मुंबई (DNH):- सुनील दत्त की फिल्म हमराज से बॉलीवुड में एक बेहद खूबसूरत एक्ट्रेस लॉन्च हुई थी। नाम था विमी। 22 अगस्त 1977 को विमी का निधन हो गया था। 40 साल पहले आज ही के दिन विमी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। विमी उन हीरोइनों में से एक थीं जो अपनी खूबसूरती और अदाओं के लिए मशहूर हुईं। विमी एक आजाद ख्याल महिला थी जो एक पंजाबी परिवार से थी। अपने परिवार के मर्जी के खिलाफ़ इन्होने कलकत्ता के एक मारवाड़ी व्यवसायी से शादी की थी। फिल्मों में आने से पहले ही विमी शादीशुदा थीं, लेकिन इससे उनके फिल्मी करियर पर कोई फर्क नहीं पड़ा। संगीतकार रवि ने विमी को मुंबई लाकर बी आर चोपड़ा से मिलाया और यही से शुरू हुआ उनका फ़िल्मी सफ़र।
पहली ही फिल्म ‘हमराज’ से वो रातोंरात स्टार बन गईं। देखते ही देखते उनके पास फिल्मों की लाइन लग गई और सभी हिट रहीं। अब तो निर्माता-निर्देशक विमी को अपनी फिल्मों में लेने के लिए उनके घर के चक्कर तक काटने लगे।
उन्होंने हमराज के बाद वचन, पतंगा और आबरू जैसी बेहतरीन फ़िल्मों में काम किया । बावजूद इसके उनका करियर परवान नहीं चढ़ा। अपना करियर आगे बढ़ाने के लिए वो एक्सपोज करने तक को तैयार हो गईं थीं। इससे उनके पति नाराज होकर उनसे अलग हो गए।
इसके बाद विमी ने जॉली नाम के प्रोड्युसर के साथ रहने लगी। विमी का ये रिश्ता भी नाकाम रहा। तनाव और तंगहाली ने विमी को शराब का लती बना दिया और जॉली ने भी उनका साथ छोड़ दिया। काम ना मिलने की वजह से विम्मी की आर्थिक हालत बद से बदतर होने लगी। कभी महंगी गाड़ियों में घूमने वाली और फिल्मों के जरिए मोटी कमाई करनेवाली विमी की आर्थिक हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें अपना बंगला तक छोड़ना पड़ा।
गुमनामी और बदहाली के दौर से गुजर रही विमी की जिंदगी के आखिरी दिन नानावटी अस्पताल में गुजरे और आर्थिक तंगी के आगे बेबस होकर विम्मी की सांसों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। विमी इस कदर गुमनामी में चली गईं थीं कि कोई उनकी खोज खबर लेने वाला नहीं था।
कहा तो ये भी जाता है कि विम्मी ने खुद को वेश्यावृति के हवाले कर दिया था और इससे उनका बचा करियर भी बर्बाद हो गया। आखिरी दिनों में उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उनकी शव यात्रा निकाली जाए और उनकी लाश को एक ठेले पर डालकर ले जाना पड़ा था। उनकी अंतिम यात्रा में बस चार-पांच लोग ही थे।