दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (12 सितंबर) को सुनवाई टल गई. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता जैन को स्वास्थ्य आधार पर मिली जमानत 25 सितंबर तक बढ़ाई गई है.
ईडी ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से मांग की है कि जैन को सरेंडर करने को कहा जाए. जैन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में मई 2022 में गिरफ्तार किया था, लेकिन इस साल की शुरुआत में उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी.
क्या दलील दी गई?
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू द्वारा सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किये जाने पर न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने जैन को यह राहत दी. जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी भी मामले की सुनवाई टालने के लिए सहमत हो गए.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जैन की अंतरिम जमानत की अवधि विस्तारित करने के बाद सुनवाई 25 सितंबर के लिए टाल दी.
सत्येंद्र जैन को क्यों मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई को जैन को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के लिए छह हफ्तों की अंतरिम जमानत दी थी. इसने 24 जुलाई को अंतरिम जमानत पांच हफ्ते और बढ़ा दी थी. ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे संबद्ध चार कंपनियों के जरिये धनशोधन करने के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था.
दूसरे आरोपी को भी मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एक अन्य आरोपी अंकुश जैन (Ankhush Jain) को भी मेडिकल आधार पर चार हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया. पीठ ने उल्लेख किया कि उसके बच्चे की सर्जरी होनी है. इस कारण हम राहत दे रहे हैं.