छत्तीसगढ़ हर्बल के तहत आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य पदार्थो व हर्बल सहित कुल 45 प्रकार की सामग्रीयों का किया जा रहा विक्रय
एमसीबी/ मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ में उपलब्ध औषधीय पौधों के संग्रहण और प्रसंस्करण का काम विशेष तौर से वनवासी करते हैं। वहीं वन क्षेत्रों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा भी हर्बल उत्पादों को तैयार किया जा रहा है। राज्य शासन ने इन हर्बल उत्पादों को ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” ब्रांड नाम दिया और इन उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों को अपनाया। इस कड़ी में प्रदेश के सभी जिला में केंद्रों हर्बल ब्रांड प्रारंभ किए गये है। जहां से छत्तीसगढ़ में उत्पादित और निर्मित हर्बल उत्पादों की बिक्री की जा रही है। इसके अलावा माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा निर्देशित किया गया हैं कि राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रम नगर निगमों इत्यादि द्वारा राज्य के विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा प्रसंस्कृत किये जा रहे हर्बल उत्पादों को जिनका विक्रय छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा विभिन्न संजीवनी केंन्द्रो के माध्यम से ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” के नाम से किया जा रहा है। विभाग की आवश्यकता के अनुसार अनिवार्य रूप से क्रय किया जाये।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों एवं लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्धारित दर पर सीधे क्रय किये जाने के निर्देश है। अतः समस्त शासकीय संस्थाओं द्वारा ऐसी सामग्रियों जिसका विक्रय ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है, को अनिवार्य रूप से अधिकृत खुदरा मूल्य पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय किया जाये। इसी के परिपालन में जिले के कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष के बाहर स्टाल लगा कर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” ब्रांड के अंतर्गत आयुर्वेदिक दवाओं, खाद्य पदार्थो व हर्बल के कुल 45 प्रकार की सामग्रियों का विक्रय किया गया व समय सीमा बैठक में आये सभी शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बढ़-चढ़ कर ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” ब्रांड की सामग्रियों का क्रय किया गया। जिनमें अधिक मात्रा में शहद, च्यवनप्राश, आँवला, अचार, करील अचार, कटहल अचार, महुआ अचार, मेहदी पावडर, मधुमेह नाशक जैसी कई आयुर्वेदिक सामग्रियों का क्रय किया गया। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स” ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केंद्र के माध्यम से कुल 5160 रूपये तक की सामग्रियों का विक्रय हुआ।