ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर बृहस्पतिवार को वट सावित्री व्रत रखकर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु के लिए कामना की। सुहागिन महिलाएं शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित वट वृक्ष के नीचे एकत्रित हुईं। इसके बाद विधिवत पूजा किया। सबसे पहले वट वृक्ष को हल्दी का लेप लगाया। फिर पीला धागा को लपेटते हुए सात बार परिक्रमा की। इसके बाद जल अर्पण किया। पूजन के बाद महिलाओं ने व्रत को खोला। दुर्गा माता मंदिर के पुजारी अरुण कुमार शुक्ला ने बताया कि मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत को रखने से परिवार के लोगों को सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं। बहुत से लोग ये भी मानते हैं कि इस व्रत का महत्व करवा चौथ के जितना होता है।
वट वृक्ष का पूजा करने के लिए सुहागिन महिलाएं शहर के इंदिरानगर स्थित ऋषि आश्रम और कटिया टोला में साईं बाबा मंदिर के सामने वट वृक्ष के नीचे जुटीं। इसी तरह से पोस्ती पाकड़ में बाबा वनखड़ी नाथ मंदिर, हुंडाल खेल में प्राचीन मंदिर, बहादुरगंज में वट वृक्ष के नीचे भी महिलाओं का जमावड़ा लगा और पूजा अर्चना संपन्न की गई।