आईआर विभाग के दावों की खुल रही पोल.
भिलाई. हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, सीटू ने भिलाई इस्पात संयंत्र के मेनगेट व खुर्सीपार गेट पर शिविर लगाकर मजदूरों की समस्याओं को जानने की कोशिश की। जिसमें यह सामने आया कि बीएसपी के 98 फीसदी ठेका मजदूरों को वेतन पर्ची ही नहीं मिल रही है। बीएसपी के आईआर विभाग में तैनात बड़े अधिकारी बार-बार यह दावा करते हैं कि हर ठेका मजदूर को वेतन पर्ची दी जा रही है। इस शिविर ने आईआर विभाग के दावों की पोल खोल दी है।
समय है ठेका मजदूरों पर फोकस करने का
बीएसपी में जब एक-एक कर तमाम कार्यों को ठेका मजदूरों से करवाया जा रहा है। वे नियमित कर्मियों के बराबर का काम कर रहे हैं। तब उनको अधिकार भी नियमित कर्मियों की तरह दिया जाना चाहिए। ठेका मजदूरों को दिए जाने वाले वेतन, पीएफ, इएसआई, वेतन पर्ची जैसी तमाम विषयों को पारदर्शी रखने की जरूरत है। जिससे ठेका मजदूरी का काम करने शिक्षित युवा भी आ सके। इससे उत्पादन में भी लाभ मिलेगा।
किया जा रहा शोषण
बीएसपी में इसके उलट कई ठेकेदार मजदूरों का शोषण करने में जुटे हैं। मजदूरों ने यूनियन को लिखित में शिकायत इस संबंध में की है। जिसमें बताया है कि 70 फीसदी श्रमिकों को हाजिरी कार्ड नहीं दिया जाता है। राज्य सरकार से तय न्यूनतम वेतन तक मजदूरों को नहीं दिया जा रहा है। ऐसा 80 फीसदी मजदूरों के साथ हो रहा है। इसी तरह से बोनस भी करीब 80 फीसदी को पूरा नहीं मिल रहा है। मजदूरों को एक दिन का 200 से 280 रुपए तक दिया जा रहा है। बोनस के नाम पर दो से तीन हजार थमा देते हैं।
आवाज उठाने से बैठा देते हैं काम से
मजदूरों ने बताया कि जब भी वे आवाज उठाते हैं तो काम से बैठा दिया जाता है। इस तरह से लिखित शिकायत उन्होंने यूनियन को किया है। जिसमें बताया है कि किस तरह से ठेकेदारों ने अलग-अलग दर तय कर रखा है। मजदूरी सरकारी दर पर नहीं मिल रही है। अध्यक्ष शांतनु मरकाम ने बताया कि जो शिकायत मिली है उसकी जांच की जाएगी। आखिर ठेकेदार इस तरह से नियम के मुताबिक पूरा वेतन क्यों नहीं दे रहे हैं। वेतन पर्ची भी मजदूरों को क्यों नहीं दी जा रही है।