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दुर्ग - भिलाई
खरीफ 2025 हेतु दुर्ग संभाग में मांग के विरूद्ध 80 प्रतिशत उर्वरक उपलब्ध
दुर्ग/ दुर्ग संभाग में अच्छी बारिश होने के कारण खरीफ 2025 में फसलों की बोनी का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। धान की रोपाई का कार्य जारी है। खाद, बीज की उपलब्धता समय पर सुनिश्चित किये जाने हेतु कृषि विभाग द्वारा बीज एवं खाद के भण्डारण वितरण की नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है।
संयुक्त संचालक कृषि के अनुसार दुर्ग संभाग में अप्रेल 2025 से 18 जुलाई तक मांग के विरूद्ध 80 प्रतिशत उर्वरक उपलब्ध कराया जा चुका है। यूरिया 99362 मे. टन, डीएपी 33856 मे. टन, एसएसपी 66818 मे. टन, पोटाश 26405 मे. टन एवं एनपीके 46079 मे. टन मार्कफेड द्वारा संभाग के डबल लॉक एवं सहकारी समितियों में भण्डारित कराया गया है। कुल 272519 मे. टन उर्वरक उपलब्धता के विरूद्ध 216908 मे. टन का किसानों को वितरण कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा चुका है। आगामी 2-3 दिनों में यूरिया 5199.59 मे.टन एवं डीएपी 1350 मे. टन संभाग के विभिन्न जिलों को प्रदाय करने हेतु रेक लगने वाली है।
इस वर्ष डीएपी खाद की उपलब्धता सीमित होने के कारण किसानों को वैकल्पिक खाद के रूप में एसएसपी और एनपीके खाद अपनाने की सलाह दी जा रही है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुशंसा अनुसार प्रति एकड़ संतुलित उर्वरक उपयोग के विकल्प से संबंधित पोस्टर बैनर सभी समितियों में लगाया गया है एवं मैदानी विस्तार अमलों के माध्यम से कृषकों के मध्य इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। फसल रकबा और मिट्टी परीक्षण आधारित संतुलित उर्वरक उपयोग की अनुशंसा के अनुसार निर्धारित मात्रा में सहकारी समितियों द्वारा किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। एक बोरी डीएपी के स्थान पर 20 किग्रा. यूरिया और डेढ़ बोरी (75 किग्रा.) एसएसपी का उपयोग कर किसान डीएपी के बराबर पोषक तत्वों की पूर्ति फसल में कर सकते हैं। इससे किसान को एक बोरी डीएपी की लागत राशि 1350 रूपए की तुलना में राशि 892 रूपए ही वहन करना पड़ेगा। साथ ही कृषकों को ठोस यूरिया एवं डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में तरल नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है तथा कृषकों के मांग के अनुरूप उपलब्ध कराया जा रहा है।
समस्त निजी कृषि केन्द्रों एवं सहकारी समितियों का मैदानी अमलों और उर्वरक निरीक्षकों द्वारा अभियान चलाकर निरीक्षण किया जा रहा है। संभाग में 18 जुलाई 2025 की स्थिति में 19 उर्वरक विक्रय केन्द्रों का विक्रय प्रतिबंध, 03 विक्रय केन्द्रों का लायसेंस निलंबन एवं 01 विक्रय केन्द्र का लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही की जा चुकी है।
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