यहां हैं निवेश और व्यवसाय की भरपूर संभावनाएं
मध्य प्रदेश को मिल चुका है मिनरल ऑप्शन के लिए पहला पुरस्कार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेंगलुरू इन्वेस्ट मीट में उद्योगपतियों को खनिज क्षेत्र में निवेश के लिये करेंगे प्रोत्साहित
मध्यप्रदेश में जल्दी ही एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन मैंगनीज के 33 ब्लॉक की नीलामी होने जा रही है। इसी प्रकार 17 कोल ब्लॉक के ऑक्शन भी प्रक्रिया में है। प्रमुख खनिजों के 20 ब्लॉक ऑक्शन की प्रक्रिया में है। इनमें मैंगनीज, डायमंड बॉक्साइट, लेटराइट, गोल्ड, बेस मेटल और लाइमस्टोन हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में खनिज संपदा में निवेश की बहुत ज्यादा संभावना बनी हैं। पिछले साल एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट है। मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर भरपूर कोयला भंडार है। कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स में होता है। इनसे संबंधित उद्योगों के लिए निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं।
इसी प्रकार चूना पत्थर का भी प्रदेश में भरपूर भंडार है। यहां रीवा, सतना, सीधी, मैहर, दमोह, कटनी पन्ना, धार और नीमच में भरपूर भंडार है। देश के कुल लाइमस्टोन भंडार का 9% मध्यप्रदेश में है। इस दृष्टि से सीमेंट उद्योग के लिए मध्यप्रदेश एक आदर्श निवेश स्थान है। यहां जो लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधार हुआ है इस दृष्टि से भी मध्यप्रदेश से देश के सभी राज्यों का संपर्क बेहतर हो गया है।
देश में उपलब्ध डायमंड भंडार का 90% मध्यप्रदेश में पाया जाता है। यह अकेले पन्ना और छतरपुर में है। इस दृष्टि से यहां डायमंड बिजनेस पार्क और और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक की पहचान की गई है।
मध्यप्रदेश पायरोफ्लाइट के उत्पादन में भी अग्रणी राज्य है। यहां देश के उत्पादन का 41% उत्पादन हो रहा है। देश में सर्वाधिक भंडार 14 मिलियन टन मध्यप्रदेश में है, जो छतरपुर, शिवपुरी और टीकमगढ़ में है। इसके भंडारण को देखते हुए देश में सेरेमिक, पॉटरी, पोर्सलिन और टाइल्स उद्योगों के लिए सबसे लाभकारी निवेश स्थान है।
समृद्ध खनिज संपदा
पूरा मध्यप्रदेश खनिज संपदा से भरा पड़ा है। ग्वालियर और शिवपुरी में आयरन और क्वार्ट्ज और फ्लैगस्टोन पाया जाता है। झाबुआ और अलीराजपुर में रॉक फास्फेट डोलोमाइट, लाइमस्टोन, मैंगनीज और ग्रेफाइट मिलता है। नीमच में लाइमस्टोन, बैतूल में कोल, ग्रेफाइट ग्रेनाइट, लेड और जिंक मिलता है। छिंदवाड़ा में कोल, मैंगनीज और डोलोमाइट मिलता है बालाघाट में कॉपर, मैंगनीज, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, मंडला और डिंडोरी में डायमंड, डोलोमाइट और बॉक्साइट, सिंगरौली में कोल, गोल्ड, आयरन और शहडोल, अनूपपुर, उमरिया में कोल, कॉल बेड मीथेन, बॉक्साइट, सागर, छतरपुर और पन्ना में डायमंड, रॉक फॉस्फेट डायस्पोर, आयरन और ग्रेनाइट मिलता है। जबलपुर में डोलोमाइट, आयरन अयस्क, लाइमस्टोन, मैंगनीज, गोल्ड और मार्बल मिलता है।
देश में कोयल का उत्पादन 3 लाख 61 हजार 411 मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 30 हजार 916 मेट्रिक टन कोल्ड रिजर्व है, जो देश का 8 प्रतिशत है। इसीप्रकार चूना पत्थर देश में 19028.5 मैट्रिक टन है और मध्यप्रदेश में 1692 मिट्रिक टन है, जो देश का 9% है। लौह अयस्क देश में 6209 और मध्यप्रदेश में 54.1 मीट्रिक टन है, जो देश का एक प्रतिशत है।
इसी प्रकार तांबा देश में 163.9 मैट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 120.4 मीट्रिक टन है, जो देश का 73 प्रतिशत है। इसी प्रकार मैंगनीज अयस्क 75.0 मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 19.6 मिट्रिक टन है, जो देश का 26% है। बॉक्साइट 640.5 मीट्रिक टन है और मध्यप्रदेश में 18.6 मीट्रिक टन है, जो देश का तीन प्रतिशत है। रॉक फॉस्फेट देश में 30.9 मैट्रिक टन रिजर्व है और मध्यप्रदेश में 9.0 मीट्रिक टन है, जो 29% है।
राष्ट्रीय रैंकिंग में भी आगे
राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश तांबा, मैग्नीज और हीरा उत्पादन में पहले स्थान पर है। इसी तरह रॉक फास्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है।