रांची झारखंड में चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कम से कम पांच नए चेहरे होंगे। खबर है कि नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर सोमवार को सीएम आवास में सोरेन ने अपने विश्वस्त लोगों के साथ विमर्श किया है। इसके पहले गठबंधन के अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी।
गठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद कोटे वाले मंत्रियों का नाम इन दलों के आलाकमान तय करेंगे। गठबंधन की एक अन्य साझीदार सीपीआई (एमएल) ने अब तक मंत्रिमंडल में भागीदारी पर निर्णय नहीं लिया है। अगर ऐसा होता है तो राज्य में पहली बार सरकार में सीधे तौर पर किसी वाम पार्टी की भागीदारी होगी। झारखंड के मंत्रिमंडल में सीएम सहित अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। गठबंधन में झामुमो के 34, कांग्रेस के 14, राजद के 4 और सीपीआई (एमएल) के 2 विधायक हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में झारखंड मुक्ति मोर्चा से छह, कांग्रेस से तीन या चार, राजद से एक या दो और सीपीआई (एमएल) से एक विधायक को शामिल किया जा सकता है। झामुमो कोटे से इस बार नए मंत्रियों के रूप में जामा सीट से जीत दर्ज करने वाली लुईस मरांडी, महेशपुर के विधायक स्टीफन मरांडी, टुंडी के विधायक मथुरा महतो और भवनाथपुर के विधायक अनंत प्रताप देव के नाम की चर्चा है।
चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ और घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में रिपीट किया जाना तय माना जा रहा है। कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में लोहरदगा के विधायक रामेश्वर उरांव, पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव, महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह और बेरमो के विधायक अनूप सिंह के नाम की चर्चा है।
राजद कोटे से देवघर के विधायक सुरेश पासवान का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अगर 28 नवंबर तक मंत्रिमंडल के सभी नामों पर सहमति नहीं बनी तो हेमंत सोरेन के साथ दो या तीन मंत्री शपथ ले सकते हैं। शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट की पहली बैठक की भी तैयारी चल रही है, जिसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं।