दरअसल,शनिवार दोपहर को अस्पताल के बाहर एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था, जिसके चलते अस्पताल ने यह फैसला लिया। आईएलएस अस्पताल अपनी निकटता और किफायती उपचार लागत के कारण पड़ोसी देश के मरीजों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। प्रदर्शनकारियों के एक समूह के दबाव के बाद अगरतला स्थित एक मल्टी-स्पेशियलिटी निजी अस्पताल ने शनिवार को बांग्लादेशी नागरिकों का इलाज नहीं करने का फैसला किया।
दरअसल,शनिवार दोपहर को अस्पताल के बाहर एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा था, जिसके चलते अस्पताल ने यह फैसला लिया। आईएलएस अस्पताल अपनी निकटता और किफायती उपचार लागत के कारण पड़ोसी देश के मरीजों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है।
अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी, गौतम हजारिका ने निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, हम अपने अस्पताल में बांग्लादेश के लोगों का इलाज नहीं करने की मांग का पूरा समर्थन करते हैं। अखौरा चेक पोस्ट और आईएलएस अस्पतालों में हमारे हेल्प डेस्क आज से बंद कर दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल में हर महीने कैंसर के सौ से अधिक बांग्लादेशी मरीज आते हैं।
हजारिका की टिप्पणी उन लोगों के एक समूह के जवाब में आई है, जिन्होंने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन करके मांग की थी कि बांग्लादेशी नागरिकों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान नहीं की जाएं। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांग के समर्थन में बांग्लादेश में भारतीय ध्वज के प्रति अनादर और हिंदुओं के इलाज को लेकर बढ़ती चिंताओं का हवाला दिया था।
प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान और अल्पसंख्यकों पर हमले पूरी तरह से असम्मानजनक हैं। कट्टरपंथी छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अनादर कैसे किया जाए। हम अन्य संस्थानों से बांग्लादेश के नागरिकों को कोई भी सेवा प्रदान करना बंद करने की अपील करते हैं।पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर कथित अत्याचारों को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच शुक्रवार को उत्तरी कोलकाता के एक अस्पताल ने कहा कि वह बांग्लादेश के मरीजों का इलाज नहीं करेगा।
बांग्लादेश में भारतीय बस पर हमला, मंत्री ने की कार्रवाई की मांग
बांग्लादेश के ब्रह्मनबरिया बिश्वा रोड पर श्यामोली परिवहन की एक बस पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। बस अगरतला से कोलकाता जा रही थी। त्रिपुरा के परिवहन मंत्री सुषांत चौधरी ने शनिवार को हमले की निंदा करते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की। मंत्री ने कहा कि एक ट्रक ने बस को टक्कर मारी। उसी समय एक ऑटो बस के सामने आ गया। घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने भारतीय यात्रियों को धमकाया, नारेबाजी की और यहां तक कि यात्रियों को मारने की धमकी दी। बस में सवार भारतीय यात्री इस घटना से बेहद डरे हुए हैं।