जिले में ऋण पुस्तिका का टोटा, ज्वाला एक्सप्रेस न्यूज की खबर के बाद आनन फानन में चालान जमा किया गया।
कानूनगो शाखा फिर भी नहीं दे पा रहा है किसके पास कितना किसान किताब है।
एक हजार में नौ सौ बाटे सैकड़ा का हिसाब किताब में गोल माल
मांग 24 हजार से अधिक की मिली मात्र 3 हजार किसान किताब की
। दुर्ग।जिले में पिछले कई महीने से ऋण पुस्तिका का टोटा चल रहा है। ऋण पुस्तिका लेने अनेक लोग महीनों से चक्कर काट रहे हैं, फिर भी उन्हें ऋण पुस्तिका नहीं मिल पा रहा है। जिले मांग 24 हजार 300 ऋण पुस्तिका की मांग है मगर मांग पत्र भेजने के दो माह बाद मात्र 3 हजार ऋण पुस्तिका मिल पाया। इससे सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि लोगों को ऋण पुस्तिका के लिए कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक जिले के अकेले दुर्ग तहसील में 10000 हजार ऋण पुस्तिका की मांग है मगर मांग के हिसाब से जी ऋण पुस्तिका उपलब्ध कराए गए हैं वह बहुत ही कम इसकी वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। एक व्यक्ति ने है। बताया कि वे विगत 8-9 महीने से ऋण पुस्तिका के लिए भटक रहे हैं। रूद्ध इसी प्रकार पाटन एवं भिलाई 3 तहसील में 5-5 हजार ऋण लवार्य पुस्तिका की मांग है। वहीं धमधा 3000, अहिवारा 1000 एवं बोरी तहसील में 300 ऋण पुस्तिका की मांग है।
प्रतिदिन होती है सैकड़ा भर से अधिक रजिस्ट्री जिले में प्रतिदिन पंजीयन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री के
लिए सैकड़ा भर से अधिक दस्तावेज आते हैं। इसके अलावा बंटवारा के भी बहुत सारे प्रकरण आते हैं, जिन्हें भी ऋण पुस्तिका के लिए भटकना पड़ता है। लोगों का कहना है कि ऋण पुस्तिका की किल्लत के चलते कई बार लोग दलाल के चंगुल में फंस जाते हैं, इससे लोगों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।
दुर्ग जिले में पटवारी कर रहे किसान किताब का बदरबांट,अंधा बांटे रेवड़ी……. के दे।
ऋण पुस्तिका प्रिंटिंग का 3 लाख रुपए बकाया
अधीक्षक भू अभिलेख आदित्य कुंजाम का कहना है कि संचालनालय को जून माह में 24 हजार से अधिक ऋण पुस्तिका की मांग की गई थी, इसके बाद पिछले माह 3000 ऋण पुस्तिका ही जिले को मिल पाया जो तहसीलों को भेज रहे हैं। उनका कहना है बार-बार मांग को लेकर पत्र लिख हैं। उन्होंने बताया कि जिले में राजनांदगांव एवं रायपुर स्थित दोनों शासकीय प्रिटिंग प्रेस से प्रिंट होकर ऋण पुस्तिका आता है। उन्होंने बताया कि संचालनालय से मिले पत्र के अनुसार वर्ष 2017-18 में जिले को प्रदाय किए गए ऋण पुस्तिका प्रिटिंग का 3 लाख रुपए देना बाकी है।