उदयपुर. दुर्ग संभाग के राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ रिसायस के राजा व विधायक रहे दिवंगत स्व. देवव्रत सिंह अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह की प्रताडऩा और फरेब से परेशान थे। इसे लेकर उन्होंने छुईखदान थाने में दो बार की शिकायत भी की थी।
इसका खुलासा सूचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में हुई है। छुईखदान पुलिस ने सत्यापित प्रति दी है। स्व. देवव्रत की हृदयघात से दिवाली के दिन तड़के मौत हो गई थी। इस तरह के मामले सामने आने के बाद पहली पत्नी पदमा सिंह, पुत्र आर्यव्रत सिंह, पुत्री शताक्षी सिंह व बहनों की मांग पर उदयपुर के पैलेस को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। बता दें कि अपनी पहली पत्नी को तलाक देने के बाद स्व. विधायक ने यूपी के बाहुबली की बहन से शादी की थी।
खैरागढ़ राज परिवार में कलह, मौत से पहले MLA देवव्रत ने पुलिस को बताया प्रताडि़त करती है दूसरी पत्नी, यूपी के बाहुबली की है बहनnullछुईखदान पुलिस की माने तो खैरागढ़ राज परिवार के वारिस व विधायक रहे देवव्रत सिंह ने 13 जुलाई 2021 को छुईखदान पुलिस को प्रेषित आवेदन में कहा है कि मेरी द्वितीय पत्नी द्वारा मुझे कई प्रकार से षड्यंत्र पूर्वक व्यवहार किया जा रहा है, जिससे मानसिक अवसाद में हूं। मेरे विरूद्ध कोई भी झूठी शिकायत विभा सिंह द्वारा कराई जाती है तो तस्दीक कर जांच उपरांत विधिसम्मत कार्रवाई हो। स्व. देवव्रत सिंह ने छुईखदान पुलिस को सौंपे पांच पन्ने के आवेदन पत्र में कहा है कि उनकी ग्राम उदयपुर थाना छुईखदान जिला राजनांदगांव में रखे पैतृक ज्वेलरी, स्वर्ण स्वर्ण जडि़त गले का हार 2 नग, 2 नग चैन, 2 नग पायल, अंगूठी, कान का झुमका बाली, को बीना बताए लखनऊ उत्तर प्रदेश में गिरवी रखने एवं बिक्री करने की शिकायत की थी।
देवव्रत सिंह ने पुलिस को दी जानकारी में कहा था कि विभा सिंह, पुरूष मित्र लखनऊ निवासी कासिफ खान के साथ रहने की जिद करती रही। मेरे मना करने पर गाली, गलौज धमकी देती है। बच्चों के सामने अश्लील हरकत करने से विवाद बढ़ता गया। स्व. देवव्रत सिंह की पुत्री शताक्षी सिंह व नाबालिग पुत्र आर्यव्रत सिंह, पिता स्व. राजा देवव्रत सिंह पालक संरक्षिका पदमा सिंह व देवव्रत सिंह की बहनें उज्जवला सिंह, स्मृति सिंह एवं आकांक्षा सिंह ने खैरागढ़ के अनुविभागीय दण्डाधिकारी को गत माह प्रेषित पत्र में कहा है कि स्व. राजा देवव्रत सिंह के निवास खैरागढ़ में स्थित उनके महल कमल विलाश पैलेश में आधिपत्य संबंधित किसी प्रकार के विवाद के बचाव के लिए महल को सील करने बाबत पूर्व में प्रस्तुत आवेदन के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत है।
