दुर्ग/ राज्य स्तरीय बेंच प्रेस व डेड लिफ्टिंग प्रतियोगिता में मारपीट की घटना का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। प्रतियोगिता के दौरान दुर्ग के जिम ट्रेनर प्रकाश चक्रवर्ती से हुई मारपीट को लेकर आज एसपी से शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया है कि प्रकाश चक्रवर्ती से मारपीट के बावजूद उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है। उलटे मारपीट करने वाले लोग पीड़ित के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं।
प्रेस कांफ्रेंस में प्रकाश चक्रवर्ती ने कहा है कि प्रतियोगिता के दौरान बिलासपुर के खिलाड़ियों द्वारा लगातार भेदभाव किया जा रहा था। प्रतियोगिता के आयोजकों से इसकी शिकायत की लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। प्रतियोगिता के निर्णायकों से भी शिकायत की गई जिसे उन्होंने सही करार दिया। इस मामले में हुए विवाद के बाद भेदभाव और नियम तोड़ने वाले बिलासपुर और दुर्ग के खिलाड़ियों ने शिकायतकर्ता से मारपीट कर दी।
प्रतियोगिता में गड़बड़ी की शिकायत करने वाले ट्रेनर प्रकाश चक्रवर्ती पर रॉड और प्लेट से प्राणघातक हमला किया गया। उनके सिर से खून बहने लगा। अस्पताल ले जाने पर उनके सिर पर 9 टांके लगाए गए। वह दो दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा। मारपीट करने वाले बिलासपुर के मोनीश बंजारे, राहुल सारथी, निसार अहमद, दुर्ग के निखिलेश मून श्रीनू राव के खिलाफ अभी तक अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है।
प्रकाश चक्रवर्ती व उनकी माता आलो चक्रवर्ती ने मांग करते हुए कहा कि प्रतियोगिता के दौरान शिकायत करने से लेकर मारपीट की घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग उनके पास उपलब्ध है। पुलिस अफसरों को ये वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाई गई है। प्राणघातक हमला करने वाले आरोपियों के खिलाफ धारा 307 के तहत अपराध दर्ज होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीनियर खिलाड़ियों को जूनियर वर्ग में खेलने का मौका देकर मैडल देने की शिकायत करने के कारण उन पर सुनियोजित हमला किया गया।
प्रकाश ने कहा कि बिलासपुर के खिलाड़ी ड्र्ग्स लेकर बेंच प्रेस और डेड लिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे। इस मामले की भी जांच होना चाहिए। आयोजकों ने हर खिलाड़ी से 5 सौ रुपए फीस ली और जिन खिलाड़ियों ने डिस्ट्रिक्ट लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था, उनसे 8 सौ रुपए तक फीस ली गई। इस पूरे आयोजन में करीब साढ़े 4 लाख रुपए इकट्ठा किया गया। प्रतियोगिता आयोजन में एकतरफा ढंग से पक्षपात होता रहा।

