यह आयोजन गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल दुर्ग शहर के जनप्रतिनिधि साक्षी बने
दुर्ग। दादा गुरुदेव श्री जिनदत्तसूरि, मणिधारी दादा गुरुदेव श्री जिनचंद्रसूरि, दादा श्री जिनकुशलसुरि, दादा श्री जिनचंद्रसूरि जी महाराज का विधि विधान से पूजा हर्ष और उल्लास के वातावरण में महेश कॉलोनी स्थित सभागृह में साध्वी दर्शन प्रभा जी ज्ञान प्रभा जी एवं चरित्र प्रभा जी के सानिध्य में संपन्न हुई। आज का यह आयोजन गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। कमेटी ने ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट के इस आयोजन की प्रशंसा करते हुए सर्टिफिकेट जारी किया तथा एक ऑडियो मैसेज के द्वारा इस आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की।
श्री आदिनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट एवं रत्नत्रयी चातुर्मास समिति दुर्ग के बैनर तले यह आध्यात्मिक भव्य आयोजन पूरे गरिमा में वातावरण में संपन्न हुआ।
इस आयोजन में भाग लेने देश के विभिन्न शहरों से गुरु भक्त परिवार दुर्ग पहुंचे थे।
इंदौर से आए विधि कारक अरविंद भाई ने विधि विधान से दादा गुरुदेव महापूजन का पूजा अर्चना संपन्न कराई। देश के ख्याति नाम भजन गायक लवेश हिमांशु बुरड़ की शानदार जोड़ी ने भक्ति गीतों का शानदार समा बांधा उनकी भक्ति गीतों में मंत्र मुक्त होकर भक्ति गीतों का आनंद लेते हुए झूम झूम कर भक्ति गीतों का आनंद लेते रहे। ललित चंद्राकर केबिनेट मंत्री, गजेन्द्र यादव दुर्ग के लोकप्रिय विधायक दुर्ग, अरुण वोरा पूर्व विधायक, धीरज बकलीवाल महापौर, आर ऐन वर्मा पूर्व महापौर, अखिल भारतीय खरतरगच्छ प्रतिनिधि महासभा के अध्यक्ष प्रकाश सुराना, बाबू लाल जी लुनिया, महेंद्र जी भंसाली, सरोज गोलछा, सुरेश भंसाली, त्रिलोक जी भंसाली, अभय भंसाली, शांतिलाल चोपड़ा, राकेश संचेती, गुमान माल बोहरा, संजय चोपड़ा आदि उपस्थित रहकर साक्षी बने। खरतरगच्छ युवा परिषद के दुर्ग के आशीष लुनिया सुदीप कोचर जीतु तातेड देवीचंद डुग्गड योगेश बरडिया प्रवीण बोथरा निर्मल लोढ़ा दीपक चोपड़ा दीनू लोढ़ा अजय गोलछा सुयश चोपड़ा मयंक बोथरा सभी सदस्यों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।
इस आयोजन को सफल बनाने हेतु चातुर्मास समिति के का पदम बरडिया कांतिलाल बोथरा, अमृत लोढ़ा, संजय लोढ़ा, धर्मचंद लूनिया, ज्ञानचंद कोठारी, विनोद गोलछा , मनीष बोथरा के अलावा मूर्ति पूजक संघ दुर्ग जिन कुशल दादाबाड़ी ट्रस्ट मालवीय नगर ऋषभदेव जैन सितंबर मंदिर एवं दादाबाड़ी ट्रस्ट ऋषभ नगर के सभी सदस्य इस आयोजन में प्रमुख सहयोग प्रदाता थे। सुबह 12:00 से प्रारंभ हुई या आयोजन लगभग 5:30 घंटे तक चलता रहा जिसमें 504 जोड़ों ने दादा गुरुदेव के इस पूजन में हिस्सा लिया। यह जोड़ी पति-पत्नी के रूप में भाई-बहन के रूप में बहन-बहन के रूप में भाई भाई के रुप में इस आयोजन में हिस्सा बने। एक साथ 500 से अधिक जोड़े महिला वर्ग घाघरा ओढ़ना में तो पुरुष वर्ग पूजा का पारंपरिक परिधान धोती चोल दुपट्टा में इस आयोजन के आकर्षण का केंद्र थे। सभी 500 से अधिक जोड़ों के पास दादा गुरुदेव की प्रतिमा तथा यज्ञ अनुष्ठान के लिए सामग्री साथ में वितरित की गई थी ऐसा जब अनुष्ठान का ऐसाआध्यात्मिक वातावरण जैन समाज में पहली बार देखने को मिला कि इतने सारे लोग एक साथ एक परिधान में जैन धर्म गुरु की पूजा अर्चना करते नजर आए।