रायपुर (DNH):- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की पुलिस ने तेंदुआ के दो शावकों की तस्करी करने पहुंचे आरोपियों को गिरफ्तार किया था , आरोपी गरियाबंद से तेंदुआ के शावकों को लेकर रायपुर पहुंचे थे , रायपुर एसएसपी आरिफ एच शेख ने बताया कि गरियाबंद के मैनपुर से तेंदुआ के शावकों को तस्करी के लिए रायपुर लाए जाने की सूचना मिली थी. इस सूचना के आधार पर जिले के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस की विशेष टीम गठित कर नाकेबंदी की गई. इसी दौरान टीम ने दो संदिग्धों से पूछताछ की और उनके वाहनों की जांच में शावकों को बरामद किया गया. साथ ही आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों का हुलिया सूचना देने वाले ने पहले ही बता दिया था. इससे उन्हें पकड़ने में आसानी हुई ।
जब बाघ के खाल की तस्करी हो रही है , तो कहां के बाघ को मारा है , तस्करो ने , 8 आरोपी पकड़ाए ?
रायपुर :- वन मंत्री मोहम्मद अकबर के दिशा निर्देशन और प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अतुल कुमार शुक्ल के मार्गदर्शन में वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों के अवैध शिकार तथा व्यापार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसी तारतम्य में मुख्य वन संरक्षक जनक राम नायक ने कांकेर वन मण्डल के अंतर्गत हाल ही में की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि बाघ के खाल की तस्करी में लिप्त आठ आरोपियों को मौके पर पकड़ा गया था । इसमें एक नग बाघ के खाल सहित चार नग मोटर सायकल और 11 नग मोबाइल वन विभाग की टीम के द्वारा जप्त किया गया । उल्लेखनीय है कि वन विभाग की टीम को विगत 29 नवम्बर को खबर मिली कि एक बाघ के खाल का सौदा बीजापुर में किया जा रहा है। इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग की स्पेशल टीम एन्टी पोचिंग यूनिट तथा डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए बीजापुर के एक व्यक्ति से फोन से सम्पर्क कर सौदा करने का प्रयास किया गया। उस व्यक्ति ने कहा कि मैं पैसा झराने वाले बाबा को ढूंढ रहा हूं। मुख्य वन संरक्षक श्री नायक ने बताया कि वन विभाग द्वारा अपने ही एक कर्मचारी को बाबा बनाकर उस व्यक्ति के पास भेजा गया।
टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में तोता तस्कर हुए सक्रिय, लग्जरी वाहनों के माध्यमों से होती है तोते की तस्करी ।
मैनपुर:- मुख्यालय मैनपुर के आदिवासी वनांचल पहाड़ी क्षेत्र से तस्करो द्वारा लगातार किये जा रहे तस्करी के चलते तोता विलुप्ति के कगार पर पहुंचते जा रहा है वन्य जीवो के तस्करी पर पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बावजूद भी मैनपुर, कुल्हाड़ीघाट, इंदागांव, उदंती, सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलो से तोता की तस्करी बड़े पैमाने पर होने लगी है, इन दिनो तोता सहित विभिन्न प्रजाती के पक्षियो की तस्करी गांवो से होकर प्रदेश के कई मैदानी इलाको के अलावा शहरो तक हो रही है, लोगो के शौक के कारण ही छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना आज विलुप्ति के कगार पर है जहां इसी शौक के चलते जंगलो से रंग बिरंगे पक्षियो की तस्करी निरंतर हो रही है साथ ही अब पहले की अपेक्षा क्षेत्र के जंगलो से पक्षियो के शिकार के चलते विभिन्न सुरीली आवाज लिये चहकने वाली पक्षियां विलुप्त के कगार पर पहुंच चूूकी है, वन विभाग की उड़नदस्ता टीम ने कुछ वर्ष पहले क्षेत्रो मे बस्ता और बटेर बेचने के खिलाफ कही कहीं कार्यवाही की थी परन्तु छोटे वन्य जीव गुप चुक तरीके से जंगलो से शहरो तक पहुंच रहे है और एक गिरोह के रूप मे लोग इसकी तस्करी को अंजाम दे रहे है जहां विभाग वनांचल क्षेत्रो मे दर्जनो तोता बेचने खरीदने वालो के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर पा रही है, पेड़ो से पक्षियो को निकालने के लिए तस्कर सीधे पक्षियो के घोसले मे नसीले पदार्थ रखकर या फंदे के सहारा लिया जा रहा है, वन्य प्राणियो को बचाने के लिए कड़े कानून तो है लेकिन उनका क्रियान्वयन नही हो पा रहा है, तोताओं मे कई प्रकार के प्रजाति पाई जाती है जो घरो मे शौक के अनुरूप व चिडियों के मीठे बोल के कारण पिंजरो मे कैद रख पाला जाता हैं, लोगो के इसी शौक के चलते ही गुप चुप तरीके से तोते की बड़ी तस्करी का जखीरा गांवो से लेकर शहरो तक हो रही है जहां बांस के छोटे छोटे टोकरियों मे रखकर इन्हे लगातार बाहर भिजवाया जा रहा है, मांग अधिक होने के कारण तोता की कीमत ग्रामीण क्षेत्रो मे पांच सौ रूपये व शहरो मे हजारो रूपये तक पहुंच गई है पहाड़ी व जंगली क्षेत्रो मे रहने वाले ग्रामीणो ने बताया कि क्षेत्र से फरवरी से अपै्रल माह मे हजारो के तादात पर तोता, करण सुआ, मंझाली व छोटे सुआ (तोता) की तस्करी की जाती है जो वनो मे कम, लोगो के घरो मे पिंजरे मे ज्यादा दिखते है, तोतो को पकड़ने व तस्करी की गति ऐसी ही रही तो आने वाले दिनो मे जंगली क्षेत्रो के वनो से तोते पूरी तरह से खत्म हो जायेगें पिछले कुछ दिनो से तोता तस्कर क्षेत्र मे काफी सक्रिय नजर आ रहे है बताया जाता है कि इसे बकायदा लक्जरी वाहनो मे भरकर बडे शहरो तक पहुंचाया जाता है और इसे उंचे किमत पर बेचा जाता है,,अभी तोता निकलना प्रारंभ हुआ है ऐसे में इसकी तस्करी पर तत्काल लगाम लगाये जाने की जरूरत है।