राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस चलाने की परमिशन दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 फरवरी को राष्ट्रपति से इस मामले में मंजूरी मांगी थी।
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जैन के खिलाफ BNS की धारा 218 के तहत केस चलेगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) जल्द ही जैन की गिरफ्तारी कर सकती है।
मंत्रालय ने ED की जांच और पर्याप्त सबूत होने के आधार पर यह अनुरोध किया था। जांच एजेंसी CBI ने कथित हवाला लेनदेन से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में जैन पर 2017 में मामला दर्ज किया था और ED ने जांच शुरू की थी।
30 मई 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। करीब 18 महीने जेल में रहने के बाद उन्हें अक्टूबर 2024 में जमानत मिली। तभी से वे बाहर हैं। ED ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।

क्या है पूरा मामला पूर्व मंत्री जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2015 से 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदीं। बाद में ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत भी मामला दर्ज किया।
जैन पर आरोप है कि उनके मालिकाना हक वाली कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को कैश ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त किए।
सत्येंद्र के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।
ED ने जनवरी में कोर्ट से भी मांग की थी जनवरी 2025 में ED ने कोर्ट से मांग की कि सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय किए जाएं क्योंकि जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। ED का कहना है कि सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए अवैध पैसों को छिपाने और उसे संपत्तियों में निवेश करने की साजिश रची।