोजना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
परियोजना लागत और वित्तपोषण:
इस परियोजना की अनुमानित लागत 12,200.10 करोड़ रुपये है, जिसमें भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार की समान हिस्सेदारी के साथ-साथ द्विपक्षीय एजेंसियों से आंशिक वित्त पोषण भी शामिल है।
नवीन वित्तपोषण विधियों के जरिए भी धन जुटाया जाएगा। जैसे कि कंपनियों को स्टेशन का नामकरण और पहुंच के अधिकार बेचना, परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करना और वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग मार्ग अपनाना आदि।
प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों को जोड़ने वाला ये गलियारा कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग के लिए एक प्रभावी परिवहन विकल्प होगा। इस परियोजना के 2029 तक पूरा होने की संभावना है।
इससे भी ज़रूरी बात ये है कि ये मेट्रो लाइन तेज और किफायती परिवहन का विकल्प प्रदान करके हजारों दैनिक यात्रियों, विशेष रूप से छात्रों और रोज़ कार्यालय और कार्य क्षेत्र में आने-जाने वालों को लाभान्वित करेगी। इस परियोजना के चलते 2029, 2035 और 2045 के लिए मेट्रो कॉरिडोर पर कुल दैनिक यात्री संख्या क्रमशः 6.47 लाख, 7.61 लाख और 8.72 लाख होगी।
महा मेट्रो यहां सिविल, इलेक्ट्रोमैकेनिकल, अन्य संबंधित सुविधाओं, कार्यों और संबंधित संपत्तियों के साथ परियोजना को क्रियान्वित करेगी। महा मेट्रो ने बोली से पहले की गतिविधियां और निविदा दस्तावेज तैयार करने शुरू कर दिए हैं। संबंधित ठेकों पर बोली तुरंत आमंत्रित की जाएगी।