संसद की सुरक्षा में सेंध
नईदिल्ली । संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में बड़ा अपडेट है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने राजस्थान से आरोपियों के मोबाइल फोन के जले हुए हिस्से, कपड़े और जूते बरामद किए हैं।पुलिस के अनुसार, सभी आरोपियों के फोन कथित रूप से मास्टरमाइंड ललित झा के पास थे। उसने पहले सारे फोन तोड़ दिए और फिर उन्हे आग के हवाले कर दिया।इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की सुरक्षा मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है।
13 दिसंबर को शून्य काल के दौरान 2 युवक अचानक से दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे और बेंचों पर कूदते हुए गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी।सांसदों ने मिलकर दोनों को पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। संसद के बाहर भी एक महिला और युवक पीले रंग का धुआं उड़ाते गिरफ्तार किए गए।इस पूरे मामले में अब तक मास्टरमाइंड ललित समेत कुल 6 आरोपियों को गिरफ्तारी हो चुकी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना से जुड़े कई अहम सबूत बरामद हुए हैं। इनमें आरोपियों के मोबाइल फोन के हिस्से और उनकी अन्य चीजें शामिल हैं।इन सभी सूबतों की पुलिस लैब में जांच कराई जाएगी और टीम यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि आरोपियों के मोबाइल फोन में ऐसे क्या सबूत थे, जिन्हें जलाकर नष्ट किया गया है।
शनिवार को मामले में छठे आरोपी महेश कुमावत को गिरफ्तार किया था। यह घटनाक्रम तब हुआ, जब अधिकारियों ने पुष्टि की कि महेश ने पूरी साजिश रचने में ललित की मदद की थी।पुलिस को महेश के इंस्टाग्राम अकाउंट से पता चला कि इनके द्वारा क्रांति के नाम पर युवाओं को भड़काने और उनका ब्रेन वॉश करने की साजिश की जा रही थी।पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी क्रांतिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी वीडियो बनाते थे।
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने संसद में गैस कनस्तर से रंगीन धुआं छोडऩे से पहले आत्मदाह और पर्चे बांटने की योजना भी बनाई थी, लेकिन बाद में उन्होंने यह प्लान कैंसिल कर दिया।इससे पहले 14 दिसंबर को कथित मास्टरमाइंड ललित ने दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जो घटना के बाद राजस्थान भाग गया था और उसकी नागौर में महेश और उसके चचेरे भाई कैलाश ने छिपने में मदद की थी।
इस बीच दिल्ली पुलिस मामले में भाजपा सांसद प्रताप सिन्हा का बयान दर्ज कर सकती है। उन्हें इसके बारे में सूचित भी कर दिया गया है और जांच टीम उनके निजी सहायक के बयान भी दर्ज कर सकती है।साथ ही कि जांच टीम घटना को अंजाम देने वाले युवकों को फिर से संसद ले जाकर यह कृत्य दोहरा सकती है और इसके लिए संसद की अनुमति मांगी जाएगी ताकि सदन के अंदर क्राइम सीन को दोहराया जा सके।
संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, संसद में जो घटना हुई, उसकी गंभीरता से जरा भी कम नहीं आंकना चाहिए। इसके पीछे कौन-से तत्व हैं, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, सुरक्षा में चूक जरूर हुई है, लेकिन इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बेरोजगारी और महंगाई है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण हिंदुस्तान के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है।