छत्तीसगढ़।
‘जब उम्मीद खत्म होती है, तब शुरू होती है मोदी की गारंटी।’
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के लोगो से वर्चुली आज यह बात कही है।
चुनाव में छत्तीसगढ़ के लोगो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस चुनाव में गहरा विश्वास जताया है। आम समाज के तमाम वर्गो को अपनी उम्मीदें पूरी होने का भरोसा है। सरकार के सामने बड़ी जनांक्षाएं खड़ी है।
विदित हो, पिछले पांच सालो के भूपेश सरकार में सभी आंदोलनों को नजरंदाज किया गया। सरकारी क्षेत्र के लोगो में बड़ी निराशा थी। यहां तक कर्मचारियों के डीए बढ़ाने तक में सरकार कंजूसी कर रही थी। अर्ध सरकारी क्षेत्र के 45 हजार संविदा कर्मियों ने पूरे छत्तीसगढ़ में जोरदार आंदोलन किया, मगर भूपेश सरकार ने तनख्वाह बढ़ाने की थोथी घोषणा कर दी। सहायक शिक्षकों के एक आंदोलन में देश के बड़े किसान नेता राकेश टिकैत भी रायपुर आए थे । पर सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।
दलित वर्ग के कुछ युवकों को अपनी बात मनवाने नग्न प्रदर्शन करना पड़ा, तब सरकार हरकत में आई।
पिछले पांच साल के दौरान सरकारी क्षेत्र से जुड़े 11 लाख कर्मचारियों को न्याय नहीं मिला।भूपेश सरकार ने कर्मचारी आंदोलनों को ज्यादा तरजीह नहीं दी। जबकि, इन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर हर तरह का आंदोलन किया।
मनरेगा कर्मचारी पदयात्रा कर दंतेवाड़ा से रायपुर आए
वहीं संविदा कर्मचारी घुटनों के बल चलकर संवाद यात्रा निकालकर सरकार से संवाद स्थापित करने अपील की। इन सब आंदोलनों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी बेरुखी दिखाई। लिहाजा, यह वर्ग भाजपा के पक्ष में चला गया।
भूपेश ने पिछले पांच सालो में किसान को केंद्र में ज्यादा रखा। इसमें लोगो को आपत्ति नहीं; पर एक बड़े वर्ग की बात को अनसुनी करना नागवार गुजरा, तो लोगो ने सरकार बदल दिया। दरअसल, छत्तीसगढ़ के लोगो को एक स्वच्छ, लोक कल्याणकारी सरकार की दरकार है। बेशक जनकांक्षाए बड़ी है; और सरकार के सामने इस पूरा करने की चुनौती है।
आमलोग चाहते है भाजपा की इस नई राज्य सरकार में पीएससी जैसा कोई घोटाला न हो। जायज आंदोलनों पर सरकार का व्यवहार मनमानीपूर्ण ढंग का न हो। लोकतांत्रिक तरीके से होने वाले आंदोलनों को कम नहीं आंके। भारत की सांसद में पीला धुंआ लेकर घुसने के दुस्साहस करने स्थिति नही आए।
बताते चले कि सरकारी कर्मियों के इतर बस्तर में आधा दर्जन आदिवासी संगठन कई साल से आंदोलन कर रहे है। भूपेश के पहले रमन सिंह ने भी उन आंदोलनों को खत्म करने की ज्यादा कोशिश नही की। विष्णु देव की सरकार के सामने छत्तीसगढ़ में यह चुनौती है कि मोदी की गारंटी पूरी करे।
…मोदी की गारंटी पर छत्तीसगढ़ के लोगो का भरोसा कहां तक पूरा होता है, लोकसभा चुनाव में झलक दिखेगा।