नई दिल्ली । पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा है कि क्रिकेट के दोबारा शुरु होने के बाद खिलाड़ियों के मन में एक प्रकार का डर रहेगा हालांकि यह संभव है कि मैदान में उतरने के बाद यह कम हो जाये। कोरोना महामारी के कारण मार्च से ही क्रिकेट सहित सभी खेल मुकाबले बंद हैं। गंभीर ने कहा, ‘यह वैसे हर इंसान पर निर्भर करता है, पर हां जब वो लोग खेलने जाएंगे तो थोड़ा बहुत डर तो रहेगा ही। हो सकता है कि कुछ समय बाद खिलाड़ी मैदान पर जाने के बाद मैच के माहौल में इस डर को भूल जाएं और मैच में रम जाएं।’ कोरोना वायरस के बाद अब विश्व के कुछ हिस्सों में फुटबॉल की शुरुआत हो गयी है पर अभी तक क्रिकेट को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। यहां तक कि टी20 विश्व कप पर भी संशय बना हुआ है। गंभीर के अनुसार अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड (आईसीसी) हिस्सा लेने वाले सभी बोर्ड को एक मंच पर ला सकता है तो यह टूर्नामेंट संभव हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘यह बीसीसीआई और आईसीसी और बाकी के सभी बोर्ड पर निर्भर है कि वो क्या सोचते हैं। उन्हें सभी हितधारकों को एक साथ लाना होगा, जिसमें सभी देशों के बोर्ड शामिल हैं और उन्हें एक साथ एक मंच पर आकर फैसला लेना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर क्रिकेट खेलने वाले सभी देश एक साथ आ सके तो टी-20 विश्व कप संभव हो सकता है, अन्यथा मैं इसे होते हुए नहीं देखता।’ वहीं गेंद को चमकाने के लिए लार और पसीने के इस्तेमाल पर रोक को लेकर गंभीर ने कहा कि इससे खेल का संतुलन और खराब हो जाएगा क्योंकि गेंदबाजों को इससे परेशानी होगी और वे स्विंग नहीं करा सकेंगे जबकि बल्लेबाजों को लाभ होगा। इसलिए आईसीसी को इसके विकल्प को बताना चाहिये। गेंद को चमकाए बिना मुझे नहीं लगता कि बल्ले और गेंद में बराबरी की प्रतिस्पर्धा हो पाएगी।’
सलामी बल्लेबाज रहे गंभीर को लगता है कि खिलाड़ियों को वापसी करने में फिटनेस और मानसिक स्तर पर परेशानी नहीं होगी पर स्किल के साथ तालमेल बैठाने में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने कहा, ‘फिटनेस के नजरिए से यह मुश्किल नहीं होगा क्योंकि खिलाड़ी पेशेवर हैं। उनका अपना एक कार्यक्रम है, जिसे वो फॉलो करते हैं। कई लोगों के पास अपनी जगह और जिम है। लेकिन स्किल के नजरिए से, यह मुश्किल होगा क्योंकि अभी तक आपने अभ्यास नहीं किया है और ऐसे में स्किल में सुधार करना मुश्किल होगा।’