रायपुर स्पेशल कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में नगर निगम के रिटायर्ड अधिकारी मनोज सिंह ठाकुर को 5 साल के सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश मधुसूदन चन्द्राकर ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार समाज की जड़ों को खोखला करने वाला अपराध है।
एसीबी रेड में उजागर हुई थी अवैध संपत्ति
जुलाई 2015 में रायपुर नगर निगम में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्यरत मनोज ठाकुर के घर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने छापा मारा था। तलाशी के दौरान सोने-चांदी के आभूषण, नगदी, वाहन, बैंक दस्तावेज समेत कई अहम सबूत जब्त किए गए थे।
2 साल जेल में रहने के बाद फिर हुए बहाल
गिरफ्तारी के बाद वे करीब 2 साल 3 महीने जेल में रहे, लेकिन रिहाई के बाद रायपुर स्मार्ट सिटी में अधीक्षण अभियंता के रूप में फिर से बहाल हो गए। वे दिसंबर 2024 में रिटायर हुए।
कोर्ट ने भ्रष्टाचार पर जताई सख्त नाराजगी
फैसले में कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार देश और समाज के विकास को बाधित करने वाला गंभीर अपराध है। इसके चलते अतिरिक्त 1 साल की सजा का भी प्रावधान किया गया है, यदि वे 1 लाख रुपए का जुर्माना अदा नहीं करते।