विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में पुलिस का नोटिस मिलने से सचिन पायलट में नाराजगी बढ़ी, करीबियों विधायकों से चर्चा की और दिल्ली का रुख किया
जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में सरकार के बीच ही तलवारें खिंच गई हैं। सीएम और डिप्टी सीएम के बीच मनमुटाव की खबरों के बीच अब यह सामने आ रहा है कि सचिन पायलट स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का नोटिस मिलने से नाराज चल रहे हैं। पायलट और अशोक गहलोत को एसओजी ने खरीद-फरोख्त मामले में 10 जुलाई को नोटिस भेजा था। इसमें बयान देने के लिए कहा गया है।
राजनैतिक जानकारों की मानें तो राज्य में सियासी घमासान की शुरुआत एसओजी की कार्रवाई से ही हुई। बीते रोज एसओजी ने खरीद-फरोख्त के मामले में भरत मालानी और अशोक सिंह नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इन दोनों के कुछ कांग्रेस विधायकों से संपर्क में होने की जानकारी मिली। 10 जुलाई को इस घटनाक्रम के बाद एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और कुछ विधायकों को नोटिस जारी किए। इसके बाद पायलट ने नाराज विधायकों से चर्चा की और दिल्ली का रुख किया। 11 जुलाई को सभी के दिल्ली पहुंचने और लामबंदी की खबरें सामने आने लगीं।

मुख्यमंत्री गहलोत को भी नोटिस भेजा था
इस संबंध में शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि एसओजी ने जानकारी मांगने के लिए मुझे भी नोटिस भेजा है। कानून से ऊपर कुछ नहीं है। मैं पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करूंगा।

शनिवार को तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ पीई दर्ज
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने खरीद-फरोख्त के मामले में तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी जांच (पीई) दर्ज की है। शनिवार को इसका खुलासा हुआ। इसके बाद एसीबी के डीजी डॉ. आलोक त्रिपाठी ने भी इसकी पुष्टि की। इनमें दौसा जिले के महवा से विधायक ओमप्रकाश हुड़ला, अजमेर के किशनगढ़ से विधायक सुरेश टांक और पाली जिले में मारवाड़ जक्शन से विधायक खुशवीर सिंह का नाम बताया जा रहा है। आरोप है कि इन तीनों विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से पहले बांसवाड़ा में कांग्रेस विधायकों से संपर्क किया था। उन्हें खरीद-फरोख्त के लिए करोड़ों रुपए की रकम देने का लालच दिया था।
11 जुलाई को सीएम ने खरीद-फरोख्त का अंदेशा जताया
शनिवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक प्रेसवार्ता की। इसमें उन्होंने खरीद-फरोख्त का अंदेशा जताते हुए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘भाजपा नेता सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड जिस तरह का खेल कर रहे हैं, वह राजस्थान की जनता समझ गई है। एडवांस में 10 करोड़ दे रहे हैं। फिर 15 करोड़ की बात कह रहे हैं।’
शनिवार देर रात सीएम हाउस में मीटिंग हुई
सीएम गहलोत ने रात 8:30 बजे कैबिनेट मंत्रियों की मीटिंग ली। इसमें 12 मंत्री और इतने ही विधायक मौजूद रहे। करीब 2 घंटे चली बैठक में सीएम ने सभी मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे अपने प्रभार वाले जिलों के विधायकों से संपर्क में रहें और कोई भी जानकारी उन्हें मिलती है तो तुरंत सीएम को अवगत करवाएं। किसी विधायक को कोई आपत्ति है तो मंत्री उन्हें सीधे सीएम से मिला सकते हैं। सभी मंत्रियों को अपने क्षेत्रों का दौरा करने के लिए भी कहा गया।
देर रात सीमाएं सील की गईं
शनिवार देर रात सरकार ने राज्य की सीमाओं को फिर से सील कर दिया। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए। राजस्थान से बाहर जाने के लिए सरकारी अनुमति जरूरी होगी। अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की बॉर्डर पर जांच की जाएगी। इस आदेश को निकालने की वजह प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को बताया गया है। हालांकि पिछले महीने राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की बाड़ाबंदी के समय भी 7 दिन तक राज्य की सीमा सील कर दी गई थी। गृह विभाग के निर्देश जारी करने से पहले शुक्रवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की तरफ से प्रदेश की सीमाओं पर नाकाबंदी सख्त करने के आदेश भी जारी हुए थे। इस बार भी विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला उठने को इसकी वजह बताया जा रहा है।
रविवार सुबह सीएम हाउस पर हलचल बढ़ी
रविवार को सीएम हाउस में भी हलचल तेज हो गई। चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी समेत कई मंत्री मुख्यमंत्री निवास पर पहुंचे। इसके साथ डीजी क्राइम एमएल लाठर भी आए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी से प्रदेश के हालात के बारे में चर्चा कर रहे हैं। कुछ विधायकों की हलचल पर भी नजर रखी जा रही है।
इन 19 विधायकों पर नजर रखी जा रही
सूत्रों के अनुसार, बागीदौरा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा, सपोटरा विधायक रमेश मीणा, मसूदा विधायक राकेश पारीक, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया, राजालेखा विधायक रोहित बोहरा, डीग-कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह, देवली-उनियारा विधायक हरीश चंद्र मीणा, बामनवास विधायक इंद्रा मीणा, विराटनगर विधायक इंद्राज गुर्जर, बांदीकुई विधायक गजराज खटाना, सवाई माधोपुर विधायक दानिश अबरार, ओसिंया विधायक दिव्य मदेरणा, श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह, निवाई-पीपलू विधायक प्रशांत बैरवा, झुंझुनू विधायक बृजेंद्र सिंह ओला, बायतू विधायक हरीश चौधरी, चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, डीडवाना विधायक चेतन डूडी। इसके साथ दोनों खेमों में पकड़ रखने वाले कुछ विधायकों पर भी नजर है।