दुर्ग। दुर्ग शहर की स्वच्छता के लिए नगर निगम में जिन लगभग तीन दर्जन लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है, उनका शहर की स्वच्छता में कोई सरोकार नहीं । शहर में हजारों गड्ढे हैं, किंतु एयरकूल्ड गाड़ियों से बाहर पैर नहीं रखने वाले नगर निगम के ब्रांड एम्बेसडरों को इससे रत्ती भर फर्क नहीं पड़ता। दुर्ग शहर के हृदय स्थल इंदिरा मार्केट का आलम यह है कि 2 घंटे की बारिश सहन नहीं कर पाती, नालियां जाम हो जाती है । सड़क व बाजार में पानी भर जाते हैं। इंदिरा मार्केट के पास चिकन मछली दुकान की सारी गंदगियां पानी के जरिए सड़कों पर बिखर जाती है। यहां तक इंदिरा मार्केट क्षेत्र में इसकी बदबू पूरी तरह फैल जाती है । मगर समाधान के ठोस प्रयास बीते सालों में नहीं किए गए। चिकन मार्केट के पास का कुआं कई सालों से साफ नहीं हुआ है । जब शहर के हृदय स्थल की इतनी दुर्गति है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है शहर के सलाम इलाकों का क्या हाल होगा? आमलोग कैसे अपनी जिंदगी जी रहे हैं।
नगर निगम द्वारा बनाए गए ब्रांड एम्बेसडरों को इतना फुर्सत नहीं कि वह गरीब की गलियों और घरों में जाकर उनकी तकलीफ देखने की जय मत उठाएं। शहर में जिन लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है उन्हें सिर्फ नाम से वास्ता है। निगम द्वारा चलाई जाने वाले स्वच्छता अभियान में वे कभी नजर नहीं आते । कभी-कभी डॉक्टर पाणिग्रही ही ऐसे अभियानों में भागीदारी देते हैं। बाकी किसी को कोई मतलब नहीं है।
पूंजीपति वर्ग के लोगों को ब्रांड एंबेसडर क्यों बनाया गया है, यह निगम के लोग ही जाने। जबकि शहर की स्वच्छता में योगदान देने वाले सफाई कर्मचारी, सफाई दीदी व शहर को स्वच्छ बनाने के लिए सोचने वाली व प्रयास करने वाले लोगों को इसमें शामिल करना था। ब्रांड एम्बेसडरों की टीम को देखकर लगता है की महज रस्म अदायगी की गई है। निगम प्रशासन भी पता नहीं किस सोच के आधार पर ऐसे लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया है, जो शहर की समस्याओं को देखना नहीं चाहते। स्वच्छता रैंकिंग में ऊंचे पायदान पर चढ़ने के लिए इच्छुक दुर्ग शहर पता नहीं किस तरह स्वच्छता के मानदंड में मिसाल कायम कर पाएगा। अभी स्थिति यह है कि जल निकासी, नाली, सफाई निष्पादन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर की चीजे का भी विकास ठीक ढंग से नहीं हो सका है। जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई है ,उन्हें मतलब नहीं ।ऐसे में शहर को स्वच्छ शहर कैसे बनाया जा सकेगा? शहर में एक हजार से ज्यादा गड्ढे है। लोग चाहते हैं कि दुर्ग शहर भी इंदौर की तरह ही साफ-सुथरा शहर बने। कम से कम इतनी स्वच्छता हो कि आम लोगों को परेशानी का सामना करना ना पड़े। किंतु व्यवस्था इतनी बुरी है कि लोग तकलीफ में है। मूलभूत नागरिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर पाने वाला नगर निगम, दुर्ग शहर को कैसे एक अदद शहर के तौर पर साज सवार कर सकेगा कहना मुश्किल है?
अभी तो इस शहर का भगवान ही मालिक है। जिन पूंजीपति लोगों को शहर का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है, उनकी जिम्मेदारी है कि शहर के सुवस्थित विकास की दिशा में सुनियोजित प्रयास किया करें ।आपस में विचार विमर्श कर नए लक्ष्य का निर्धारण करें । शहर को कैसे साफ सुथरा रख सकते हैं, आम लोगों को कैसे परेशानियों से निजात दिला सकते हैं, शहर के लोगो को स्वच्छता, जल निकासी कैसे सुलभ हो, इन पर विचार करने वाले लोगों को आगे लाने की जरूरत है। हवा हवाई प्रयासों से ना तो शहर को स्वच्छ रखा जा सकता है, और न जनता को कठिनाइयों से बचाया जा सकता है । इतने वर्षों के तमाम प्रयासों के बावजूद दुर्ग शहर एक स्मार्ट शहर बनता नहीं दिख रहा है तो इसकी वजह यहां के जनप्रतिनिधि और उनके द्वारा लिए गए निर्णय है।
दो साल में एक या दो बार हुई बैठक –
दुर्ग शहर की स्वच्छता के लिए नगर निगम में जिन लगभग तीन दर्जन लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाया उनमे से कई लोगो ने बताया की सागर इंटरनेशनल होटल में एक बार बैठक हुई थी इसके बाद कभी कोई जानकारी नही मिला, तो कुछ ने बताया की निगम से डस्ट बीन इदिरा मार्केट ,अग्रेसन चोक, बटवाया गया था ! अधिकांश लोग यह नही बता पाए की स्वच्छता के लिए नगर निगम ने आपको ब्रांड एंबेसडर क्यों बनाया , क्या आपने स्वच्छता के लिए किसी जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया !
शहर की सफाई और सड़क व्यवस्था को लेकर महापोर और आयुक्त से चर्चा करेगे जहा तक ब्रांड एंबेसडर की बैठक एक बार ही हुई है !
rajendr sahu , ब्रांड एंबेसडर ,दुर्ग नगर निगम
शहर के मुख्य सडको के आजूबाजू में बनी नालियों का कचरा जाम हो गया है जिससे व्यपारियो को समस्या हो रही है महापोर जी को अवगत कराया गया है समस्या का निराकरण किया जा रहा है !
राजेन्द्र सिह भाटिया [राजू भाटिया] ब्रांड एंबेसडर ,दुर्ग नगर निगम
ब्रांड एंबेसडर को आम लोगो की समस्यायों से कोई सरोकार नही है आज की बारिश से शहर के निचली बस्तियों में नालियों का पानी भर गया है ! यही हाल व्यपारियो के दुकानों के सामने बने नालियों की गंदगी सड़क पर आ गई है , राजेन्द्र पार्क के सामने बनाई गई पीडब्ल्यूडी के नाली का पानी बस्तियों में घुस गया !
राकेश सेन [ पार्षद] दुर्ग नगर निगम