धमतरी, जैन समाज के जिन तीर्थयात्री उपासकों ने गिरनार जी की कठिन तीर्थ यात्रा 108 की सफल उपासना की है, उन सभी साधकों के सम्मान में शनिवार को जैन समाज ने शोभायात्रा निकालकर सम्मान किया। इन महान आराधको के सम्मान में शनिवार को इतवारी बाजार जैन मंदिर से सुबह नौ बजे भव्य बरघोड़ा शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा मेंं 108 यात्रा सबसे अधिक यात्रा करने वाले सभी आराधक शामिल हुए।
शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुराने कृषि उपज मंडी में संपन्न हुई। शोभायात्रा के दौरान रथ पर अराधक सवार रहे। जिनका रास्ते भर समाजजनों ने स्वागत अभिनंदन किया। इस दौरान बैंड बाजों में भक्ति गीत बजते रहे। साथ ही समाज के युवाओं ने भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। जिसमें समाजजन झूमते रहे। जानकारी के अनुसार जैन संघ धमतरी के श्वेता बरडिय़ा 120 दिव्यांश दुग्गड 117 राहुल पारख, रूपाली राखेचा, प्रियम बैद, कल्पना बैद ने 111, अभिनव राखेचा, नीलम राखेचा, खेमचंद गोलछा ने 108 यात्रा पूरी की है। पूनमचंद गोलछा 105, प्रियल लुनिया 102, लतादेवा छाजेड 101, राज लोढ़ा 101, सारिका संचेती 101, आस्था लुनिया 101, अरिहंत छाजेड़ 101, किरण देवी पारख, किरणदेवी गोलछा, श्रद्धा बरडिया, निधी दुग्गड, राहुल सेठिया, अंजना सेठिया, विभूति लोढा, अंजली लुनिया, देशना लुनिया , राहुल राखेचा, सरिता लुंकड़, आशीष छाजेड़, विजयलक्ष्मी बैद ने 99 यात्रा पूरी की। अंजु लोढा 90 , सुशीला नाहर 81, ललिता लुनिया 75, सौरभ राखेचा 72, पुजा लुनिया 63, रिद्धी राखेचा 63, दिव्यांश लुनिया 63, मयुरी राखेचा 60, आरती भंसाली 60, तीर्थ बरडिया 55, सुशीलादेवी बैद 55, अनिता गोलछा 51, आशा सांखला 45, संगीता गोलछा 45, संध्या पारख 45, प्यारीबाई भांसाली 40, मानवीता लुंकड़ 40, प्रिया राखेचा 36, रेखा भंसाली 35, ललिता कोचर 30 , पुष्पा गांधी 30, भव्य बरडिया 27, आशीष लोढा 27, विजय दुग्गड 27, श्रीमती अंकिता लुनिया 27, पुनम बुरड 22, अरिहंत बुरड 21, दिशीता सेठिया 19, चंदादेवी गोलछा 16, श्रीमती राखी लोढा 15, संकेत कुमार पारख 13, सौरभ घीयां 11 यात्रा पूरी की। शोभायात्रा के पश्चात समस्त जैन धर्मलंबियों का साधार्मिक वात्सल्य का भी आयोजन कृषि उपज मंडी में आयोजित किया गया। दोपहर में आराधकों का सम्मान हुआ।
ऐसे की जाती है पांच हजार सीढ़ियां चढ़ने की यात्रा
जैन समाज में सबसे कठिन यात्रा में एक गिरनार पर्वत की नव्वाणु यात्रा को माना जाता है। गुजरात के जुणागढ़ जिले में स्थित गिरनार पर्वत पर भगवान नेमिनाथ का मंदिर है। जिसमें पांच हजार से अधिक सीढ़ियां आराधक रोज कई बार चढ़ते हुए चोटी पर स्थित भगवान नेमिनाथ की पूजा की। यात्रा बेहद कठिन होती है। रोजाना सुबह तीन बजे उठकर चार बजे तक पूजा अर्चना कर गिरनार पर्वत की सीढ़ियां चढ़ना शुरु हो जाता है। सीढ़िया चढ़ने के दौरान शरीर को तपाने दिन भर उपवास रखा जाता है। और पानी भी सुबह 11 बजे एक बार पीते हैं। दिन भर में अपनी शक्ति अनुसार दो से छह यात्रायें करने के बाद ही दिन में एक बार भोजन करते हैं।