आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत-चीन के बीच किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न रहे, इसके लिए हमने बातचीत का रास्ता अपनाया है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा पहले बातचीत करता है.
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-चीन सीमा विवाद के साथ-साथ देश के भीतर सेना को लेकर हो रही राजनीति पर बयान दिया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सेना को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बीते दिनों दावा किया था कि चीफ ऑफ आर्मी ने ये कहा कि लद्दाख सेक्टर में घुसपैठ हुई थी. इसी पर सेनाध्यक्ष ने उन्हें जवाब दिया.
‘हमने चीन के साथ बातचीत का रास्ता अपनाया’
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सेना प्रमुख ने कहा कि हमने चीन के साथ बातचीत के रास्ते को आगे बढ़ाया है. उन्होंने कहा, “भारत-चीन के बीच बातचीत से सभी संदेह दूर होंगे. हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न रहे. इसके लिए हमने कोर कमांडर्स को पावर दी है कि वे अपने लेवल तक इस पर फैसला ले सकें. इसके लिए उन्हें किसी भी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं है.”
‘पहले कहा जाता था दिल्ली से हुक्म आएगा’
आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “पहले सीमा पार से हमें कहा जाता था कि साथी आपका हुक्म तो दिल्ली से आएगा, हम तो यहीं से फायर कर देंगे.” उपेंद्र द्विवेदी महिलाओं को सेना में शामिल करने के हिमायती रहे हैं. उन्होंने महिलाओं को देवी काली की तरह सेना में शामिल करने को लेकर फिर से बयान दिया. इस दौरान उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का भी जिक्र किया.
आर्मी चीफ ने हथियारों की बिक्री को लेकर कहा, “हमारे यहां अब विदेशों से हथियार भेजे जा रहे हैं. ऐसा इसलिए हो पा रहा है क्योंकि अब हथियार बनाने वाली कंपनियों को आसानी से लाइसेंस मिल रहा है और उन्हें छूट भी मिल रही है. भारत हमेशा पहले बातचीत का रास्ता खोजता है, लेकिन जब जरूरी होगा तो हम जंग से भी पीछे नहीं हटेंगे.”