इस संंबंध में कलेक्टर द्वारा एसडीएम खैरागढ़, तहसीलदार को आदेश कर 30 दिसंबर को उदयपुर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हंैै। छुईखदान पुलिस सूत्रों के अनुसार स्व. देवव्रत सिंह द्वार शिकायत पत्र थाने मेें दिया गया है। जिन्हें पारिवारिक मामले की वजह से उन्हें फेना दिया गया था। उनकी शादी विभा सिंह के साथ 28 अप्रैल 2017 को विधि रूप से जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में संपन्न हुआ। विवाह के मात्र 6 माह ही ठीक रहे, इसके बाद वह उदयपुर में नहीं रहूंगी। मुझे (विभा) अपनी पुत्री दिव्यांशी सिंह, जो विभा के पूर्व पति से उत्पन्न संतान है को पढ़ाई कराउंगी कहकर लखनऊ चली गई। तीन माह बाद अपनी पुत्री दिव्यांशी को लेकर आई। तीन माह रहने के पश्चात 2018 में भोपाल एवं मुंबई अपने बच्चों के साथ चली गई। मेरी पहली व पूर्व पत्नी पदमा सिंह से उत्पन्न पुत्र आर्यव्रत सिंह एवं पुत्री शताक्षी सिंह सहित गए थे, जहां वह अपने पुरूष मित्र लखनऊ निवासी कासीफ खान को ले जाने के लिए दबाव बनाने लगी।
झूठे आरोप में फंसाने की जताई थी आशंका
स्व. देवव्रत सिंह ने प्रेषित आवेदन में कहा कि विभा सिंह द्वारा उनके पैतृक संपत्ति को बिना बताए गिरवी रखने या बेचने का प्रयास कर रही है। मुझ पर झूठे आरोप लगाकर प्रताडि़त करते रहती है तथा मुझे किसी भी झूठे आरोप लगाकर फंसा सकती है, जिसकी सूचना छुईखदान पुलिस को इतला रिपोर्ट 8 अगस्त 2021 को किया था। इसके साथ प्रकरण से संबंधित घटनाक्रम से जुड़े कथित पेन ड्राइव जिसमें वीडियो क्लिप भी पुलिस को सौंपी थी। स्व. देवव्रत सिंह ने बताया था कि उन्हें पता चला कि विभा सिंह का पूर्व विवाह एक मुस्लिम युवक से मुस्लिम रीति रिवाज हुआ था एवं उनके दांपत्य जीवन में पुत्री का जन्म हुआ था। बेटी दिव्यांशी जिसके बारे में मुझे जानकारी नहीं दी गई।
विभा सिंह मुझे प्रताडि़त करते रही है। मेेरे मान सम्मान राजनीतिक भविष्य को खत्म करने की धमकी भी देती रही है तथा मुझे ब्लैकमेलिंग भी करती रही है। देवव्रत सिंह ने बताया था कि विभा सिंह सुखीपूर्वक सुरक्षित भविष्य के लिए खैरागढ़ में कमल विलास पैलेश के सामने पौने दो एकड़ बेशकीमती भूमि एवं गंजीपारा में पांच कीमती भूखंड प्लाट कीमती लगभग एक करोड़ उसके नाम से पंजीयनदान पत्र से कराया एवं उसे संपत्ति का स्वामीनी बनाया। लेकिन उसके व्यवहार में मेरे प्रति कोई बदलाव नहीं आया।
उलटे मेेरे स्वयं की पुत्री शताक्षी सिंह को मानसिक रूप से प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। विधानसभा चुनाव के बाद जनवरी 2019 को आई कुछ दिन रहने के बाद लखनऊ चली गई। उसने अपने पारिवारिक मित्र कासिफ खान से मिलना जारी रखा, लेकिन उसने उसके साथ अपने रिश्तों की जानकारी नहीं दी। पिछले दो वर्षों से मेरा और उसका दांपत्य संबंध नहीं रहा। यह भी कहा कि विभा सिंह ने उसकी बड़ी बहन के साथ भी दुव्र्यव्हार किया। पुलिस दिए आवेदन में देवव्रत ने कहा कि शारिरीक रूप से रोग ग्रस्त होने के बाद भी अनावेदिका विभा सिंह द्वारा मुझे कई प्रकार से षड्यंत्र पूर्वक व्यवहार करते हुए तनाव में रखा।
विवाद गहरने की आशंका
स्व. देवव्रत सिंह की दोनों ही पत्नियों के मध्य विवाद के समाप्ति को लेकर फिलहाल आशा किरण कम ही दिख रही है। 30 दिसंबर को इस विवाद को लेकर चल रहे घटनाक्रम से परदा उठने के अवसर सामने आ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर विभा सिंह भी अपने स्तर पर सवाल, जवाब के लिए उनके नजदीकी सूत्रों के अनुसार तत्पर दिख रही है।