आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी सिंह का नाम आगे बढ़ाकर आबादी मतलब महिला शक्ति को साधने का सियासी दांव चल दिया है।
दिल्ली की राजनीति में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने नया दांव चल दिया है। आतिशी सिंह को दिल्ली की अगली सीएम बनाकर महिला वोटर यानी आधी आबादी को साधने का प्रयास किया है। इसका असर दिल्ली में ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा के विधानसभा चुनाव पर भी देखने के लिए मिल सकत है। संदेश साफ है पार्टी में महिलाओं को प्रमुख्ता से तरजीह दी जाती है। इसलिए महिलाएं पार्टी का समर्थन करें। हरियाणा अरविंद केजरीवाल का गृह राज्य है और यहां 5 अक्तूबर को वोटिंग होगी।
केजरीवाल ने देश की 47 करोड़ से महिला वोटरों को संदेश देने के लिए आतिशी के नाम को आगे बढ़ा दिया है। केजरीवाल ने अचूक रणनीति का परिचय देते हुए आतिशी को मुख्यमंत्री बनाकर देशभर की महिला वोटरों को साधने का काम किया है।
राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि दिल्ली के नए सीएम के लिए कई नाम चल रहे थे। इनमें आतिशी, राखी बिडलान, कुलदीप सिंह, कैलाश गहलौत, गोपाल राय व सौरभ भारद्वाज आदि शामिल थे। ऐसा कहा जा रहा था कि मौजूदा सियासत में विधायक कुलदीप कुमार की लॉटरी लग सकती है। वजह, वे अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। अगर केजरीवाल उन्हें मुख्यमंत्री बनाते तो वे हरियाणा के अलावा दूसरे चुनावी राज्यों को भी साध सकते थे।
केजरीवाल ने बढ़ाया आतिशी का नाम
सूत्रों का कहना है कि खुद केजरीवाल ने आतिशी का नाम पीएसी में खुद रखा था। यह एक ऐसा नाम था, जिस पर पीएसी के सभी सदस्य सहमत थे। खास बात है कि आतिशी की कार्यशैली से केजरीवाल की पत्नी सुनीता भी खासी प्रभावित रही हैं। अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उन्होंने बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी भूमिका का निर्वहन किया था।
सीएम पद के लिए आतिशी का नाम आगे करने के पीछे केजरीवाल की मंशा, दूर का लक्ष्य साधना था। उन्होंने एक ऐसी महिला का नाम आगे किया, जिन पर कोई आरोप नहीं था। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा शुरू की गई पहल को विदेशों में भी सराहना मिली थी। आतिशी ने उस वक्त अपनी जिम्मेदारी का प्रभावी तरीके से निर्वहन किया, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, दोनों ही जेल में बंद थे। आतिशी ने एक बेहतरीन प्रशासक के तौर पर अपनी छाप छोड़ी है।
दूसरा, सबसे बड़ा फैक्टर, वे महिला हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को सीएम बनाकर देशभर की महिलाओं को साधने का प्रयास किया है। उन्होंने संदेश दिया है कि दो राज्यों में ‘आप’ की सरकार है। पंजाब में भगवंत मान सीएम हैं तो अब दिल्ली की कमान आतिशी को सौंपी जा रही है। यानी ‘आप’ के मुख्यमंत्री पद में महिला को पचास प्रतिशत की हिस्सेदारी मिल गई है। अब केजरीवाल हरियाणा या दूसरे जिस भी चुनावी राज्य में प्रचार के लिए जाएंगे, वहां पर वे कह सकते हैं कि उन्होंने एक महिला को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया है।